ETV Bharat / state

बाबा नीम करौली के बड़े बेटे अनेग सिंह का निधन, भक्तों में शोक की लहर

author img

By

Published : Nov 22, 2021, 9:58 PM IST

Updated : Nov 22, 2021, 10:05 PM IST

नीम करौली महाराज के नजदीकी रहे गिरीश तिवारी बताते हैं कि अनेग सिंह का कैंची धाम से विशेष लगाव था और अनेग कई बार कैंची धाम आया जाया करते थे. साल 2012 में अनेग सिंह बाबा नीम करौली महाराज के काकडी घाट स्थित मंदिर के उद्घाटन के मौके पर पहुंचे थे.

Baba Neem Karauli's eldest son Aneg Singh dies
बाबा नीम करौली के बड़े बेटे अनेग सिंह का निधन

नैनीताल: विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम के संस्थापक नीम करौली बाबा के बड़े बेटे अनेग सिंह शर्मा का रविवार भोपाल में निधन हो गया. जिसके बाद से उनके भक्तों में शोक की लहर है. कैंची धाम के सदस्य गिरीश तिवारी ने बताया कि अनेग सिंह शर्मा लंबे समय से बीमार थे. जिनका 95 साल की उम्र में अस्पताल में उपचार के दौरान निधन गया. ऐसे में आज उनका विधिविधान से भोपाल में अंतिम संस्कार किया गया. अनेग शर्मा के निधन से उनके भक्तों में शोक की लहर है.

बता दें कि इससे पहले 28 अप्रैल 2021 को बाबा नीम करौली के छोटे बेटे नारायण शर्मा के छोटे बेटे नारायण शर्मा का भी निधन हो गया था. ऐसे में अब बाबा के परिवार की एक ही सदस्य यानी उनकी बेटी गिरजा ही बची है, जो आगरा में रहती हैं.

नीम करौली महाराज के नजदीकी रहे गिरीश तिवारी बताते हैं कि अनेग सिंह का कैंची धाम से विशेष लगाव था और अनेग कई बार कैंची धाम आया जाया करते थे. साल 2012 में अनेग सिंह बाबा नीम करौली महाराज के काकड़ी घाट स्थित मंदिर के उद्घाटन के मौके पर पहुंचे थे. उस समय अनेग पूर्ण रूप से स्वस्थ थे. वहीं, अब बाबा के बेटे के निधन से उनके भक्तों में अब शोक की लहर है. सोमवार शाम को सुहास नगर स्थित श्मशान घाट में अनेग सिंह का पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार कर दिया गया.

पढ़ें- मंगलवार को उत्तराखंड कैबिनेट की अहम बैठक, कई अहम फैसलों पर लग सकती है मुहर

नीम करौरी महाराज को उनके भक्त उनके अपभ्रंश नाम बाबा नीम करौली के नाम से अधिक जानते हैं. बाबा जी का जन्म सन 1900 में अकबरपुर (वर्तमान फर्रुखाबाद) उत्तर प्रदेश के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. बाबा नीम करौरी महाराज का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा है. 11 वर्ष की अल्पायु में ही विवाह हो गया था. जिसके बाद उनके दो पुत्र एवं एक पुत्रियां हुईं.

नीम करौरी महाराज ने विवाह के कुछ वर्षों बाद ही गृह त्याग कर संन्यासी बनाने का निर्णय कर लिया था. वर्षों के तप के बाद नीम करौली बाबा को सिद्धियां प्राप्त हुईं थीं. महाराज जी हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त थे और भक्त उन्हें साक्षात हनुमान जी का अवतार मानते थे. नीम करौली महराज ने 1964 में 15 जून के दिन ही भवाली (नैनीताल) में कैंची क्षेत्र में स्थित अपने आश्रम में श्री हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की थी. आगे चलकर मंदिर परिसर एवं आश्रम बाबा के चमत्कारों एवं सेवा कार्यों के चलते विश्व प्रसिद्ध तीर्थ कैंची धाम बना.

Last Updated : Nov 22, 2021, 10:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.