नैनीताल: हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करना आचार्य बालकृष्ण और आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को महंगा पड़ सकता है. आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में बढ़ी हुई फीस लेने के मामले पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें हाईकोर्ट की एकल पीठ ने आचार्य बालकृष्ण समेत आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में बढ़ी हुई फीस का शासनादेश रद्द होने के बाद भी छात्रों से बढ़ी फीस लेने और छात्रों को फीस न लौटाने के मामले पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. जिसके तहत हाईकोर्ट ने आयुर्वेदिक एवं अनुसंधान संस्थान पतंजलि योगपीठ के निदेशक आचार्य बालकृष्ण और प्रधानाचार्य डीएन शर्मा समेत उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार माधवी गोस्वामी को अवमानना नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने इन सभी को 3 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
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बता दें कि राज्य सरकार द्वारा आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में फीस 80 हजार से बढ़ाकर 2 लाख 15 हजार कर दी थी. जिसके बाद इस मामले को लेकर छात्र हाईकोर्ट गये थे. जिसमें हाईकोर्ट ने छात्रों के पक्ष में फैसला सुनाया था. पिथौरागढ़ के रहने वाले शुभम पंत समेत अन्य छात्रों ने नैनीताल हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि इस साल 9 जुलाई को हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश को रद्द कर दिया था. राज्य सरकार के शासनादेश को रद्द करने के बावजूद भी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज छात्रों से बढ़ी भी फीस ले रहे हैं.
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कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि फीस निर्धारण का अधिकार सिर्फ रेगुलेशन कमेटी को है. लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद भी कॉलेज छात्रों से बढ़ी हुई फीस ले रहे हैं. जिसके बाद छात्रों ने कोर्ट के आदेश का पालन न होने पर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने आचार्य बालकृष्ण और आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के रजिस्ट्रार को अवमानना नोटिस जारी कर 3 सप्ताह के भीतर फीस वापस करने के आदेश दिए हैं.