देहरादूनः सीएम तीरथ सिंह रावत ने देहरादून में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. यह कार्यक्रम शहीद मेजर विवेक गुप्ता प्राथमिक विद्यालय कांवली में आयोजित किया गया. सीएम ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी शिक्षाविद, चिंतक और जनसंघ के संस्थापक थे. वे मानवता के उपासक एवं सिद्धांतवादी थे. डॉ. मुखर्जी देश के प्रथम उद्योग मंत्री थे. राष्ट्रीय हितों की प्रतिबद्धता को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानने के कारण उन्होंने मंत्रिमंडल से त्याग पत्र दे दिया था. बहुत कम उम्र में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बन गए थे.
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सीएम तीरथ ने कहा कि डॉ. मुखर्जी जम्मू-कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे. जम्मू-कश्मीर के अलग झंडा और अलग संविधान के खिलाफ धारा-370 को खत्म करने की उन्होंने वकालत की थी. पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 एवं 35A समाप्त कर उनके सपने को साकार किया है. आज जम्मू और कश्मीर विकास की मुख्य धारा से जुड़े हैं.
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विधानसभा अध्यक्ष ने दी श्रद्धांजलि
ऋषिकेश के बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय पर बुधवार को जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. विधानसभा अध्यक्ष ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी. साथ ही उनके बताए गए मार्ग पर चलने का आह्वान किया.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने जीवन पर्यंत राष्ट्र के लिए समर्पित भाव से कार्य किया. डॉ. मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर के दो विधान, दो निशान का विरोध किया. उनका मानना था कि एक देश में एक संविधान और एक निशान व एक प्रधान होना चाहिए. इसके लिए उन्होंने संपूर्ण देश में जन जागरण किया.
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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय विचारों से ओतप्रोत केंद्र सरकार व पीएम मोदी ने डॉ. मुखर्जी के विचारों को आगे बढ़ाते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का काम किया. इसी के परिणाम स्वरूप आज देश में एक निशान, एक संविधान और एक प्रधान के तहत कार्य हो रहा है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने राष्ट्र चिंतन को गति देते हुए जनसंघ जैसे संगठन को खड़ा किया. आज उसी विचार के आधार पर संपूर्ण देश भर में कार्य हो रहा है.