ETV Bharat / state

उत्तराखंड के मंडुवा, झंगोरा समेत 18 उत्पादों को भी मिला GI टैग, सीएम धामी ने दिया सर्टिफिकेट

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 4, 2023, 4:19 PM IST

GI tag to products of Uttarakhand उत्तराखंड के 18 उत्पादों को भी जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग मिला है. इसके साथ ही उत्तराखंड के 27 उत्पादों को अभी तक जीआई टैग मिल चुका है. सीएम धामी ने आज जीआई टैग प्रमाणित उत्पादों के प्रमाण पत्र वितरित किए.

uttarakhand
उत्तराखंड

देहरादूनः उत्तराखंड के 27 उत्पादों को अभी तक जीआई टैग मिल चुका है. हाल ही में प्रदेश के 18 उत्पादों को एक साथ जीआई टैग की सौगात मिली है. इसके साथ ही उत्तराखंड राज्य देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसके 18 उत्पादों को एक साथ जीआई टैग मिला है. ऐसे में सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय स्थित सेवा सदन में जीआई टैग प्रमाण पत्र वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया. जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जीआई टैग प्रमाणित उत्पादों के प्रमाण पत्र को वितरित किया.

बता दें कि उत्तराखंड राज्य का तेजपत्ता उत्पाद पहला ऐसा उत्पाद है, जिसे 2018 में जीआई टैग मिला था. उसके बाद से साल 2022 तक 9 स्थानीय उत्पादों (तेजपत्ता, बासमती चावल, ऐपण आर्ट, कुमाऊं च्यूरा आयल, मुनस्यारी की सफेद राजमा, रिंगाल क्राफ्ट, ताम्र शिल्प, प्रदेश के कुछ जनजातियों की तरफ से बनाए जाने वाले उत्पाद जैसे भोटिया दन, थुलमा कंबल) को जीआई टैग मिला और अब प्रदेश के 18 उत्पादों (बेरिगान चाय, मंडुवा, झंगोरा, चौलाई, लाल चावल, गहत दाल, काला भट्ट, तुअर दाल, माल्टा, लीची, आड़ू, बुरांश का जूस, नेटल फाइबर, लखोरी मिर्च, नैनीताल मोमबत्ती, पिछौड़ा, वुडन क्राफ्ट और रम्माण मुखौटा) को जीआई टैग दिया गया है.
ये भी पढ़ेंः कैबिनेट बैठक में 14 प्रस्तावों पर लगी मुहर, नंदा देवी कन्या धन योजना में छूटे लाभार्थियों को भी दिया जाएगा लाभ

उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनकी दूरदर्शी सोच का ही नतीजा है कि आज उत्तराखंड के 18 और उत्पादों को जीआई सर्टिफिकेट मिल सका है. उत्तराखंड राज्य के लिए आज बड़ा ऐतिहासिक दिन है. क्योंकि साल 2003 में जीआई कानून लागू होने से लेकर 2023 तक यानी इन 20 साल में पहली बार किसी राज्य के 18 उत्पादों को एक साथ जीआई सर्टिफिकेट मिला है. इस योजना के तहत प्रदेश के हर जिले के दो-दो उत्पादों को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है. लिहाजा, सरकार उन उद्योगों को भी बढ़ावा देगी जो परंपरागत रूप से इन उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में मदद करेंगे.

जानिए क्या होता है जीआई टैग: भौगोलिक संकेत यानी जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग. ये टैग उन उत्पादों को उनके मूल स्थान और जहां का वह उत्पाद है वहां से जोड़ने का काम करता है. इसके साथ ही जीआई टैग उत्पाद की विशेषता बताता है. जीआई टैग उन उत्पादों को दिया जाता है, जो अपने क्षेत्र में विशेष महत्व रखते हैं और सिर्फ उसी क्षेत्र में बनते हैं. 2003 में जीआई टैग देने की शुरुआत हुई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.