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देहरादून: मॉनसून में डेंगू से निपटेगी QRT, डीएम ने कहा जागरूकता फैलाएं

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Published : Jul 15, 2022, 9:27 AM IST

देहरादून के जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने डेंगू और मलेरिया से निपटने के लिए क्यूआरटी यानी क्विक रिस्पांस टीम बनाने के निर्देश दिए. साथ ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू की बीमारी से बचाव संबंधी जन जागरूकता फैलाने को कहा.

DM R Rajesh Kumar held Meeting
मॉनसून में डेंगू

देहरादूनः मॉनसून सीजन में डेंगू और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में डेंगू की रोकथाम और बचाव को लेकर बैठक की जा रही है. इसी कड़ी में डीएम आर राजेश कुमार ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की और डेंगू की रोकथाम को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. साथ ही जागरूकता टीम के साथ ही क्यूआरटी यानी क्विक रिस्पांस टीम बनाने को भी कहा.

देहरादून जिलाधिकारी आर राजेश कुमार (Dehradun DM R Rajesh Kumar) ने मुख्य नगर आयुक्त, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को डेंगू की प्रभावी रोकथाम के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में क्यूआरटी बनाने के निर्देश दिए. जिसमें स्वास्थ्य विभाग, आशा, आंगनबाड़ी, सुपरवाइजर, नगर निगम निरीक्षक, नगर पालिका, पंचायती राज विभाग और पुलिस विभाग के लोगों को शामिल होने के लिए कहा गया है. साथ ही डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिए जनजागरूकता फैलाने और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ अर्थदंड की कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए.

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डीएम राजेश कुमार ने निर्देश दिए कि सभी निर्माणदायी संस्थाओं जिनके कार्य गतिमान हैं, वहां पानी जमा न रहे. जिन क्षेत्रों से डेंगू के अधिक मरीज आ रहे हैं और पिछले सालों में जिन क्षेत्रों में डेंगू के ज्यादा मरीज चिन्हित हुए हैं, ऐसे क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया जाए. साथ ही उनकी निगरानी की जाए. उन्होंने नगर निगम को डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए फाॅगिंग मशीन से दवाई का छिड़काव करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि जन-जागरूकता अभियान में एनसीसी, एनएसएस, एनजीओ और सिविल सोसाइटी का भी सहयोग लिया जाए. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को डेंगू के लक्षण व बचाव के संबंध में जागरूक किया जा सके. डीएम ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि स्कूलों में बच्चों को फुल ड्रेस (शरीर के सभी अंग ढके रहें) में स्कूल बुलाएं. इसके लिए सभी शासकीय और गैर शासकीय स्कूलों को निर्देशित किया जाए.

डेंगू से बचाव के उपायों (घर के खाली बर्तनों, गमलों, छतों, खुली बोतलों, कूलर, नालियों आदि में पानी जमा न हो) के प्रति बच्चों को भी जागरूक किया जाए. स्वास्थ्य विभाग को डेंगू से जन-जागरूकता के लिए डाक्यूमेंट्री बनाते हुए सिनेमाघरों में प्रदर्शित करने, व्हाट्सअप और सोशल मीडिया पर प्रसारित व प्रचारित करने को कहा. साथ ही पोस्टर, पम्पलेट वितरित करवाने के निर्देश दिए. वहीं, सभी कार्यालयों में हफ्ते में 2 दिन डेंगू उन्मूलन अभियान चलाने (Dengue Eradication Campaign) को कहा.

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डेंगू के लक्षण क्या हैं? तेज बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है. शरीर में लाल चकत्ते भी पड़ते हैं. साथ ही आखों के पिछले हिस्से में दर्द होता है. इस बीमारी में कमजोरी और भूख न लगना भी एक लक्षण है. साथ ही सिर दर्द और उल्टी की शिकायत भी रहती है.

डेंगू से कैसे बचेंः डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. अपने घरों के आस-पास पानी इकठ्ठा नहीं होने दें. कूलर, टायर, गमलों समेत अन्य स्थानों पर पानी जमा नहीं होने दें. साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें. एक जगह पानी जमा होने पर लार्वा तेजी से पनपते हैं. सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. डेंगू के मच्छर दिन में काटते हैं.

ऐसे कपड़े पहनें जो पूरे बदन को ढक सकें. डेंगू जैसे लक्षण महसूस होने पर खूब पानी पीना चाहिए. साथ ही बुखार आने पर पैरासिटामोल भी ले सकते हैं. सबसे जरूरी पर्याप्त मात्रा में आराम करना चाहिए. डेंगू के लक्षण होने पर चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए.

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