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शर्मनाकः एंबुलेंस के लिए भी नहीं खोला गया मसूरी का माल रोड, बाल बाल बची मरीज की जान

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Published : Dec 29, 2022, 7:15 AM IST

मसूरी के माल रोड पर एंबुलेंस के प्रवेश पर भी रोक (Ban on entry of ambulance on Mall Road) लगा दी गई है. इससे लोगों में गुस्सा है. बुधवार शाम एंबुलेंस को माल रोड पर प्रवेश नहीं करने दिया गया तो एंबुलेंस 7 किमी घूमकर अस्पताल पहुंची. इस बीच करीब 10 मिनट का अतिरिक्त समय लगा. जबकि झूलाघर से मात्र 1 किमी की दूरी तय करनी पड़ती.

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एंबुलेंस के लिए नहीं खोला गया मसूरी का माल रोड

मसूरीः विंटर लाइन कार्निवाल और फूड फेस्टिवल के आयोजन के तहत भारी भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा माल रोड पर बोलार्ड लगाकर वाहनों के लिए बंद (Entry of vehicles closed on Mall Road of Mussoorie) कर दिया गया है. लेकिन पुलिस प्रशासन का ये निर्णय तब भारी पड़ गया जब एक मरीज को एंबुलेंस के जरिए उपजिला चिकित्सालय मसूरी ले जा जा रहा था. एंबुलेंस बोलार्ड के पास खड़ी रही लेकिन पुलिसकर्मियों ने बोलार्ड नहीं खोला (Ambulance not given entry on Mussoorie Mall Road). नतीजन एंबुलेंस को 7 किमी घूमकर जाना पड़ा. इस बीच करीब 10 मिनट का अतिरिक्त समय लगा.

मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल (Mussoorie Winter Line Carnival) के आयोजन के तहत मसूरी माल रोड को सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक बोलार्ड लगाकर पूरी तरह से वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है. लेकिन इस बीच आपातकाल सेवा में लगी एंबुलेंस और फायर सर्विस को भी माल रोड में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. ऐसा तब देखने को मिला जब मसूरी गांधी चौक पर एक लड़का मिर्गी का दौरा आने से सड़क पर गिर गया. गिरने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया. उसके दोस्तों ने उसे 108 एंबुलेंस के जरिए ले जाना चाहा. लेकिन झूलाधर पर बोलार्ड लगे होने से एंबुलेंस जा नहीं पाई. लोगों ने मसूरी कोतवाल को फोन किया तो पता चला कि बोलार्ड की चाभी एसपी ट्रैफिक अक्षय प्रह्लाद कोंडे के पास है. बोलार्ड 31 दिसंबर तक नहीं खुलेंगे.
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पुलिस की ये इस कार्यशैली का नजारा देख रहे लोग भड़क गए. लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन के लिए विंटर लाइन कार्निवाल जरूरी है तो एक इंसान की जान बचाना भी जरूरी है. इसके बाद एंबुलेंस को 10 मिनट का अतिरिक्त समय लेकर 7 किमी दूर से अस्पताल पहुंचना पड़ा. जबकि झूलाघर से अस्पताल की दूरी मात्र 1 किमी की थी.

मसूरी उप जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. यतेंद्र सिंह का कहना है कि अगर मरीज को लाने में कुछ और देर हो जाती तो उसकी जान भी जा सकती थी. ऐसे में पुलिस को अपने नियमों में संशोधन करना चाहिए.

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