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अजय की जीत से इस बार नहीं हारी बीजेपी, सालों पुराना मिथक तोड़ बने 'अजेय'

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Published : May 23, 2019, 3:01 PM IST

Updated : May 23, 2019, 6:33 PM IST

प्रदेश में अजय भट्ट को लेकर एक मिथक है जो आज टूट गया है, कहा जाता है कि जब-जब अजय भट्ट खुद चुनाव जीते, तब-तब उनकी पार्टी सत्ता से दूर रही. वहीं जब-जब अजय भट्ट चुनाव हारे, तब-तब उनकी पार्टी ने सत्ता हासिल की.

Ajay Bhatt

देहरादून: लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आ गए हैं. जिसमें बीजेपी ने 2014 के रिकार्ड को तोड़कर प्रचंड बहुमत हासिल किया है. लेकिन यहां प्रदेश में चुनाव से जुड़ा एक मिथक भी टूट गया है. यहां जब-जब अजय भट्ट ने चुनाव जीता है, तब केन्द्र में या राज्य में पार्टी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा है. लेकिन इस बार ऐसा होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि अजय भट्ट ने 3 लाख से ज्यादा अंतर से जीत हासिल की है.

बता दें कि इस बार अजय भट्ट का रजनीतिक भविष्य दांव पर लगा था. नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत और बीजेपी से अजय भट्ट में कड़ी टक्कर थी, लेकिन अजय ने भारी मतों से जीत हासिल कर खुद को 'अजेय' कर दिया.

पढ़ें- राज दरबार से जनता दरबार तक...टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट का पूरा गुणा-भाग

नैनीताल-उधम सिंह नगर सीट की बात करें तो यहां मुकाबला हरीश रावत और अजय भट्ट के बीच काफी दिलचस्प रहा. खास बात ये है कि 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी-कांग्रेस प्रत्याशी दोनों चुनाव हार गए थे. बीजेपी से प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट रानीखेत विधानसभा में मोदी लहर में भी अपनी सीट गंवा बैठे तो हरीश रावत सीएम रहते हुए हरिद्वार और किच्छा दोनों सीटों से चुनाव हार गए थे.

जानिए क्या कहता है अजय भट्ट का इतिहास-

  • 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में रानीखेत विधानसभा सीट से अजय भट्ट ने जीत हासिल की लेकिन उनकी पार्टी भाजपा सत्ता हासिल नहीं कर पाई और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी.
  • 2007 विधानसभा चुनाव में अजय भट्ट एक बार फिर से रानीखेत विधानसभा सीट से ही मैदान में थे, लेकिन इस बार भट्ट चुनाव हार गए. जिसके बाद पार्टी ने बहुमत हासिल किया और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी.
  • 2012 विधानसभा चुनाव में अजय भट्ट रानीखेत विधानसभा से चुनाव तो जीत गए लेकिन इस बार उनकी पार्टी बीजेपी कांग्रेस से एक सीट पीछे रह गई और राज्य में इस बार कांग्रेस की सरकार बन गई.
  • 2017 के विधानसभा चुनाव में अजय भट्ट हार गए लेकिन उनकी पार्टी ने प्रदेश में प्रचंड बहुमत हासिल कर सत्ता में वापसी की.
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बीजेपी के अजय ने ऐसा मिथक तोड़ खुद को साबित किया 'अजेय' 





देहरादून: लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आ गए हैं. जिसमें बीजेपी ने 2014 के रिकार्ड को तोड़कर प्रचंड बहुमत हासिल किया है. लेकिन यहां प्रदेश में चुनाव से जुड़ा एक मिथक भी टूट गया है. यहां जब-जब अजय भट्ट ने चुनाव जीता है, तब केन्द्र में या राज्य में पार्टी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा है. लेकिन इस बार ऐसा होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि अजय भट्ट ने एक लाख ................... वोटों से बड़ी जीत हासिल की है. 

बता दें कि इस बार अजय भट्ट का रजनीतिक भविष्य दांव पर लगा था. नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत और बीजेपी से अजय भट्ट में कड़ी टक्कर थी, लेकिन अजय ने भारी मतों से जीत हासिल कर खुद को 'अजेय' कर दिया.

नैनीताल-उधम सिंह नगर सीट की बात करें तो यहां मुकाबला हरीश रावत और अजय भट्ट के बीच काफी दिलचस्प रहा. खास बात ये है कि 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी-कांग्रेस प्रत्याशी दोनों चुनाव हार गए थे. बीजेपी से प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट रानीखेत विधानसभा में मोदी लहर में भी अपनी सीट गंवा बैठे तो हरीश रावत सीएम रहते हुए हरिद्वार और किच्छा दोनों सीटों से चुनाव हार गए थे. 

जानिए क्या कहता है अजय भट्ट का इतिहास 

2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में रानीखेत विधानसभा सीट से अजय भट्ट ने जीत हासिल की लेकिन उनकी पार्टी भाजपा सत्ता हासिल नहीं कर पाई और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी.

2007 विधानसभा चुनाव में अजय भट्ट एक बार फिर से रानीखेत विधानसभा सीट से ही मैदान में थे, लेकिन इस बार भट्ट चुनाव हार गए. जिसके बाद पार्टी ने बहुमत हासिल किया और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी.

2012 विधानसभा चुनाव में अजय भट्ट रानीखेत विधानसभा से चुनाव तो जीत गए लेकिन इस बार उनकी पार्टी बीजेपी कांग्रेस से एक सीट पीछे रह गई और राज्य में इस बार कांग्रेस की सरकार बन गई.

2017 के विधानसभा चुनाव में अजय भट्ट हार गए लेकिन उनकी पार्टी ने प्रदेश में प्रचंड बहुमत हासिल कर सत्ता में वापसी की. 

 


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Last Updated : May 23, 2019, 6:33 PM IST
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