बागेश्वरः साल 2005 में हुई हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने फैसला सुना दिया है. अदालत ने पटवारी समेत पांच अन्य लोगों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपियों को सजा के साथ दस हजार रुपए के अर्थदंड भी देना होगा.
बता दें कि 5 जनवरी 2005 में खीला देवी पत्नी राजू राम निवासी रेखाड़ी ने क्षेत्रीय पटवारी समेत कुल 7 लोगों पर पति की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई. रिपोर्ट में कहा कि उसके पति राजू राम को बिना कारण क्षेत्रीय पटवारी पप्पू लाल निवासी गोलना नागर, चपरासी गोविंद सिंह निवासी गिरचोला, होमगार्ड लछम राम निवासी रिखाड़ी, नारायण राम निवासी ओखलधार, पूरन चंद्र निवासी कपकोट, गोविंद प्रसाद निवासी बिखाती गांव, बाला सिंह निवासी फरसाली ने मारपीट की.
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पीड़िता ने ये भी बताया था कि आरोपित लोग उसके पति को मारते-पीटते खींचकर बोड़िया नामक स्थान तक ले गए. जिससे उसके पति की मौत हो गई. वो चिल्लाती रही, लेकिन उसे डराकर चुप करा दिया गया. पीड़िता की रिपोर्ट पर कानूनगो ने सभी आरोपितों पर आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया. वहीं, मामले की जांच राजस्व पुलिस के बाद रेगुलर पुलिस व सीबीसीआइडी ने की. साल 2008 में सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सभी आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया था.
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दोषमुक्ति के निर्णय के बाद पीड़िता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद जुलाई 2020 में अपर सत्र न्यायाधीश ने मामले की पुन: सुनवाई की. अपर सत्र न्यायाधीश कुलदीप शर्मा की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा व दस हजार का अर्थदंड से दंडित किया. सुनवाई के दौरान एक आरोपित बाला सिंह की मौत हो गई थी. मामले की पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता गोविंद बल्लभ उपाध्याय और चंचल सिंह पपोला ने की.