चमोली: भगवान घंटाकर्ण की देवरा यात्रा शुरू हो गई है. झमाझम बारिश और भारी बर्फबारी के बीच पांडुकेश्वर गांव के श्रद्धालु पैरों में बिना जूते-चप्पल पहने मुश्किल भरे रास्तों से देवरा यात्रा में शामिल होकर वसुधारा जा रहे हैं. भारी बर्फबारी भी भगवान के भक्तों का रास्ता नहीं रोक पा रही है. भगवान की भक्ति में लीन भक्त ठंड की परवाह किए बिना चले जा रहे हैं. ये भगवान की आस्था का ही चमत्कार है कि भारी दिक्कतों के बाद भी इन भक्तों के चेहरे पर शिकन तक नहीं है.
दरअसल, घंटाकर्ण भगवान की इस यात्रा में 50 से अधिक श्रद्धालु मौजूद हैं, जो भगवान बदरी विशाल और घंटाकर्ण के जयकारे के साथ पांडुकेश्वर से आगे बढ़ते जा रहे हैं. सभी दुश्वारियों को पार करते हुए सभी भक्त भगवान घंटाकर्ण की भक्ति में लीन हैं.
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बता दें कि भगवान घंटाकर्ण की देवरा यात्रा कुंभ की तरह 12 साल में एक बार आयोजित होती है. इस यात्रा में भगवान घंटाकर्ण अपने आराध्य भगवान बदरीविशाल को भी मिलने जाते हैं. यात्रा के दौरान भगवान घंटाकर्ण बदरीनाथ धाम में स्थित सभी तीर्थों में जाते हैं. इस दौरान सभी जगहों पर विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं.
भगवान घंटाकर्ण के भगवान बदरीविशाल के मिलने बाद बामनी गांव में कुबेर भगवान के साथ गाडू घड़े की भी विशेष पूजा अर्चना होती है. पांडुकेश्वर के लोग यात्रा काल में अपने गांव बामणी गांव में रहते हैं. 6 माह भगवान बदरीविशाल की भक्ति में लीन रहकर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं.