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Agnipath scheme protest: चंपावत में बीजेपी ऑफिस पर आक्रोशित युवाओं ने बोला हल्ला, PM मोदी के फाड़े पोस्टर-बैनर

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Published : Jun 17, 2022, 7:56 PM IST

Updated : Jun 17, 2022, 8:21 PM IST

सीएम धामी के विधानसभा क्षेत्र चंपावत में भी अग्निपथ योजना का जमकर विरोध हो रहा है. आज चंपावत में प्रदर्शनकारी युवा बीजेपी कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने विरोध करते हुए पीएम मोदी समेत कई नेताओं के बैनर और होर्डिंग्स फाड़े. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

Agnipath scheme protest
चंपावत में बीजेपी ऑफिस पर प्रदर्शनकारी युवाओं ने बोला हल्ला

चंपावत: हाल ही में हुए चंपावत उपचुनाव में जिन युवाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बंपर वोटों से जिताया वो ही आज मोदी सरकार के विरोध में उतर आये हैं. सेना भर्ती के लिए घोषित केंद्र सरकार की 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ चंपावत में भी प्रदर्शनों का दौर जारी है. यहां के युवाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए पीएम मोदी के पोस्टर, बैनरों को फाड़ डाला. इस दौरान इन प्रदर्शनकारी युवाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

सीएम पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र चंपावत में युवा, केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर काफी आक्रोशित हैं. ऐसे में शुक्रवार को आक्रोशित युवाओं ने आज चंपावत बीजेपी कार्यालय पहुंचकर पीएम मोदी समेत कई नेताओं के बैनर और होर्डिंग्स फाड़कर अपना आक्रोश व्यक्त किया. वहीं, सोशल मीडिया पर चंपावत के युवाओं के आक्रोश का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें चंपावत बीजेपी कार्यालय में लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री धामी समेत कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं के बैनर और होर्डिंग्स को आक्रोशित युवा छतों से फेंकते और फाड़ते नजर आ रहे हैं.

चंपावत में बीजेपी ऑफिस पर प्रदर्शनकारी युवाओं ने बोला हल्ला

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हल्द्वानी में प्रदर्शनकारी युवाओं पर पुलिस ने भांजी लाठियां: हल्द्वानी में शुक्रवार सुबह बड़ी संख्या में युवा हल्द्वानी के रामलीला मैदान में इकट्ठा हुए और जुलूस निकालने की तैयारी करने लगे. इसी दौरान मौके पर पहुंची पुलिस ने युवाओं को खदेड़ा. बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट के आवास की तरफ बढ़ रहे थे. इससे पहले ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने तिकोनिया चौराहे पर जाम भी लगा दिया. जिसके बाद पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज भी किया. वहीं, इस लाठीचार्ज में कुछ युवा मामूली रूप से घायल हुए हैं. कई युवाओं को हिरासत में लिया गया है.

भारतीय सेना में उत्तराखंड की भागीदारीः भारतीय सेना में उत्तराखंड के जवानों की तादाद काफी ज्यादा है. आजादी के बाद से ही भारतीय सेना में उत्तराखंड की भागीदारी रही है. यही कारण है कि कई बड़े सैन्य अधिकारी आज भी भारतीय सेना में उच्च पदों पर विराजमान हैं या तो देश सेवा से रिटायर्ड हो चुके हैं. इसके अलावा गढ़वाल और कुमाऊं रेजिमेंट के नाम कई उपलब्धियां भी हैं. इसलिए खास बात ये भी है कि उत्तराखंड में पांचवां धाम सैन्य धाम भी बनाया जा रहा है, जिसकी नींव रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 दिसंबर 2021 को रखी है. 50 बीघा भूमि पर सैन्यधाम को 63 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है.

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उत्तराखंड में हैं तीन रेजीमेंट: उत्तराखंड में सेना की तीन रेजीमेंट हैं. पौड़ी गढ़वाल जिले के लैंसडाउन में गढ़वाल रेजीमेंट का हेड क्वार्टर है. अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में कुमाऊं रेजीमेंट का हेड क्वार्टर है. नागा रेजीमेंट का हेड ऑफिस अल्मोड़ा में है.

क्या है अग्निपथ योजनाः केंद्र सरकार ने बीती 14 जून को एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना लॉन्च की. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के लिए एक आकर्षक भर्ती योजना 'अग्निपथ' (Agnipath) को मंजूरी दी. इसमें अग्निवीर (Agniveer) युवाओं को कम उम्र में सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार के काबिल भी बनाया जाएगा. इस दौरान उन्हें शानदार वेतन भी मिलेगा. पहले साल 46 हजार युवक-युवतियों की भर्ती जाएगी. यहां संख्या हर साल कम या ज्यादा हो सकती है. यह योजना सेना भर्ती रैलियों की जगह लेगी.

अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनने के मानदंड? इच्छुक युवक-युवती का भारतीय नागरिक होना जरूरी है. आवेदक की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के मध्य होना चाहिए. साथ ही आवेदक उम्मीदवार का 10वीं या 12वीं पास होना जरूरी है. जो 10वीं पास होंगे, उन्हें प्रशिक्षण के दौरान कक्षा 12वीं पढ़ाई भी कराई जाएगी. चार साल के कार्यकाल में पहले छह महीने ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद सेना के जवानों के साथ देश सेवा का मौका मिलेगा.

वहीं, अग्निवीरों का चार वर्षीय सेवाकाल खत्म होने के बाद वे इच्छानुसार रेगुलर काडर के लिए आवेदन कर सकेंगे. रेगुलर काडर में कुल अग्निवीरों में से अधिकतम 25 फीसदी को जगह मिलेगी. प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद घर भेज दिया जाएगा. जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें स्वरोजगार के काबिल बनाया जाएगा. साथ ही सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी सेवाओं की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके साथ ही अग्निवीर को पूर्व सैनिक कोटे का भी लाभ मिलेगा.

Last Updated : Jun 17, 2022, 8:21 PM IST
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