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सुसुआ नदी का पानी किसानों के लिए बना आफत, जलीय जीव गंवा रहे जान

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Published : Jun 21, 2019, 5:19 PM IST

मॉनसून की पहली बारिश में ही सुसुआ नदी में गंदगी बहने लगी है. यह गंदगी बहकर नदी के आस-पास के खेतों में जा रही है, जिसके चलते किसानों की चिंता बढ़ गई है.

सुसुआ नदी में लगा गंदगी का अंबार.

डोइवाला: देशभर की नदियों की साफ-सफाई को लेकर सरकार आए दिन दावे कर रहती है लेकिन सरकार के दावे धरातल पर उतरते नहीं दिख रहे हैं. ऐसा हाल देहरादून से निकलने वाली सुसुआ नदी का भी है. बरसात की पहली बारिश में ही सुसुआ नदी में गंदगी का ढेर बहने लगा है. यह गंदगी बहकर नदी के आस-पास के खेतों तक जा रही है, जिससे खेतों में गंदगी बढ़ने लगी है. ऐसे में किसानों की खेती बर्बाद हो रही है, जिसके चलते किसानों की चिंता बढ़ गई है.

सुसुआ नदी में बह रही गंदगी से किसानों की खेती हो रही बर्बाद.

बता दें कि सुसुआ नदी के पानी को किसान खेतों की सिंचाई के लिए उपयोग में लेते हैं लेकिन नदी में बहती नगर की गंदगी और हॉस्पिटल का वेस्टेज भी खेतों में पहुंच रहा है. जिससे किसानों की खेती में बुरा असर पड़ रहा है.

पूर्व प्रधान और किसान उम्मेद बोरा ने बताया कि बरसात में देहरादून की सारी गंदगी और हॉस्पिटल का वेस्टेज नदी में बहाया जा रहा है. जिससे किसानों के खेतों में गंदगी का अंबार लगने लगा है. साथ ही दूषित हो चुके पानी से नदी में रहने वाले जीव भी मर रहे हैं. इतना ही नहीं, राजाजी रिजर्व टाइगर के वन्यजीव भी इसी नदी का पानी पीते हैं जिसके चलते वन्यजीव भी बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं.

किसान उम्मेद बोरा ने बताया कि कुछ सालों पहले तक महाशेर मछली इस नदी में बहुतायत में पाई जाती थीं, जिसके चलते नदी को महाशेर नदी के नाम से भी जाना जाता था लेकिन कचरे और गंदगी से दूषित हो चुके पानी में महाशेर मछलियां नदी से विलुप्त हो गई हैं. अगर सरकार इस नदी में ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाती है तो हालात और भी खराब हो जाएंगे.

Intro:पहली बरसात के पानी आने से सुसुआनदी गंदगी के ढेर में हुई तब्दील यही गंदगी किसानों के खेतों में पहुंच रही
किसान परेशान

सरकार नदियों की साफ सफाई के लाख दावे कर रही है लेकिन देहरादून से निकलने वाली सुसुआ नदी की गंदगी देख कर तस्वीर साफ हो जाती है की सरकार नदियों की साफ सफाई के प्रति कितनी गंभीर दिखाई दे रही है बरसात की पहली बारिश के पानी आने से सुसुआ नदी पूरी तरीके से गंदगी के ढेर में तब्दील हो गई है और यही गंदगी पानी के बहकर किसानों के खेतों में जा रही है।

सुसुआ नदी के पानी से सिंचाई करने वाले किसानों को बरसात आने का भय सता रहा है क्योंकि इसी बरसात के पानी के साथ देहरादून की सारी गंदगी बहकर खेतों तक पहुंच रही है वहीं हॉस्पिटल का वेस्टेज भी नदियों में डाला जा रहा है और यह भी किसानों के खेतों में बहकर आ रहा है जिससे किसान एक बार फिर सुसुआ नदी की पानी में वह कर आ रही गंदगी से चिंतित दिखाई देने लगे हैं और इसी पानी को राजाजी रिजर्व टाइगर के जंगली जानवर भी गंदगी और हॉस्पिटल की वेस्टेज मिले पानी को पी रहे हैं ।


Body:पूर्व प्रधान व किसान उम्मेद बोरा ने बताया कि खेतों के लिए नदियां वरदान होती हैं लेकिन डोईवाला के किसानों के लिए सुसुआ नदी अभिशाप साबित हो रही है बरसात में देहरादून की सारी गंदगी और हॉस्पिटल का वेस्टेज नदी में बहाया जा रहा है और यह सारा गंदगी से भरा पानी और हॉस्पिटल का कचरा किसानों की खेतों में पहुंच रहा है जिससे किसानों के खेतों में गंदगी का अंबार लगने लगा है वही पूरी सुसुआ नदी गंदगी के ढेर में बदल गई है और दूषित भरे पानी से पानी के जीव भी मर गए हैं और राजाजी रिजर्व टाइगर के वन्यजीव भी इसी नदी का पानी पी रहे हैं और निश्चित रूप से बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं ।


Conclusion:किसान उम्मेद बोरा ने बताया कि इस नदी में कुछ सालों पहले तक महाशेर मछली बहुतायत में पाई जाती थी और इस नदी को महाशेर वाली नदी के नाम से भी जाना जाता था लेकिन कचरे और गंदगी के दूषित पानी से महाशेर मछली मर गई और इस नदी से विलुप्त हो गई अगर सरकार ने इस नदी पर कोई ट्रीटमेंट प्लांट ना लगाया तो यह नदी किसानों की फसलों को खत्म कर देगी । ओर किसानों के आगे संकट पैदा हो जायेगा ।
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