ETV Bharat / state

रामपुर तिराहा कांड की 26वीं बरसी : पुलिस ने राज्य आंदोलनकारियों पर की थी 24 राउंड फायरिंग

author img

By

Published : Oct 2, 2020, 7:16 AM IST

रामपुर तिराहा कांड की 26वीं बरसी पर शहीद आंदोलनकारियों को याद किया गया. आज ईटीवी भारत आपको रामपुर तिराहा कांड की कहानी से रू-ब-रू करवाने जा रहा है.

26th-anniversary-of-rampur-tiraha-scandal
रामपुर तिराहा कांड की 26वीं बरसी

देहरादून: उत्तराखंड राज्य गठन को 20 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन आज भी राज्य आंदोलनकारियों के जेहन में 01 अक्टूबर 1994 को हुए रामपुर तिराहा कांड की तस्वीरें ताजा है. ईटीवी भारत आज रामपुर तिराहा कांड की 26वीं बरसी के अवसर पर अपनी इस रिपोर्ट के माध्यम से आपको 1994 में हुए रामपुर तिराहा कांड की पूरी कहानी से रूबरू कराने जा रहा है.

यह पूरी दांस्तान 01 अक्टूबर 1994 की रात से जुड़ी है. जब उत्तर प्रदेश से अलग कर उत्तराखंड राज्य की मांग कर रहे राज्य आंदोलनकारी 24 बसों में सवार हो कर 2 अक्टूबर को दिल्ली में प्रस्तावित रैली में शामिल होने के जा रहे थे. इसी दौरान गुरुकुल नारसन में आंदोलनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगा दी गई . जिससे तोड़कर जब राज्य आंदोलनकारियों ने दिल्ली जाने की ज़िद की तो शासन के निर्देश पर मुजफ्फरनगर पुलिस ने उन्हें रामपुर तिराहे पर रोकने रोकने की योजना बनाई और पूरे इलाके को सील कर आंदोलनकारियों को रोक दिया.

पढ़ें- आज नहीं चुकाया बिल तो यूपी सिंचाई विभाग की बत्ती होगी गुल

यूपी पुलिस का दिखा बर्बर चेहरा

इस बीच जब राज्य आंदोलनकारियों ने सड़क पर नारेबाजी शुरू कर दी तो अचानक यहां पथराव शुरू हो गया. जिसमें मुजफ्फरनगर के तत्कालीन डीएम अनंत कुमार सिंह घायल हो गए. जिसके बाद यूपी पुलिस ने बर्बरता की सभी हदें पार करते हुए राज्य आंदोलनकारियों पर दौड़ा-दौड़ाकर लाठियों से पीटना शुरू कर दिया. वहीं, लगभग ढाई सौ ज्यादा राज्य आंदोलनकारियों को हिरासत में भी ले लिया गया.

पढ़ें- खुशखबरी: घोड़ाखाल सैनिक स्कूल में अब बेटियों को भी मिलेगा दाखिला

फायरिंग में सात आंदोलनकारियों की मौत

यूपी पुलिस की बर्बरता यहां भी नहीं थमी. इसी दौरान देर रात लगभग पौने तीन बजे यह सूचना आई कि 42 बसों में सवार होकर राज्य आंदोलनकारी दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में यह खबर मिलते ही रामपुर तिराहे पर एक बार फिर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया . इस बीच जैसे ही 42 बसों में सवार होकर राज्य आंदोलनकारी रामपुर तिराहे पर पहुंचे तो पुलिस और राज्य आंदोलनकारियों के बीच झड़प शुरू हो गई. इस दौरान आंदोलकारियों को रोकने के लिए यूपी पुलिस ने 24 राउंड फायरिंग की. जिसमें सात आंदोलनकारियों की जान चली गई वहीं, 17 राज्य आंदोलनकारी बुरी तरह घायल हो गए.

पढ़ें- उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पहली बर्फबारी, ठंड ने दी दस्तक

महिलाओं की अस्मत से हुआ खिलवाड़

वहीं, एक ओर कई राज्य आंदोलनकारी पुलिस की बर्बरता का शिकार हो रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ जान बचाने के लिए कुछ महिलाएं जंगलों की तरफ भाग रही थी. प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो पुलिस ने इस दौरान सभी हदें पार करते हुए महिलाओं की अस्मत से भी खिलवाड़ किया.

इस पूरे मंजर को सुनकर अब आप इस बात का बखूबी अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर किन परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ है. ऐसे में इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि प्रदेश के राज्य आंदोलनकारियों ने जिस प्रदेश के लिए अपनी जान तक दाव पर लगा दी. उस प्रदेश की स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.