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Chardham Yatra 2023: केदारनाथ में 5 हजार घोड़े खच्चर होंगे संचालित, ड्रोन से रहेगी सब पर नजर

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Published : Feb 28, 2023, 3:54 PM IST

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा रूटों पर 2000 पुलिसकर्मियों के साथ 28 जगहों पर एसडीआरएफ तैनात होगी. साथ ही भीड़ पर ड्रोन से निगरानी होगी. इस बार केदारनाथ में घोड़े खच्चरों की संख्या तय की गई है. इसके तहत केवल 5 हजार घोड़े खच्चरों के संचालन की अनुमति दी जाएगी. इन 5 हजार घोड़े-खच्चरों के संचालन में सबसे पहली प्राथमिकता रुद्रप्रयाग जिले के लोगों को दी जाएगी. अगर 5 हजार से ज्यादा घोड़े-खच्चर हो जाते हैं तो अन्य जिलों के घोड़े-खच्चरों का संचालन केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर नहीं होगा.

horses and mules in Kedarnath
केदारनाथ में घोड़े खच्चरों की संख्या

केदारनाथ में 5 हजार घोड़े खच्चर होंगे संचालित

देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2023 यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू होने जा रही है. लिहाजा, अभी से ही यात्रा व्यवस्थाओं को मुकम्मल किया जा रहा है. इसी कड़ी में पुलिस महकमे ने भी यात्रा संबंधी व्यवस्थाओं को लेकर पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है. जिसके तहत न सिर्फ चारधाम यात्रा रूटों पर भारी भरकम पुलिस तैनात किए जाएंगे बल्कि, ड्रोन के माध्यम से भी भीड़ और श्रद्धालुओं की लाइनों की निगरानी रखी जाएगी. इसके अलावा उत्तराखंड पुलिस एप पर हेली सेवा के टिकटिंग की भी जानकारी श्रद्धालुओं को मिल पाएगी. वहीं, इस बार केदारनाथ यात्रा मार्ग पर केवल 5 हजार घोड़े खच्चर संचालित होंगे.

उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा में 2 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी. जिसमें पीएससी की 6 कंपनी भी शामिल हैं. इसके अलावा एसडीआरएफ की कुल 39 पोस्ट हैं. जिसमें से 28 पोस्ट को चारधाम यात्रा मार्गों पर तैनात किया जाएगा. ताकि 2 घंटे से कम समय में ही एसडीआरएफ टीम किसी भी घटना के दौरान मौके पर पहुंच सके. इसके अलावा ट्रैफिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त किए जाने को लेकर ही पुलिस प्रशासन ने 133 प्वाइंट चिन्हित किए हैं, जहां पुलिस बलों की तैनाती की जाएगी.

उत्तराखंड पुलिस एप पर मिलेगी हेली सेवा और यात्रा मार्गों की जानकारीः डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत यात्रा रूटों पर 57 जगह पर टूरिस्ट पुलिस प्वाइंट बनाये गये हैं, जहां श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत होने पर सहायता मिल सकेगी. इसके अलावा उत्तराखंड पुलिस एप पर यात्रा मार्गों से संबंधित जानकारी उपलब्ध होने के साथ ही हेली सेवाओं की बुकिंग के संबंध में ऑफिशियल वेबसाइट को भी डाला जाएगा. ताकि जिस तरह से हेली सेवाओं में फ्रॉड के मामले सामने आते हैं, उस पर लगाम लगाई जा सके.
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पुलिसकर्मियों को दिया जा चुका आपदा प्रशिक्षण, एसडीआरएफ की 28 पोस्ट रहेंगी तैनातः चारधाम की यात्रा सुगम और सरल ढंग से यात्री कर सकें, इसको लेकर पुलिस महकमे की ओर से पूरा रोडमैप तैयार कर लिया गया. हालांकि, किसी भी आपदा के दौरान स्थितियों को काबू पाने और तत्काल प्रभाव से राहत बचाव कार्यों को किए जाने को लेकर जहां एक और एसडीआरएफ की 28 पोस्टों को लगाया गया है तो वहीं, करीब 660 पुलिस कर्मियों को आपदा राहत प्रशिक्षण भी दिया गया है. ताकि यह फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में काम कर सकें. जिससे जब तक एसडीआरएफ टीम मौके पर नहीं पहुंचती है, तब तक यह मोर्चे को संभाल सकेंगे.

यात्रा रूटों और भीड़ पर ड्रोन से रखी जाएगी नजरः इन सबके अलावा पुलिस महकमा ड्रोन का भी चारधाम यात्रा रूटों पर इस्तेमाल करेगी. डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि ड्रोन के माध्यम से न सिर्फ एरियल व्यू मिल सकेगा बल्कि चारधाम यात्रा रूटों पर भीड़भाड़ के साथ ही दर्शन के लिए लगी लंबी लाइनों की भी जानकारी रखी जा सकेगी. लिहाजा, हर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर उत्तराखंड पुलिस हर छोटी से छोटी जगह के साथ ही हर घटना और श्रद्धालुओं पर बारीकी से नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल करेगी.
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केदारनाथ मार्ग पर चलेंगे मात्र 5 हजार घोड़े-खच्चरः केदारनाथ धाम की यात्रा में इस बार प्रशासन एक नई पहल करने जा रहा है. इस बार पहले से ही घोड़े-खच्चरों की संख्या निर्धारित की जा रही है. पैदल मार्ग पर इस बार मात्र पांच हजार घोड़े-खच्चर ही संचालित होंगे और ये पांच हजार घोड़े-खच्चर रुद्रप्रयाग जिले के स्थानीय लोगों के ही होंगे. यदि बाहर से यहां घोड़े-खच्चर आते हैं तो उन्हें पैदल यात्रा मार्ग पर संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी. यदि यहां के घोड़े-खच्चरों की संख्या पांच हजार से कम होती है तो बाहरी घोड़े-खच्चरों का संचालन रोस्टर के अनुसार किया जाएगा.

साल 2022 में 8 हजार घोड़े-खच्चरों का हुआ था रजिस्ट्रेशनः बता दें कि केदारनाथ यात्रा के यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा दिक्कतें घोड़े-खच्चर करते हैं. एक ही पैदल रास्ता होने से जहां यात्रियों को घोड़े-खच्चरों के कारण दिक्कतें होती हैं तो वहीं उनकी लीद से जगह-जगह गंदगी की भरमार हो जाती है. कई बार पैदल आवाजाही करने वाले यात्री पर घोड़े-खच्चरों से धक्का लग जाने के कारण खाई में गिर जाते हैं. घोड़े-खच्चरों से होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए इस बार प्रशासन उनकी संख्या सीमित रखने जा रहा है. पिथले यात्रा सीजन में जहां 8 हजार घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन हुआ था तो वहीं इस बार मात्र 5 हजार घोड़े-खच्चरों का ही रजिस्ट्रेशन होगा.
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