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दिल्ली दौरे पर सीएम धामी, ब्लॉक आवंटन को लेकर कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से की मुलाकात

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 17, 2024, 4:50 PM IST

CM Dhami and Prahlad Joshi meeting कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की. मंत्री ने सीएम धामी को आश्वासन दिया. ऐसे में ओडिशा या झारखंड में कोल ब्लॉक मिलने की संभावना है.

CM Dhami and Prahlad Joshi meeting
सीएम धामी और प्रह्लाद जोशी की मुलाकात

देहरादूनः उत्तराखंड सरकार बिजली की खपत को पूरा करने के लिए विद्युत उत्पादन बढ़ाए जाने पर जोर दे रही है. इसी क्रम में उत्तराखंड ऊर्जा विभाग ने कोयला उत्पादन करने वाले राज्य में थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है. जिसके लिए 125 मिलियन टन भंडारण क्षमता की एक कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर ऊर्जा विभाग की ओर से दो बार पत्र कोल मंत्रालय को भेजा जा चुका है. लेकिन कोई रिस्पांस ना मिलने पर अब मुख्यमंत्री धामी ने कोल ब्लॉक आवंटन के लिए कमान संभाल ली है. इसी क्रम में दो दिवसीय दिल्ली दौरे पर गए सीएम धामी ने बुधवार को केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की.

  • आज मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने नई दिल्ली में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी से भेंट की। इस दौरान उन्होंने एक पिट-हेड थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने का अनुरोध किया। pic.twitter.com/rbRWQUhbLW

    — CM Office Uttarakhand (@ukcmo) January 17, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से अनुरोध किया कि उत्तराखंड सरकार 1000 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट स्थापित करना चाहती है. जिसके लिए लगभग 125 मिलियन टन भंडारण क्षमता का एक कोल ब्लॉक प्राथमिकता के आधार पर आवंटन किया जाए. इस पर कोयला मंत्री ने जल्द से जल्द कोल ब्लॉक आवंटित करने का आश्वासन दिया.
ये भी पढे़ः कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए मुख्यमंत्री स्तर से शिफारिश कराएगा ऊर्जा विभाग, जानिए क्या है माजरा?

दरअसल, कोयला उत्पादन करने वाले राज्यों में उत्तराखंड सरकार थर्मल पावर प्लांट स्थापित करना चाहती है. ऐसे में कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर सचिव ऊर्जा विभाग और एमडी यूजेवीएनएल की ओर से एक-एक बार अनुरोध पत्र भेजा जा चुका है. लेकिन कोल मंत्रालय की ओर से इन पत्रों के संबंध में कोई रिस्पांस नहीं दिया गया.

ऐसे में ऊर्जा विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्तर से प्रयास करने का निर्णय लिया था. साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस बाबत शासन ने अनुरोध किया था कि वह खुद अपने स्तर से कोयला मंत्रालय से बातचीत करें ताकि जल्द से जल्द उत्तराखंड राज्य को एक कोल ब्लॉक का आवंटन हो सके, जिससे थर्मल पावर प्लांट को स्थापित किया जा सके.
ये भी पढे़ः Investors Summit 2023: उत्तराखंड में बिजली संकट से इन्वेस्टर्स की बढ़ सकती हैं मुश्किलें! ऊर्जा संकट बड़े निवेश की बड़ी चुनौती

उड़ीसा या झारखंड में कोल ब्लॉक मिलने की संभावना: बुधवार को सीएम धामी ने दिल्ली में कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात कर प्रदेश में बिजली खपत की स्थिति और थर्मल पावर प्लांट लगाए जाने संबंधित तमाम जानकारियां दी. साथ ही एक कोल ब्लॉक आवंटन करने का अनुरोध भी किया. हालांकि, ओडिशा या झारखंड में कोल ब्लॉक मिलने की संभावना है.

सर्दियों में बिजली उत्पादन हो जाता है कम: कोयला मंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अनुकूल औद्योगिक नीति के चलते राज्य में तेज गति से औद्योगिक विकास हुआ है, जिसके चलते बिजली की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है. इसके साथ ही सर्दियों के मौसम में बिजली उत्पादन की सीमा पूरी नहीं हो पाती है. क्योंकि ठंडे तापमान के चलते नदियों में पानी का बहाव कम हो जाता है. इसके अलावा, उत्तराखंड राज्य में हर साल चार से पांच फीसदी की दर से बिजली की मांग बढ़ रही है. लीन सीजन (ऑफ सीजन) की अवधि में प्रतिदिन लगभग 4 से 5 मिलियन यूनिट की औसत कम हो जाती है. औद्योगीकरण बढ़ने के कारण आने वाले सालों में विद्युत की मांग और अधिक बढ़ने की संभावना है.

देहरादूनः उत्तराखंड सरकार बिजली की खपत को पूरा करने के लिए विद्युत उत्पादन बढ़ाए जाने पर जोर दे रही है. इसी क्रम में उत्तराखंड ऊर्जा विभाग ने कोयला उत्पादन करने वाले राज्य में थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है. जिसके लिए 125 मिलियन टन भंडारण क्षमता की एक कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर ऊर्जा विभाग की ओर से दो बार पत्र कोल मंत्रालय को भेजा जा चुका है. लेकिन कोई रिस्पांस ना मिलने पर अब मुख्यमंत्री धामी ने कोल ब्लॉक आवंटन के लिए कमान संभाल ली है. इसी क्रम में दो दिवसीय दिल्ली दौरे पर गए सीएम धामी ने बुधवार को केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की.

  • आज मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने नई दिल्ली में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी से भेंट की। इस दौरान उन्होंने एक पिट-हेड थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने का अनुरोध किया। pic.twitter.com/rbRWQUhbLW

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मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से अनुरोध किया कि उत्तराखंड सरकार 1000 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट स्थापित करना चाहती है. जिसके लिए लगभग 125 मिलियन टन भंडारण क्षमता का एक कोल ब्लॉक प्राथमिकता के आधार पर आवंटन किया जाए. इस पर कोयला मंत्री ने जल्द से जल्द कोल ब्लॉक आवंटित करने का आश्वासन दिया.
ये भी पढे़ः कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए मुख्यमंत्री स्तर से शिफारिश कराएगा ऊर्जा विभाग, जानिए क्या है माजरा?

दरअसल, कोयला उत्पादन करने वाले राज्यों में उत्तराखंड सरकार थर्मल पावर प्लांट स्थापित करना चाहती है. ऐसे में कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर सचिव ऊर्जा विभाग और एमडी यूजेवीएनएल की ओर से एक-एक बार अनुरोध पत्र भेजा जा चुका है. लेकिन कोल मंत्रालय की ओर से इन पत्रों के संबंध में कोई रिस्पांस नहीं दिया गया.

ऐसे में ऊर्जा विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्तर से प्रयास करने का निर्णय लिया था. साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस बाबत शासन ने अनुरोध किया था कि वह खुद अपने स्तर से कोयला मंत्रालय से बातचीत करें ताकि जल्द से जल्द उत्तराखंड राज्य को एक कोल ब्लॉक का आवंटन हो सके, जिससे थर्मल पावर प्लांट को स्थापित किया जा सके.
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उड़ीसा या झारखंड में कोल ब्लॉक मिलने की संभावना: बुधवार को सीएम धामी ने दिल्ली में कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात कर प्रदेश में बिजली खपत की स्थिति और थर्मल पावर प्लांट लगाए जाने संबंधित तमाम जानकारियां दी. साथ ही एक कोल ब्लॉक आवंटन करने का अनुरोध भी किया. हालांकि, ओडिशा या झारखंड में कोल ब्लॉक मिलने की संभावना है.

सर्दियों में बिजली उत्पादन हो जाता है कम: कोयला मंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अनुकूल औद्योगिक नीति के चलते राज्य में तेज गति से औद्योगिक विकास हुआ है, जिसके चलते बिजली की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है. इसके साथ ही सर्दियों के मौसम में बिजली उत्पादन की सीमा पूरी नहीं हो पाती है. क्योंकि ठंडे तापमान के चलते नदियों में पानी का बहाव कम हो जाता है. इसके अलावा, उत्तराखंड राज्य में हर साल चार से पांच फीसदी की दर से बिजली की मांग बढ़ रही है. लीन सीजन (ऑफ सीजन) की अवधि में प्रतिदिन लगभग 4 से 5 मिलियन यूनिट की औसत कम हो जाती है. औद्योगीकरण बढ़ने के कारण आने वाले सालों में विद्युत की मांग और अधिक बढ़ने की संभावना है.

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