देहरादूनः 25 मई यानी आज गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरी झंडी दिखाकर देहरादून टू दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को उत्तराखंड को समर्पित करेंगे. वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन के बाद 7 ट्रेनें देहरादून और दिल्ली रूट पर दौड़ती हुई नजर आएंगी. वंदे भारत एक्सप्रेस के चलने से न केवल कम समय में यात्री देहरादून से दिल्ली और दिल्ली से देहरादून का सफर तय करेंगे बल्कि, यह ऐसी पहली ट्रेन होगी, जिसमें इतनी लग्जरी व्यवस्था यात्रियों को मिलेगी.
माना जा रहा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन होने से उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सकता है. खासकर मसूरी आने वाले पर्यटकों को इस ट्रेन की वजह से आवाजाही में सहूलियत मिलेगी. जिन राज्यों में अब तक यह ट्रेन चली है, उन राज्यों में यह ट्रेन अपनी रफ्तार और सुविधा के लिए चर्चा में रही है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने भी देहरादून से दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का जायजा लिया और उनकी खूबियों को जाना.
ट्रेन के कुछ खास पहलूः वंदे भारत एक्सप्रेस आगामी 28 मई से विधिवत रूप से देहरादून से दिल्ली और दिल्ली से देहरादून के बीच चलेगी. फिलहाल, इस ट्रेन में 8 कोच लगाए गए हैं. जिसमें 570 यात्री सफर कर सकते हैं. अगर बुकिंग बढ़ेगी तो ट्रेन के डिब्बे भी बढ़ाए जाएंगे. दिल्ली से जब यह ट्रेन देहरादून के लिए रवाना होगी तो करीब 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. जबकि, इसकी औसतन रफ्तार 63.41 किमी प्रति घंटा तय की गई है. अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि ट्रेन का किराया कितना होगा?
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बताया जा रहा है कि शताब्दी एक्सप्रेस से इसका किराया करीब ₹200 से ₹250 ज्यादा हो सकता है. मौजूदा समय में दिल्ली से देहरादून और देहरादून से दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस करीब 5 घंटे 40 मिनट में पहुंचाती है. जबकि, यह ट्रेन 4 घंटे 40 मिनट में दिल्ली पहुंचेगी. ट्रेन सुबह 7 बजे देहरादून से दिल्ली के लिए रवाना होगी. यह ट्रेन देहरादून-हरिद्वार-रुड़की-सहारनपुर-मुजफ्फरनगर-मेरठ फिर दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन पहुंचेगी. दिल्ली पहुंचने का समय 11:45 निर्धारित किया गया है.
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राजाजी पार्क में धीमे चलेगी ट्रेन, यात्री ले सकेंगे जंगल का आनंदः देहरादून से हरिद्वार तक यह ट्रेन करीब 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी. यात्रियों को यहीं पर एहसास होगा कि ट्रेन धीमी गति से चल रही है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि राजाजी नेशनल पार्क से गुजरने वाली तमाम ट्रेनें 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही गुजरेंगी. इस क्षेत्र में जंगली जानवरों का डेरा रहता है. कई बार ट्रेन की चपेट में आकर हाथी समेत अन्य जीव जंतु मारे जाते हैं. इसलिए रेल मंत्रालय ने भी इस पूरे ट्रैक पर ट्रेनों की गति को सीमित किया है.
अंदर से कैसा दिखती है वंदे भारत एक्सप्रेस? यह ट्रेन यात्रियों को गेट के अंदर दाखिल होते ही हवाई जहाज जैसी फीलिंग देगी. शानदार कूलिंग और अत्याधुनिक डोर के साथ कंफर्टेबल सीटों समेत सफाई इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत है. खाने पीने का सामान अन्य ट्रेनों के मुताबिक, इसमें और ज्यादा बेहतर व वैरायटी से भरपूर मिलेगा. ट्रेन की गति कितनी भी हो आपको अंदर बैठे हुए इस बात का जरा भी एहसास नहीं होगा कि ट्रेन की स्पीड 100 किमी प्रति घंटा से ऊपर है. ट्रेन के हर कोच में 8 सीसीटीवी लगाए गए हैं, जो यात्रियों को चारों तरफ से कवर करेंगे.
हर सीट पर लगा है मोबाइल और लैपटॉप चार्जरः हर सीट के नीचे मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा दी गई है. इतना ही नहीं जिस तरह से प्लेन में 2 क्रू मेंबर आगे और 2 क्रू मेंबर पीछे रहते हैं, उसी तरह से 22 कर्मचारी डिब्बे के दोनों हिस्सों में आपको बैठे नजर आएंगे. जिनका बकायदा एक ड्रेस कोड होगा. बटन दबाने पर आपके पास खाने पीने के सामान और जरूरी जानकारी सीट पर बैठे ही मिल जाएगी.
इमरजेंसी में ऐसे रोक सकते हैं ट्रेनः अमूमन दूसरी ट्रेनों में इमरजेंसी के दौरान चेन खींचकर ट्रेन को रोका जाता था, लेकिन इस ट्रेन में चेन नहीं, बल्कि एक बटन की सुविधा दी गई है. ये बटन आपातकालीन परिस्थितियों में काम करेगा. हालांकि, कोई भी यात्री इस बटन का इस्तेमाल नहीं कर सकता. बटन दबाने के बाद उसका सिग्नल लोको पायलट के पास जाएगा और लोको पायलट ही उस यात्री के कहने पर ट्रेन रोक सकता है.
तेज स्पीड में भी पानी का या चाय का कप गिरेगा नहींः अन्य ट्रेनों में अगर आप पानी का गिलास या खाने पीने का सामान खिड़की के आसपास या अपनी सीट पर रखते हैं तो हो सकता है, वो हिलने डुलने से नीचे गिर जाए, लेकिन इस ट्रेन का बैलेंस कुछ इस तरह से किया गया है कि खराब से खराब ट्रैक पर या तेज गति में भी पानी का एक गिलास भी नहीं गिरेगा. आपको यह एहसास नहीं होगा कि आपकी गाड़ी हिचकोले खा रही है.
ट्रेन में सिगरेट पी तो बजेगा अलार्मः इतना ही नहीं ट्रेन में बीड़ी सिगरेट पीने वाले अगर यह सोच रहे हैं कि वो टॉयलेट में जाकर सिगरेट पी लें तो कुछ नहीं होगा. जी हां, अगर आपने सिगरेट सुलगाई तो आप मुसीबत में पड़ सकते हैं. पूरी ट्रेन में इस तरह के अलार्म सिस्टम लगाए गए हैं कि अगर आपने टॉयलेट का दरवाजा बंद करके सिगरेट पीने की कोशिश की तो अलार्म बजने लगेगा. ट्रेन में मौजूद सुरक्षाकर्मी या दूसरा स्टाफ आप पर जुर्माना लगा सकता है. इसलिए इस ट्रेन में आप सिगरेट पीने की तो बिल्कुल न सोचें.
स्टाफ और लोको पायलट ही खोल सकेंगे ट्रेन के गेटः ट्रेन के मुख्य गेटों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि आप चलती हुई गाड़ी में इसे खोल नहीं सकते. साथ ही खुद बंद भी नहीं कर सकते. जब तक लोको पायलट और ट्रेन में बैठे दूसरा स्टाफ गेट को कमांड नहीं देगा, तब तक न तो अंदर से और न ही बाहर से कोई उस गेट को खोल सकता है.
चारों तरफ घुमा लो सीटः ट्रेन के अंदर कुछ डिब्बे ऐसे हैं, जिनकी सीट चारों तरफ घूम सकती है. मतलब अगर आप कपल हैं और सफर का आनंद सिर्फ अकेले लेना चाहते हैं तो आप अपनी सीट को अपने मुताबिक घुमा सकते हैं. ट्रेन में म्यूजिक सिस्टम से लेकर लाइटिंग की ऐसी व्यवस्था की गई है कि रात और दिन में सफर करने वालों को सुकून मिलेगा. ट्रेन के इंटीरियर को भी इसी तरह से डिजाइन किया गया है कि वो किसी को इरिटेट न करे.