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Durga Puja 2023: देहरादून में ONGC की स्थापना से हुई दुर्गा पूजा की शुरूआत, रविंद्र नाथ टैगोर से भी संबंध, पढ़ें पूरी खबर

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 22, 2023, 1:14 PM IST

Updated : Oct 22, 2023, 3:47 PM IST

Durga Puja in Dehradun पूरे देश में इस वक्त नवरात्रि की धूम है. इसी बीच कई जगहों पर अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. वहीं देवभूमि की संस्कृति में आत्मसात होती बंगाल की दुर्गा पूजा की क्या कहानी है, आपको विस्तार से बताते हैं.

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देहरादून में ONGC की स्थापना से हुई दुर्गा पूजा की शुरूआत

देहरादून: इन दिनों पूरा देश मां दुर्गा की भक्ति में रंगा हुआ है. इसी बीच बंगाल में होने वाली दुर्गा पूजा का एक विशेष महत्व है. बंगाली समुदाय शारदीय नवरात्रि की पंचमी तक दुर्गा पूजा की तैयारी करता है और छठे दिन देवी मां का आगमन माना जाता है. बंगाल के लोग महिषासुर मर्दिनी के रूप में मां दुर्गा की पूजा करते हैं. इसके बाद 5 दिनों तक चलने वाले मां दुर्गा पूजा का अनुष्ठान लगातार चलता रहता है.

Durga Puja in Dehradun
दुर्गा पूजा में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं लोग

बंगाल से देवभूमि में ऐसे पहुंचा दुर्गा पूजा अनुष्ठान: देहरादून में दुर्गा पूजा का सबसे बड़ा आयोजन करने वाली दुर्गाबाड़ी संस्था के लोगों ने बताया कि देश की आजादी के बाद जब साल 1956 में ओएनजीसी की स्थापना हुई थी, तभी ओएनजीसी के वॉइस अध्यक्ष पीसी चंद्र और अन्य लोगों की नियुक्ति देहरादून में हुई थी. ये सभी पश्चिम बंगाल से थे. जब दुर्गा पूजा का समय आया तो ओएनजीसी के अधिकारियों को उत्तर भारत में होने की वजह से घर जाने का मौका नहीं मिला. जिससे ओएनजीसी के अधिकारियों ने फैसला लिया कि वह अपने पैतृक गांव में होने वाली दुर्गा पूजा को देहरादून में ही शुरू करेंगे. इस तरह से पहली दफा देहरादून दुर्गाबाड़ी की स्थापना साल 1956 में हुई और दुर्गा पूजा शुरू की गई.

Durga Puja in Dehradun
दुर्गा पूजा पंडाल में ऐतिहासिक कलाकृतियां का समावेश

देहरादून में रविंद्र नाथ टैगोर के आवास पर दुर्गा पूजा: दुर्गाबाड़ी की स्थापना होने के बाद सबसे पहले सवाल आया कि दुर्गा पूजा कहां पर आयोजित की जाएगी. जिससे फैसला लिया गया कि राष्ट्रगान रचयिता रविंद्र नाथ टैगोर, जिनका आवास देहरादून में टैगोर विला के नाम से मौजूद है, वहां पर दुर्गा पूजा आयोजित होगी. साल 1956 से लेकर साल 1971 तक टैगोर विला में ही बंगाली समुदाय के लोगों द्वारा दुर्गा पूजा की गई, लेकिन इसके बाद टैगोर विला के बिक्री हो जाने के बाद देहरादून में मौजूद बंगाली समुदाय के लोगों द्वारा गढ़ी कैंट क्षेत्र में एक भूमि खरीदी गई और वहां पर दुर्गाबाड़ी की स्थापना कर दुर्गा पूजा शुरू की.

Dehradun Durgabari
मेसोपोटामिया सभ्यता की थीम पर बनाया गया पंडाल

देहरादून की दुर्गाबाड़ी में हर साल सजता है मां का दरबार: बिंदाल पुलिस चौकी के सामने मौजूद देहरादून दुर्गाबाड़ी में आज भी ONGC में काम करने वाले तमाम बंगाली समुदाय के लोगों द्वारा दुर्गाबाड़ी में शारदीय नवरात्रों के छठवें दिन से एक भव्य दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है. पूजा में बिहार, उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड के लोग भी बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं.
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ऐतिहासिक कलाकृतियों की थीम से सजाया गया दुर्गा पूजा का दरबार: देहरादून दुर्गाबाड़ी संस्था के सदस्य मनीष मलिक ने बताया कि इस बार दुर्गा पूजा अनुष्ठान की थीम को कुछ पुरानी सभ्यताओं की कलाकृतियां से आच्छादित किया गया है. जिसमें मेसोपोटामिया सभ्यता और रत्नागिरी की पहाड़ियों में मिली कलाकृतियों को दर्शाया गया है. उन्होंने पंडाल में लगे तमाम ऐतिहासिक सभ्यताओं से जुड़ी कलाकृतियां के बारे में बताते हुए कहा कि सनातन धर्म और इसमें होने वाली पारंपरिक पूजन के संबंध में जो कुछ प्रमाण इतिहास में मिले हैं, उनको संजोकर इस प्रांगण में लगाया गया है.

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Last Updated : Oct 22, 2023, 3:47 PM IST
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