ETV Bharat / city

194 करोड़ की लागत से बनने वाला ये अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बना शो पीस, गुजर रहा बदहाली के दौर से

author img

By

Published : May 29, 2019, 6:34 PM IST

Updated : May 29, 2019, 7:34 PM IST

आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि गौलापार में बना इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम 15 .20 हेक्टेयर में बना है. जिसका निर्माणकार्य आज भी अधूरा है. ऐसे में आज ये स्टेडियम केवल शोपीस बनकर रह गया है

हल्द्वानी: गौलापार में बना कुमाऊं का पहला अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बदहाली के दौर से गुजर रहा है. 194 करोड़ की लागत से बने इस स्टेडियम का उद्घाटन 18 दिसंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया था, लेकिन तब से लेकर अब तक इस स्टेडियम का निर्माणकार्य अधूरा पड़ा है. 3 साल बीत जाने के बाद भी अबतक इस स्टेडियम में किसी तरह के खेल का आयोजन नहीं हो पाया है.

अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बना शो पीस

आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि गौलापार में बना इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम 15 .20 हेक्टेयर में बना है. जिसका निर्माणकार्य आज भी अधूरा है. ऐसे में आज ये स्टेडियम केवल शोपीस बनकर रह गया है. अव्यवस्थाओं और तमाम बदइंतजामी के चलते आज ये स्टेडियम बदहाली के दौर से गुजर रहा है. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार 194 करोड़ की लागत से बनने वाले स्टेडियम पर 2017 तक 150 करोड़ रुपए खर्च किये जा चुके हैं और अब तक इसका 80% काम ही पूरा हो पाया है. स्टेडियम की निर्माणदायी संस्था नागार्जुन कंस्ट्रक्शन हैदराबाद की कंपनी है. बताया जा रहा है कि बजट के अभाव में कंपनी ने अब तक स्टेडियम के काम को पूरा नहीं किया है.

पढ़ें-आचार संहिता हटते ही सरकार के खिलाफ मुखर हुए लोग, विकास प्राधिकरण को लेकर फिर आवाज बुलंद

देहरादून के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के बाद कुमाऊं में भी इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निर्माण कराया गया था. जिससे उत्तराखंड में खेल प्रतिभाओं को आगे लाया जा सके, लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते अभी तक इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में एक भी मैच नहीं हो पाया है. आलम यह है कि स्टेडियम का काम अधूरा पड़ा हुआ है और जो निर्माणकार्य हुआ भी है वह भी धीरे-धीरे जर्जर होता जा रहा है.

पढ़ें-बाइक पर ट्रिपलिंग पर जा रहे युवकों को अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, दो की दर्दनाक मौत

आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि इस तरह सरकारी धन को बर्बाद कर अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को बदहाली की ओर धकेला जा रहा है. सरकार को चाहिए कि इस अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की दुर्दशा को जल्द से जल्द ठीक कराएं. इसमें अंतरराष्ट्रीय मैच कराए जाएं जिससे कि राजस्व के साथ ही यहां के खिलाड़ियों को इसका फायदा मिल सके. गौरतलब है कि यह स्टेडियम हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट, टेनिस, वालीबॉल सहित कई खेलों के लिए बनाया गया था. साथ ही अंतरराष्ट्रीय मैचों को ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण करवाया जा रहा था

Intro:स्लग- अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम पर आरटीआई से खुलासा( बाइट मिल से उठाएं जबकि विजुअल मोजो से)

रिपोर्टर भावना पंडित हल्द्वानी।
एंकर- हल्द्वानी के गौलापार में बने कुमाऊ का पहला इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बदहाली के दौर से गुजर रहा है। 194 करोड़ से बने इस स्टेडियम का उद्घाटन 18 दिसंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया था लेकिन आज भी स्टेडियम अधूरा पड़ा है और अभी तक इस स्टेडियम में कोई भी खेल नहीं हो पाया है।


Body:आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार 15 .20 हेक्टेयर में बना गौलापार का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम आज भी अधूरा पड़ा है और केवल शोपीस बनकर रह गया है। आलम यह है कि अब धीरे-धीरे स्टेडियम बदहाली के दौर से गुजर रहा है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार 194 करोड़ के लागत से बनने वाला स्टेडियम मे 2017 तक 150 करोड़ खर्च किया जा चुका है जिसका लेवल 80% ही हो पाया है। स्टेडियम के निर्माण के कर गई संस्था नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी हैदराबाद इस काम को कर रही हैं। लेकिन वर्तमान में यह काम बजट के अभाव में पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। यही नहीं सरकार ने कंपनी को अभी तक 150 करोड रुपए जारी भी कर दिया है लेकिन काम मात्र 80% ही हो पाया है।

देहरादून के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के बाद कुमाऊं में भी इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निर्माण कराया गया जिससे की उत्तराखंड में खेल प्रतिभाओं को आगे लाया जा सके और इस स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय मैच कराया जा सके। लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते अभी तक इस स्टेडियम में एक भी मैच नहीं हो पाया है। आलम यह है कि स्टेडियम का काम अधूरा पड़ा हुआ है और जो निर्माण हुआ है वह भी धीरे-धीरे बदहाली के कगार पर है।
आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि इस तरह की सरकारी धन का बर्बाद कर अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को बदहाली की ओर धकेला जा रहा है। सरकार को चाहिए कि इस अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की दुर्दशा को ठीक कराएं और इसमें अंतरराष्ट्रीय मैच कराए जिससे कि उत्तराखंड की हित हो सके।
गौरतलब है कि इस स्टेडियम में हॉकी फुटबॉल क्रिकेट टेनिस वॉलीबॉल सहित कई अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए स्टेडियम का निर्माण कराया गया था।
बाइट- हेमंत गोनिया आरटीआई कार्यकर्ता


Conclusion:करीब 15 से 20,हजार दर्शकों वाली क्रिकेट स्टेडियम पर 150 करोड़ अधिक की धनराशि खर्च की जा चुकी है लेकिन 1 साल से अधिक हो गए अभी तक एक भी मैच नहीं हुए और स्टेडियम केवल शोपीस बनकर आ गया है ।
Last Updated : May 29, 2019, 7:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.