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जन्मदिन से पहले आशा पारेख को तोहफा, दादा साहब फाल्के पुरस्कार से होंगी सम्मानित

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Published : Sep 27, 2022, 1:08 PM IST

Updated : Sep 27, 2022, 3:38 PM IST

इस साल दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award 2022) से नवाजा जाएगा.

asha parekh dadasaheb phalke award
asha parekh dadasaheb phalke award

मुंबई: बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख को फिल्म जगत के सबसे बड़े सम्मान से नवाजा जाएगा. इस साल के दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award 2022) से आशा पारेख सम्मानित की जाएंगी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को पुस्कार का ऐलान किया. 30 सितंबर को यह पुरस्कार दिया जाएगा. आशा पारेख अभिनेत्री के साथ-साथ प्रोड्यूसर व डायरेक्टर भी रही हैं. इससे पहले उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है.

आपको बता दें कि आशा पारेख ने अपने करियर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में बेबी आशा पारेख नाम से की थी. प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक बिमल रॉय ने उन्हें स्टेज समारोह में नृत्य करते देखा और उन्हें दस साल की उम्र में फिल्म मां (1952) में लिया और फिर उन्हें बाप बेटी (1954) में दोबारा भूमिका करने का मौका दिया.

सोलह साल की उम्र में उन्होंने फिर से अभिनय करने की कोशिश की और एक नायिका के रूप में अपनी शुरुआत की. फिल्म निर्माता सुबोध मुखर्जी और लेखक-निर्देशक नासिर हुसैन ने उन्हें शम्मी कपूर के साथ 'दिल देके देखो' (1959) में नायिका के रूप में लिया. इस फिल्म की सफलता से उन्हें एक बड़ी अभिनेत्री का तमगा मिला. इस फिल्म से नासिर हुसैन के साथ उनका लंबा और फलदायी जुड़ाव रहा.

उन्होंने अपनी 6 और फिल्मों में आशा को नायिका के रूप में लिया. जब प्यार किसी से होता है (1961), फिर वही दिल लाया हूं (1963), तीसरी मंज़िल (1966), बहारों के सपने (1967), प्यार का मौसम (1969) और कारवाँ (1971)।[7] उन्होंने उनकी फ़िल्म मंज़िल मंज़िल (1984) में एक कैमियो भी किया. आशा पारेख को मुख्य रूप से उनकी अधिकांश फिल्मों में ग्लैमर गर्ल व उत्कृष्ट नर्तकी के रूप में जाना जाता था.

जब तक कि निर्देशक राज खोसला ने उन्हें अपनी तीन फिल्मों में अलग तरह की भूमिकाएँ नहीं दी. दो बदन (1966), चिराग (1969) और मैं तुलसी तेरे आँगन की (1978) जैसी फिल्मों में उनके अभिनय की खूब चर्चा हुयी. निर्देशक शक्ति सामंत ने उन्हें अपनी अन्य फिल्मों, पगला कहीं का (1970) और कटी पतंग (1970) में अधिक नाटकीय भूमिकाएँ दीं. उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता है.

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Last Updated :Sep 27, 2022, 3:38 PM IST
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