आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी LIC के बोर्ड में छह स्वतंत्र निदेशक शामिल

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Published : Feb 6, 2022, 2:33 PM IST

LIC के बोर्ड

LIC का अंतनिर्हित मूल्य निकाला जा चुका है और यह पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक है. DRPH में निर्गम के आकार का उल्लेख होगा. निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (Department of Investment and Public Asset Management-DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा था कि SEBI की मंजूरी के बाद LIC का IPO मार्च में आ सकता है. LIC के निर्गम का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रहेगा.

नई दिल्ली : आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने की तैयारी में जुटी जीवन बीमा निगम (LIC) के निदेशक मंडल में छह स्वतंत्र निदेशकों को शामिल किया गया है. कामकाज के संचालन (Corporate Governance) से संबंधित नियामकीय नियमों को पूरा करने को कंपनी ने यह कदम उठाया है. सूत्रों ने बताया कि LIC ने पूर्व वित्तीय सेवा सचिव अंजुली छिब दुग्गल, सेबी के पूर्व सदस्य जी महालिंगम और SBI Life के पूर्व प्रबंध निदेशक संजीव नौटियाल को निदेशक मंडल में शामिल किया है.

इसके अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट विजय कुमार, राजकमल और वी एस पार्थसारथी को LIC के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल किया गया है. इन नियुक्तियों के साथ LIC के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों की संख्या नौ हो गई और सारी रिक्तियां भर गई हैं. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास IPO दस्तावेज (DRHP) जमा करने से पहले कॉरपोरेट गवर्नेंस नियमों (Rulse of Corporate Governance) को पूरा करना जरूरी है. केंद्र सरकार एलआईसी के बड़े IPO के लिए इसी सप्ताह दस्तावेज जमा करा सकती है.

LIC का अंतनिर्हित मूल्य निकाला जा चुका है और यह पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक है. DRPH में निर्गम के आकार का उल्लेख होगा. निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (Department of Investment and Public Asset Management-DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा था कि SEBI की मंजूरी के बाद LIC का IPO मार्च में आ सकता है. LIC के निर्गम का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रहेगा.

चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने की दृष्टि से LIC की सूचीबद्धता महत्वपूर्ण है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य में भारी कटौती कर इसे 78,000 करोड़ रुपये कर दिया है. अभी तक सरकार एयर इंडिया के विनिवेश और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी बिक्री के जरिये मात्र 12,000 करोड़ रुपये जुटा पाई है.

(पीटीआई-भाषा)

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