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औली में रोप-वे टिकट के लिए मारामारी, पुलिस की मौजूदगी में हुई बिक्री

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Published : Jan 24, 2021, 7:09 PM IST

सुबह जोशीमठ-औली रोपवे के टिकट के लिए पर्यटकों के बीच हंगामे की स्थिति पैदा हो गई. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. पुलिस की मौजूदगी में ही रोपवे के टिकटों की बिक्री हुई.

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औली में रोप-वे के टिकट के लिए मारामारी

चमोली: सर्दियों के मौसम में होने वाली बर्फबारी के चलते हर साल चमोली जिले की ओर हजारों पर्यटक रुख करते हैं. वहीं, इस मौसम में पहाड़ी इलाकों में कई थैल और मेलों का आयोजन होता है. बात अगर पर्यटकों का करें तो जिले में सर्द मौसम में सुकून लेने के लिए पर्यटक औली पहुंचते हैं. इस साल भी औली में पर्यटकों की चहल-पहल बढ़ गई है.आज औली रोप-वे पर भीड़ इतनी अधिक थी कि पुलिस की मौजूदगी में टिकट बांटने पड़े. वहीं, दूसरी ओर पांडुकेश्वर में आयोजित हो रहे जांति मेले को देखने के लिए भी भारी तादाद में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.

पुलिस की मौजूदगी में टिकटों की बिक्री

रविवार को सुबह जोशीमठ-औली रोपवे के टिकट के लिए पर्यटकों के बीच हंगामे की स्थिति पैदा हो गई. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. पुलिस की मौजूदगी में ही रोपवे के टिकटों की बिक्री हुई. रोपवे के प्रभारी प्रबंधक दिनेश मलासी ने बताया कि इन दिनों औली में पर्यटकों का हुजूम उमड़ रहा है. पर्यटक दिनभर यहां बर्फ का लुत्फ उठा रहे हैं.

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पांडुकेश्वर में हो रहा जांति मेला

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औली में जाम की स्थिति

वहीं, पर्यटकों के वाहनों से औली रोड पर जाम की स्थिति में बन रही है. जीएमवीएन के गेस्ट हाउस के समीप सड़क संकरी और तीखा मोड़ होने के कारण बार-बार जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. इधर, गढ़वाल मंडल विकास निगम के इको हट के प्रबंधक किशोर डिमरी ने बताया कि पर्यटकों की ओर से औली के लिए ऑन लाइन बुकिंग की जा रही है. जिससे प्रतिदिन औली में गेस्ट हाउस और हको हट फुल चल रहे हैं.

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पांडुकेश्वर में हो रहा जांति मेला

वहीं, जिले के पांडुकेश्वर में आयोजित हो रहे जांति मेले को देखने के लिए भारी तादात में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. रविवार को मेले के दौरान कुबेर, घंटाकर्ण और कैलाश देवता ने अपने अवतारी पुरुष पर अवतरित होकर दूध और गंगा जल से स्नान किया. इसके बाद देव नृत्य आयोजित हुआ. स्थानीय महिलाओं ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में मांगलिक गीतों का गायन कर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी. सोमवार को कैलाश देवता के लोहे की जांति के साथ अद्भुत नृत्य के बाद मेले का समापन हो जाएगा.

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