देहरादून: उत्तराखंड में विधानभा चुनाव नजदीक हैं. लिहाजा कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ अपनी मीडिया टीम को परिपक्व और मजबूत करने की कोशिशें तेज कर दी हैं. इस दिशा में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा देहरादून पहुंचे. उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनाव के दौरान होने वाली बयानबाजी को लेकर विशेष ट्रेनिंग दी.
चुनाव के दौरान भाजपा के मीडिया सेल को जवाब देने के लिए कांग्रेस ने कुछ खास टिप्स के साथ कांग्रेसी नेताओं को तैयार किया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा आज देहरादून पहुंचे. उन्होंने पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर उन्हें मुद्दों पर हमलावर रुख अपनाने और बेहद तार्किक रूप से भाजपा की मीडिया सेल का जवाब देने को लेकर विशेष ट्रेनिंग दी.
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इस दौरान यूं तो तमाम मामलों पर बातचीत हुई लेकिन पवन खेड़ा का फोकस पार्टी नेताओं को कुछ खास मुद्दों पर भाजपा को घेरने और भाजपा द्वारा मुद्दों से ध्यान भटकाने की स्थिति में पार्टी नेताओं द्वारा उसका किस तरह से जवाब देने पर रहा. उन्होंने इस पर पार्टी नेताओं को तैयार करने का कहा.
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राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि इस बार कांग्रेस हाईकमान को उत्तराखंड से काफी ज्यादा उम्मीदें हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्साह को देखकर वह कह सकते हैं कि उत्तराखंड में कांग्रेस का झंडा ऊंचा होने जा रहा है. उन्होंने पार्टी नेताओं को बताया कि कैसे भाजपा द्वारा मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की स्थिति में उनका जवाब देना है.
मोदी ने लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को बहुत भटकाया: दरअसल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पीएम मोदी की बनाई बयानों की भूल-भुलैया में ऐसी भटकी कि जब तक समझती मोदी प्रधानमंत्री पद की दो-दो बार शपथ ले चुके थे. जैसे ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरेंद्र मोदी पर कोई आरोप लगाते. मोदी उसी आरोप को लेकर कांग्रेस पर ऐसा जाल फेंकते कि कांग्रेस उससे बाहर निकल ही नहीं पाती.
'मौत का सौदागर' वाला बयान पड़ा भारी: दरअसल 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान सोनियां गांधी ने मोदी को 'मौत का सौदागर' कह दिया था. मोदी ने चुनाव में इसे ऐसा मुद्दा बनाया कि उनकी गुजरात में सरकार बन गई. 2014 में कांग्रेस ने मोदी के केंद्रीय राजनीति में आने पर फिर इस बयान को उछाला. मोदी ने फिर इसे उलटा कांग्रेस पर ही लपेट दिया और 10 साल बाद केंद्र में एनडीए की और पहली बार बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बना डाली.
मणिशंकर अय्यर का 'चायवाला' पड़ा भारी: 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी का 'चायवाला' कहकर मजाक उड़ाया था. मोदी ने अय्यर के बयान को ऐसे कैंपेन में बदला कि कांग्रेस को इसकी काट नहीं मिली. फिर तो चाय पर चर्चा जैसे कार्यक्रम ही होने लगे. इस तरह मणिशंकर अय्यर की बयानबाजी कांग्रेस को बहुत भारी पड़ी.
'चौकीदार चोर है' वाला बयान चुरा ले गया कांग्रेस के सारे वोट: 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने पीएम मोदी को 'चौकीदार चोर है' कह दिया. फिर क्या था. मोदी ने राहुल गांधी के बयान को उन्हीं पर वापस उड़ेल दिया. बीजेपी ने इसे जैसे कैंपेन बना दिया. ये नारा फेमस हो गया कि 'मैं भी चौकीदार'. देखते ही देखते ये लोकसभा चुनाव 2019 का लोकप्रिय नारा बन गया. इस तरह राहुल गांधी का 'चौकीदार चोर है' जुमला कांग्रेस को बहुत भारी पड़ा. पांच साल तक उनकी सत्ता वापसी से सपने फिर चकनाचूर हो गए.
कांग्रेस नेताओं की इन्हीं पुरानी गलतियों से शायद पार्टी सबक ले रही है. पवन खेड़ा कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को शायद यही समझाने आए थे. उनका कहना है कि जोश में होश मत खोना. नहीं तो पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह कांग्रेस को उन्हीं के बयानों की भूल-भुलैया में ऐसा भटका देंगे कि जब तक नेता बयानों की भूल-भुलैया से बाहर निकलेंगे तब तक चुनाव परिणाम आ चुके होंगे.