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उत्तराखंड की 12 महिलाओं को मिला तीलू रौतेली पुरस्कार, पहली बार आंगनबाड़ी वर्कर भी शामिल

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Published : Aug 8, 2022, 3:05 PM IST

Updated : Aug 8, 2022, 5:42 PM IST

उत्तराखंड में 12 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार(Tilu Rauteli Award 2022) से नवाजा गया है. राज्यपाल ने इन सभी को पुरस्कृत किया. प्रदेश में साल 2006 से तीलू रौतेली पुरस्कार(Tilu Rauteli Award) दिया जा रहा है. इस बार 35 महिलाओं को राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सम्मान(State Level Anganwadi Worker Award) भी दिया गया. राज्य में ऐसा पहली बार हो रहा है जब आंगनबाड़ी वर्करों को भी सम्मानित किया गया है.

12 women were honored with Tilu Rauteli Award
12 महिलाओं को मिला तीलू रौतेली पुरस्कार

देहरादून: सोमवार को सर्वे चौक स्थित सभागार में उत्तराखंड सरकार के महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रदेश की 12 महिलाओं और किशोरियों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया. इस मौके पर प्रदेश में पहली बार 35 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं (State Level Anganwadi Worker Award) को भी सम्मानित किया गया. सम्मानित की गई महिलाओं ने अपने केंद्रों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है. इस मौके पर राज्यपाल सेनि. लेफ्टिनेट जनरल गुरमीत सिंह और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य (Women Empowerment and Child Development Minister Rekha Arya) ने इन सभी महिलाओं, किशोरियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया.

कौन थी तीलू रौतेली: तीलू रौतेली का जन्म 8 अगस्त को हुआ था. तिलोत्तमा देवी गढ़वाल, उत्तराखण्ड की एक ऐसी वीरांगना थी जो केवल 15 वर्ष की उम्र में रणभूमि में कूद पड़ी थी. सात साल तक जिसने अपने दुश्मन राजाओं को कड़ी चुनौती दी थी. 22 वर्ष की आयु में सात युद्ध लड़ने वाली तीलू रौतेली एक वीरांगना थीं. तीलू रौतेली उर्फ तिलोत्तमा देवी भारत की रानी लक्ष्‍मीबाई, चांदबीबी, झलकारी बाई, बेगम हजरत महल के समान ही देश विदेश में ख्‍याति प्राप्‍त हैं.

12 महिलाओं को मिला तीलू रौतेली पुरस्कार

इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने तीलू देवी के नाम पर एक योजना शुरू की है, जिसका नाम तीलू रौतेली पेंशन योजना है. यह योजना उन महिलाओं को समर्पित है, जो कृषि कार्य करते हुए विकलांग हो चुकी हैं. इस योजना का लाभ उत्तराखंड राज्‍य की बहुत सी महिलायें उठा रहीं हैं. वहीं उसके बाद प्रदेश सरकार ने वीरबाला तीलू रौतेली के नाम पर वर्ष 2006 से तीलू रौतेली पुरस्कार(Tilu Rauteli Award) शुरू किया.
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इन्हें मिला तीलू रौतेली पुरस्कार: अल्मोड़ा जिले से साहित्यिक क्षेत्र में कार्य के लिए डॉ. शशि जोशी, खेल के क्षेत्र में कार्य के लिए बागेश्ववर जिले से दीपा आर्य, चमोली जिले से सामाजिक क्षेत्र में कार्य के लिए मीना तिवाड़ी, बालिका शिक्षा एवं सामाजिक कार्य के लिए चंपावत जिले से मंजू बाला, पत्रकारिता के क्षेत्र में देहरादून जिले से नलिनी गुसाईं, खेल के क्षेत्र में हरिद्वार जिले से प्रियंका प्रजापति, शिक्षा एवं स्वच्छता के क्षेत्र में नैनीताल जिले से विद्या मर्तोलिया, अदम्य साहसिक कार्य के लिए पौड़ी से सावित्री देवी, महिला स्वयं सहायता के क्षेत्र में कार्य के लिए पिथौरागढ़ जिले से दुर्गा खड़ायत, आजीविका संवर्द्धन के क्षेत्र में कार्य के लिए रुद्रप्रयाग जिले से गीता रावत, सामाजिक क्षेत्र में कार्य के लिए उत्तरकाशी जिले से लता नौटियाल एवं खेल के क्षेत्र में कार्य के लिए ऊधमसिंहनगर जिले से प्रेमा नौटियाल को पुरस्कृत किया गया.
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इन्हें मिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार: अल्मोड़ा से सुनीता कोहली, कुसुम बिष्ट, जानकी व कमला नेगी, बागेश्वर जिले से हेमा सती, चमोली जिले से भागा देवी, शोभा व अभिलाषा देवी, चंपावत जिले से अनिता रावत, देहरादून जिले से अर्चना राणा, सरोज सुयाल व किर्तना शर्मा, हरिद्वार से सीमा रानी, कमलेश धीमान, रचना व उमेश कुमारी, नैनीताल से ज्योति रावत, अंजू सागर व गीता नयाल, पौड़ी से अनिता देवी, आशा देवी, मीना देवी, हेमलता बिष्ट व गिन्नी डंगवाल, पिथौरागढ़ से दीपा पांडेय व ज्योति टम्टा, रुद्रप्रयाग से रंजना अवस्थी, टिहरी से मंगला थपलियाल, उमा भट्ट व सविता सेमवाल, ऊधमसिंह नगर से स्नेहलता मलिक, रचना रानी व मीरा देवी, उत्तरकाशी से सुमित्रा और लक्ष्मी नौटियाल.

Last Updated : Aug 8, 2022, 5:42 PM IST
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