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देहरादून रिलायंस ज्वैलरी शो रूम डकैती में बिहार से दो गिरफ्तार, ओएलएक्स से खरीदते थे गाड़ियां, सिग्नल करते थे जाम, हाइड हाउस का खुलासा

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 16, 2023, 7:06 AM IST

Updated : Nov 16, 2023, 5:48 PM IST

Two arrested in Reliance Jewelery showroom robbery case उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 9 नवंबर को हुई 20 करोड़ से अधिक की डकैती मामले में दो संदिग्ध आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं. दोनों की गिरफ्तारी बिहार से हुई है. बिहार में डकैतों ने ऑपरेशनल हाइड हाउस बना रखा था. डकैतों ने देहरादून में रिलायंस ज्वैलरी शो रूम में दिन दहाड़े डकैती डालकर हड़कंप मचा दिया था. चौंकाने वाली बात ये थी कि उस दिन राष्ट्रपति देहरादून में थीं. राष्ट्रपति के दौरे को लेकर देहरादून पुलिस हाई अलर्ट पर थी. Dehradun Jewelery showroom robbery case

Two suspects arrested from Bihar
देहरादून डकैती समाचार

ज्वैलरी शोरूम डकैती में बिहार से दो गिरफ्तार

देहरादून: रिलायंस ज्वैलरी शो रूम से हुए ‌₹20 करोड़ की डकैती से संबंधित गैंग के बिहार के वैशाली स्थित Hideout कंट्रोल हाउस पर दून पुलिस ने रेड की है. दून पुलिस द्वारा डकैती में शामिल आरोपियों को फंडिंग करने वाले संदिग्ध शातिर और षड्यंत्र में शामिल सहित दो आरोपियों अमृत और विशाल कुमार को गिरफ्तार किया गया है. अन्य आरोपियों सहित कई संदिग्ध दून पुलिस के रडार पर हैं. बिहार में दून पुलिस की पूछताछ जारी है. अलग-अलग टीमों की मध्य प्रदेश और बिहार में ताबड़तोड़ दबिश भी जारी है. रेड के दौरान डकैती में शामिल आरोपियों के बारे में महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं. गैंग के सदस्य ओएलएक्स से ज्यादातर घटना करने के लिए गाड़ियां खरीदते हैं. साथ ही गैंग के सदस्य ज्यादातर घटनाओं में पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल करते हैं.

मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी हुई ऐसी ही डकैती: 09 नवंबर 2023 को देहरादून के रिलायंस ज्वैलरी शोरूम में डकैती हुई थी. अबतक की जांच में पुलिस को इस डकैती से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं. कटनी, लातूर और सांगली में भी हुई इसी प्रकार की घटनाओं की जानकारी के लिए गई टीमों द्वारा घटनाओं की जानकारी में पाया कि गैंग द्वारा बेहद शातिराना तरीके से घटनाओं का अंजाम दिया जाता था. उनके द्वारा घटना करने के दौरान पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे मौके पर कोई सेंसर ट्रिगर ना हो पाए और ना ही कोई फोन कॉल हो पाए. कटनी (मध्य प्रदेश) और सांगली (वेस्ट बंगाल) की घटनाओं में भी आरोपियों द्वारा पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल किया जाना सामने में आया है.

डकैती डालने के लिए ओएलएक्स से खरीदते थे गाड़ियां: पुलिस के मुताबिक, आरोपियों द्वारा डकैती डालने के लिए या तो चोरी की गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता था, या फर्जी आईडी पर ये लोग ओएलएक्स से गाड़ियां खरीदते थे. फिर उन गाड़ियों से घटनाओं को अंजाम दिया जाता था. देहरादून में हुई डकैती की घटना में आरोपियों द्वारा चोरी के वाहनों का इस्तेमाल किया गया था. लातूर और कटनी में आरोपियों ने ओएलएक्स के माध्यम से फर्जी आईडी पर गाड़ियां खरीदी थी. डकैती की घटनाओं के दौरान आपस में संपर्क करने के लिए आरोपियों द्वारा पश्चिम बंगाल और बिहार की फर्जी आईडी पर सिम खरीदे जाते थे. इन सिम को डकैती को अंजाम देने के बाद नष्ट कर दिया जाता था.

बिहार के वैशाली में बनाया था ऑपरेशनल सीक्रेट हाइड हाउस: बिहार के वैशाली में दून पुलिस को आरोपियों के (Operational secret hideout) के बारे में जानकारी मिली थी. इसे गैंग द्वारा (Hideout control room) के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. देहरादून में हुई डकैती की घटना के शामिल डकैतों को भी यहीं से कंट्रोल किया जा रहा था. डकैती की घटना को अंजाम देने से पहले डकैत एक स्थान पर इकट्ठा होते थे. वहीं से अपने टास्क के लिए रवाना होते थे. टास्क पूरा करने के बाद आरोपी दोबारा उसी पूर्व निर्धारित कंट्रोल हाइड आउट हाउस में मिलते थे. उसके बाद आगे की रणनीति तय करते थे.

सीक्रेट हाइड हाउस में बनती थी डकैती की प्लानिंग: पुलिस द्वारा बिहार के वैशाली में हाइड आउट हाउस में दबिश देकर देहरादून की घटना में शामिल आरोपियों के महत्वपूर्ण सबूत बरामद किये गये हैं. इसी सीक्रेट हाइड आउट हाउस में टास्क देने के साथ-साथ गैंग के सदस्यों को हथियार, पैसे और गाड़ियों की जानकारी, सिमकार्ड और मोबाइल, कपड़े सभी सामान उपलब्ध कराये जाते थे.

ऐसे होती थी फंडिंग: किसी घटना के समय आरोपियों को की जाने वाली फंडिंग के संबंध में भी पुलिस टीम को काफी महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं. यह जानकारी मिली है कि गैंग के सरगना द्वारा जेल के अंदर से ही आरोपियों को घटना के दौरान पैसे ट्रांसफर करवाए जाते थे.

वर्चुअल फोन उपलब्ध कराता था विशाल: एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि देहरादून की डकैती से पहले भी घटना में शामिल आरोपियों के खातों में पैसों का ट्रांजेक्शन होना पाया गया है. आरोपियों द्वारा हरिद्वार के गेस्ट हाउस में रुकने के दौरान जो कपड़े घटना के दौरान पहने गए थे, वह कपड़े हरिद्वार से जाकर नजीबाबाद के एक स्टोर से खरीदे जाने की जानकारी मिली है.

इसके साथ ही नजीबाबाद से भी पुलिस टीम को आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत मिले हैं. साथ ही अंबाला में गिरफ्तार आरोपी रोहित जो वेस्ट बंगाल की घटना में शामिल आरोपियों को फंडिंग कर रहा था. वही कनेक्शन बिहार में दून पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी अमृत के मोबाइल से बरामद हुआ है. साथ ही विशाल कुमार को भी लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराने और घटना के सबूत जैसे- आरोपियों द्वारा घटना के दौरान पहने कपड़े, टोपी आदि के साथ षड्यंत्र में शामिल होने पर गिरफ्तार किया गया है. आरोपी विशाल गैंग के सदस्यों को वर्चुअल फोन प्रोवाइड करवाता था. जिससे गैंग के सदस्यों का लोकेशन ट्रेस करना काफी मुश्किल था.

दिल्ली के यमुनागर की घटना से कनेक्शन: 8 नवंबर को हरियाणा के यमुनानगर में एक ज्वैलरी शॉप पर पांच बदमाशों ने हथियारों के बल पर शॉप लूटने की कोशिश की थी. लेकिन दुकानवालों की समझदारी से घटना करने में वो नाकाम रहे थे. चार डकैत भाग गए और एक डकैत पवन को दुकानदारों ने हथियार सहित पड़कर पुलिस के हवाले किया था. पवन ने पूछताछ में बताया था कि उनका गैंग दो महीने पहले से यमुनानगर के पास मकान किराए पर लेकर रह रहा था.

यमुनानगर में फेल हुई थी योजना: 8 नवंबर को यमुनानगर में उन्होंने पूर्व की योजना के तहत डकैती डालने का प्रयास किया, लेकिन पकड़े गए. आरोपी 3 मोटरसाइकिल में आए थे. 4 बदमाश दो मोटरसाइकिल लेकर भाग गए थे.
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बाकी डकैत भी दून पुलिस के रडार पर: गिरफ्तार आरोपी पवन ने बताया कि सुबोध गैंग के सक्रिय सदस्य ही देहरादून में घटना करने आए थे, जिनके बारे में पूछताछ में अहम सुराग दून पुलिस को मिले हैं. अभी तक इस मामले में बिहार में दून पुलिस द्वारा दो लोगों अमृत और विशाल कुमार को गिरफ्तार किया गया है. उनकी ट्रांजिट रिमांड न्यायालय से ली जा रही है.
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Last Updated :Nov 16, 2023, 5:48 PM IST
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