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जब ईटीवी भारत से बोले थे जनरल रावत- 'भुला देश सुरक्षित हाथों में है'

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Published : Dec 9, 2021, 2:30 PM IST

तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना के हेलिकॉप्टर क्रैश (Army helicopter crashes in Coonoor) में सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) की मौत हो गई. जनरल रावत की मौत के बाद देशभर में शोक की लहर है. हर कोई CDS बिपिन रावत को अपनी-अपनी तरह से याद कर रहा है. ईटीवी भारत भी उनको याद कर रहा है, जब उन्होंने ईटीवी भारत से कहा था- भुला (उत्तराखंड में छोटे भाई को भुला कहते हैं) देश सुरक्षित हाथों में है.

CDS Bipin Rawat
सीडीएस जनरल बिपिन रावत

देहरादून : हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS Bipin Rawat) जनरल बिपिन रावत को आज पूरा देश नमन कर रहा है. जनरल बिपिन रावत का उत्तराखंड से क्या नाता है? ये तो सबको मालूम है. लेकिन उनके दिल में उत्तराखंड हमेशा धड़कता था. उत्तराखंड के लिए सोचना और उत्तराखंड के लिए कुछ करने का जज्बा, उनके मन में आखिरी समय तक था. इस बात को ईटीवी भारत की टीम ने तब देखा और महसूस किया जब आज से ठीक एक महीने पहले 9 नवंबर को उत्तराखंड अपना राज्य स्थापना दिवस मना रहा था.

राज्य स्थापना दिवस पर राजभवन आए थे बिपिन रावत

यह बात उस समय की है जब देहरादून राजभवन में राज्य स्थापना दिवस के मौके पर राज्यपाल गुरमीत सिंह ने शाम की चाय के लिए हर साल की तरह राज्य के गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया हुआ था. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अलावा शासन-प्रशासन के तमाम अधिकारी मौजूद थे. लेकिन ऐसा पहली बार था कि सेना से जुड़े बड़े अधिकारी राजभवन में राज्य स्थापना दिवस के मौके पर पहुंचे थे.

राज्यपाल गुरमीत सिंह, क्योंकि सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. लिहाजा, गुरमीत सिंह के आमंत्रण पर पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और अन्य राज्यों से सेना के बड़े अधिकारी भी पहुंचे हुए थे. कोविड-19 प्रोटोकोल के तहत सेना के तमाम अधिकारियों ने मास्क पहना हुआ था. इस दौरान किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस सेना की भीड़ में सीडीएस बिपिन रावत भी मौजूद हैं. अक्सर राजभवन में नेता, मंत्री या समाजसेवी ही आते रहे हैं. लेकिन यह पहली बार था जब राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में सीडीएस बिपिन रावत राजभवन पहुंचे थे.

CDS बिपिन रावत संग फोटो खिंचवा रहे थे लोग

लगातार लोग उनके साथ फोटो खिंचवा रहे थे. पत्रकारों ने बातचीत करनी चाहिए तो उन्हें साफ इनकार कर दिया. राजभवन में वैसे भी किसी की बाइट या इंटरव्यू कम ही होता है. ईटीवी भारत की टीम ने भी उनसे बातचीत करने की कोशिश की. ईटीवी भारत के उत्तराखंड ब्यूरो चीफ किरनकांत शर्मा ने शुरुआत में बस इतना कहा कि आप राज्य स्थापना दिवस पर लोगों को जो भी संदेश देना चाहते हैं, वह दे दीजिए, तो उन्होंने कहा यहां सही नहीं लगेगा.

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CDS बिपिन रावत ने ईटीवी भारत से की थी बातचीत

पहले तो बिपिन रावत ने कहा कि बस आप यह लिख दीजिए कि 'मैं सभी राज्य वासियों को बधाई देता हूं.' फिर हमने कहा सर बहुत कम मौके होते हैं, जब आप के साथ साक्षात्कार होता है. राज्य स्थापना दिवस जैसा मौका हो और आप कुछ ना बोलें यह थोड़ा अटपटा लगेगा. इस पर बिपिन रावत मुस्कुराते हुए राजी हो गए. उन्होंने कहा कि कोई इधर-उधर के सवाल आप नहीं पूछेंगे.

स्थापना दिवस को उत्तराखंड के लिए पवित्र दिन बताया था

सवालों का सिलसिला शुरू हुआ. ईटीवी भारत ने उनसे पूछा कि राज्य स्थापना दिवस पर आप लोगों से क्या कहना चाहते हैं ? उन्होंने कहा कि आज का दिन बेहद पवित्र और उत्तराखंड के लिए बड़ा दिन है. राज्य की उन्नति के लिए मैं प्रार्थना करता हूं और इसमें सरकार के साथ-साथ आम जन की भागीदारी भी होनी चाहिए. बिपिन रावत से एक के बाद एक सवालों के बाद उत्तराखंड के तमाम मुद्दों पर सवाल-जवाब हुए. उन्होंने पलायन, रोजगार, स्वास्थ्य व्यवस्था से लेकर शिक्षा व्यवस्था पर खुलकर बातचीत की.

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'देश सुरक्षित हाथों में है भुला'

यह वह बातचीत थी जो कैमरे में रिकॉर्ड हो रही थी. ऑफ कैमरा ईटीवी भारत ने उनसे बातचीत की. हमने मुस्कुराते हुए ही सवाल किया सर दो दिन पहले राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक रिपोर्ट पोस्ट की है, जो यूएस की रिपोर्ट है. उन्होंने कहा मैं भूल चुका हूं, फिर बोले मैं सोशल मीडिया पर ज्यादा ध्यान नहीं देता. सही बात तो यह है भुला (भुला उत्तराखंड में छोटे भाई को बोला जाता है) देश एकदम सुरक्षित हाथों में है, इससे ज्यादा और मैं कुछ नहीं बोलूंगा.

क्या आप उत्तराखंड में हो रहे कामों से संतुष्ट हैं

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भी 21 साल का हुआ है और जिस तरह से यहां पर काम हो रहे हैं, वह यह बताता है कि आने वाले समय में हम अपने राज्य को और बेहतर बना लेंगे. बाकी काम मीडिया का है. आप जो राज्य में हो रहा है, उसे अच्छे से दिखाइए.

जनरल बिपिन रावत ने कहा- 'मैं उत्तराखंड से आता हूं लेकिन साक्षात्कार नहीं होता, ऐसा तो बिल्कुल नहीं है. मैं पहला ऐसा सेना का अधिकारी हूं, जो कहीं भी किसी से खुल कर बात कर लेता हूं. बशर्ते वह बात मेरे दायरे की हो. कई हमारे मित्र इधर-उधर की बात ज्यादा करते हैं. मुझे यह सब पसंद नहीं है. आपने (ईटीवी भारत) उत्तराखंड की बातें कीं, मैंने उत्तराखंड की बातों पर सभी पर जवाब दिया, क्योंकि जब तक डायलॉग नहीं होंगे, तबतक कुछ नहीं होगा. मुझे अच्छा लगा कि उत्तराखंड की मीडिया उत्तराखंड के विकास को लेकर गंभीर है. आपने इधर-उधर के कोई भी सवाल नहीं किए. उत्तराखंड पर बात करते हुए मुझे कभी भी संकोच नहीं होता."

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