ETV Bharat / bharat

ह्यूम पाइप से टल सकता था उत्तरकाशी टनल हादसा! पलभर में बाहर होते मजदूर, नहीं करनी पड़ती मशक्कत

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 13, 2023, 6:44 PM IST

Updated : Nov 13, 2023, 9:20 PM IST

Uttarkashi Tunnel Accident सिलक्यारा सुरंग हादसे के लिए ह्यूम पाइप नहीं बिछाये गये थे. अगर टनल में ह्यूम पाइप बिछे होते तो इस हादसे को टाला जा सकता था. फिलहाल उत्तरकाशी सिल्क्यारा टनल में 40 मजदूर फंसे हुए हैं. सभी सुरक्षित हैं. टनल में फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है. मजदूरों तक पाइपलाइन के जरिये ऑक्सीजन, भोजन, पानी पहुंचाया जा रहा है. मौके पर राहत बचाव कार्य जारी है.

Uttarkashi Tunnel Accident
ह्यूम पाइप से टल सकता था उत्तरकाशी टनल हादसा

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में हुए भूस्खलन हादसे में देश के 7 राज्यों के 40 मजदूर फंसे हुए हैं. निर्माणाधीन सुरंग में हुई इस घटना के बाद इसके कारणों पर बात होने लगी है. बताया जा रहा है कि टनल के संवेदनशील हिस्सों में अगर ह्यूम पाइप (Hume Pipes) बिछाए जाते हैं, जिससे कभी भूस्खलन से सुरंग बंद होती है तो अंदर फंसे मजदूर ह्यूम पाइप के जरिए सकुशल बाहर निकल आते हैं. निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भी ह्यूम पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि जिस दिन हादसा हुआ, उस दिन संवेदनशील हिस्से में ह्यूम पाइप नहीं बिछाए गए थे.

Uttarkashi Tunnel Accident
ह्यूम पाइप

हादसे के दिन टनल में नहीं बिछाये गये ह्यूम पाइप: बीते रविवार (12 नवंबर) सुबह निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन की घटना घटी. मजदूरों ने बताया यहां डंपरों में रखे ह्यूम पाइप का इस्तेमाल संवेदनशील हिस्सों में किया जाता था. यह पाइप बिछे होते तो उनके साथी मजदूर अंदर नहीं फंसते और वो अब तक पाइपों के जरिए बाहर आ चुके होते.

Uttarkashi Tunnel Accident
जेसीबी से हटाया जा रहा मलबा

वहीं, एनएचआईडीसीएल (National Highways & Infrastructure Development Corporation Limited) के निवर्तमान महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल बताते हैं कि, सुरंग में ह्यूम पाइप बिछाने का आइडिया उन्हीं का था. इन ह्यूम पाइप को सुरंग के अंदर संवदेनशील और खतरे वाले जगहों पर लाइन से बिछाया जाता है. उन्होंने आशंका जताई इस बार शायद किसी को इस तरह की घटना का अंदाजा नहीं था, जिसके कारण ह्यूम पाइप नहीं बिछाये गये.
पढ़ें- Uttarkashi Tunnel Accident: जिंदगी के लिए मौत से जंग, टनल में मलबा और पत्थर गिरने से रेस्क्यू कार्य में आ रही परेशानी

पीएम, सीएम रेस्क्यू ऑपरेशन का ले रहे अपडेट: वहीं, घटना के बाद घटनास्थल में रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से किया जा रहा है. पीएम मोदी से लेकर सीएम धामी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट ले रहे हैं. राज्य स्तर के साथ ही केंद्रीय एजेंसियां पूरे जोर शोर से टनल में फंसे मजदूरों को जुटाने में जुटी हुई हैं. निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के चलते 40 मजदूर पिछले 34 घंटे से फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सोमवार को दूसरे दिन भी जारी है. सुखद खबर ये है कि मजदूरों से वॉकी-टॉकी पर बात हुई है, जिसमें उन्होंने बताया वह सभी सुरक्षित हैं. मजदूरों ने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम से खाना भी मांगा, जिसके बाद उन्हें पाइपलाइन के जरिए चने व ड्राई फूड के छोटे-छोटे पैकेेट भेजे गए हैं.

पढ़ें- सिलक्यारा टनल हादसा: सुरंग में फंसे लोगों से हुई बात, बताया- भूस्खलन और गर्मी से हो रही परेशानी, सुरक्षित चाहते हैं तो भेजें ऑक्सीजन

60 मीटर में 25 मीटर तक मलबा हटाया गया, जेसीबी से हो रहा काम: सुरंग से मलबा हटाने का काम भी लगातार जारी है. मलबे को जेसीबी से हटाया जा रहा है. जेसीबी से जैसे ही मलबा हटाया जा रहा उसी वक्त और मलबा गिर जा रहा है. जिससे रेस्क्यू कार्य में बड़ी दिक्कतें आ रही हैं. 60 मीटर दायरे में फैले मलबे में से अभी तक 20 मीटर तक मलबा हटाया गया है. चिंता की बात ये है कि जितना मलबा हटाया जा रहा है उतना और गिर रहा है.

  • #WATCH | Uttarakhand: On the Uttarkashi tunnel accident, SP Arpan Yaduvanshi says, "Rescue operation is underway, all the agencies and technical experts have arrived here. Out of the 60 metres of debris, over 20 metres of debris has been cleared. We expect to evacuate the 40… pic.twitter.com/EZN4f9qc11

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मौके पर तैनात सीओ ऑपरेशन प्रशांत कुमार ने बताया सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के पास लाइट, पानी व वॉकी-टॉकी है. दिन में शोर ज्यादा होने के कारण बात नहीं हो पाई. रात में कुछ समय के लिए मशीन रोककर पाइप लाइन से वॉकी-टॉकी के माध्यम से बात हुई है. अब तक मजदूरों से चार से पांच बार बात हो चुकी है. मजदूरों को पाइप लाइन के जरिए चने व ड्राई फूड के छोटे-छोटे पैकेज भेजे गए हैं.

Last Updated : Nov 13, 2023, 9:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.