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Chamoli Inside Story: महज 4 मिनट में तड़प-तड़पकर हुई 16 लोगों की मौत, शरीर पर मिले खौफनाक निशान दे रहे गवाही

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Published : Jul 20, 2023, 4:31 PM IST

Updated : Jul 21, 2023, 6:38 AM IST

चमोली करंट हादसे में 16 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. इस हादसे में 11 लोग बुरी तरह झुलस गये हैं. ये सभी अभी अस्पतालाों में जिंदगी और मौत क जंग लड़ रहे हैं. चमोली करंट हादसा उत्तराखंड के इतिहास का सबसे दर्दनाक करंट हादसा है. चमोली करंट हादसे में कब क्या हुआ आइये आपको बताते हैं.

chamoli current accident
चमोली करंट हादसा

महज 4 मिनट में तड़प-तड़पकर हुई 16 लोगों की मौत

देहरादून (उत्तराखंड): देवभूमि उत्तराखंड का चमोली जिला बीते कुछ सालों से लगातार चर्चाओं में है. रैणी आपदा, ग्लेशियरों का टूटना, घस्यारी विवाद और हाल ही में जोशीमठ आपदा जैसी घटनाओं को लेकर चमोली जिला सुर्खियों में रहा. मगर बीते बुधवार (19 जुलाई) को चमोली जिले में जो हुआ उस घटना ने सबको झकझोर दिया है. बीते रोज चमोली करंट हादसे में 3 गांव से 14 लोगों की मौत हुई. इसमें हरमनी गांव के 10 लोग मारे गए. साथ ही इस हादसे में पुलिस का एक जवान और 3 होमगार्डस की मौत हो गई. चमोली करंट हादसे में कुल 16 लोगों की मौत हुई. इस हादसे में मरने वालों में 9 लोगों की उम्र तो केवल 22 से 38 साल के बीच के हैं. ये हादसा उत्तराखंड के इतिहास का सबसे दर्दनाक करंट हादसा है. आइए बताते हैं पूरा घटनाक्रम.

  • चमोली पहुंचकर अत्यंत पीड़ादायक व हृदय को झकझोर देने वाले हादसे में हताहत हुए लोगों के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। हादसे में अपने प्राणों की आहुति देने वाले होमगार्ड्स के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

    यह भावुक क्षण शब्दों में बयान नही कर पा रहा हूं, जिन लोगों ने… pic.twitter.com/e6k1qJsnj5

    — Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

18 जुलाई (मंगलवार) को चमोली गोपेश्वर में पीपलकोटी में अलकनंदा नदी के तट पर निर्माणाधीन नमामि गंगे प्रोजेक्ट साइट पर एक व्यक्ति की मौत हुई थी. ये व्यक्ति साइट का केयर टेकर गणेश लाल था. 19 जुलाई की सुबह इस व्यक्ति के परिजनों को मुआवजा दिलवाने के लिए ग्रामीण इकट्ठे होकर प्लांट में प्रदर्शन कर रहे थे. यहां पहले लगभग 10 से 15 लोग मौजूद थे, जो देखते ही देखते बढ़ती गई, जिसके बाद चमोली नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर 35 से 40 लोग जमा हो गये. भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाई. मौके पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का कमान पीपलकोटी चौकी इंचार्ज प्रदीप रावत को दी गई. प्रदीप रावत अपने साथ कुछ होमगार्ड्स को लेकर मौके पर पहुंचे. वो यहां होने वाले प्रदर्शन के दौरान शांति व्यवस्था बनाने के लिए पहुंचे थे. इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि यहां 'इंसाफ' दिलाने पहुंचे 16 लोग महज कुछ ही मिनटों में ही काल के गाल में समा गये. इस घटना में 11 लोग बुरी तरह से घायल हो गये.

  • एम्स, ऋषिकेश पहुंचकर चमोली में हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के दौरान घायलों व उनके परिजनों से मुलाकात कर सरकार की ओर से उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए आश्वस्त किया।

    इस दौरान चिकित्सकों को घायलों के बेहतर इलाज हेतु समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया।… pic.twitter.com/q9U9uUbaq5

    — Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- चमोली नमामि गंगे प्रोजेक्ट में बड़ा हादसा, करंट लगने से 16 लोगों की मौत, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

4 मिनट में ऐसे गई 16 लोगों की जान: चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) प्लांट में हरमनी गांव के रहने वाले एक व्यक्ति गणेश लाल की मंगलवार को ड्यूटी के दौरान ही मौत हो गई थी. वह यहां चौकीदार का काम करता था. उसकी मौत के बाद ग्रामीणों ने प्लांट प्रबंधन पर कई आरोप लगाए. 19 जुलाई सुबह लगभग साढ़े 10 बजे लोगों की भीड़ इस प्लांट में इकट्ठा होने शुरू हुई. हरमनी गांव के लोग इस भीड़ में शामिल थे, साथ ही साथ सेम, डुंगरा गांव के लोग भी यहां पहुंचे. सभी नमामि गंगे और यूपीसीएल से मृतक सुरक्षा गार्ड के परिवार को एक करोड़ के मुआवजे की मांग कर रहे थे. यहां भीड़ धीरे-धीरे बढ़ती गई. सुबह लगभग 11:20 बजे भीड़ का एक बड़ा हिस्सा प्रदर्शन से बाहर निकल गया. अब मौके पर लगभग 30 लोग ही रह गये थे. इस दौरान प्लांट की बिजली गुल थी.

  • आज #चमोली में करंट लगने से घायल हुए लोगों का गोपेश्वर हॉस्पिटल पहुंचकर उनका हाल-चाल जाना एवं हादसे में कालकल्वित हुये लोगों के परिजनों से भेंट की।
    चमोली में हुई अत्यंत हृदय विदारक दुर्घटना के संबंध में कांग्रेस नेतागणों के साथ चमोली जिलाधिकारी श्री हिमांशु खुराना जी, ..1/2 pic.twitter.com/Rc8ueKH43f

    — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) July 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- चमोली करंट हादसे में 3 गांव से 14 लोगों की हुई मौत, हरमनी से एक साथ उठेंगी 10 अर्थियां

शॉर्ट सर्किट के बाद धमाका, सब कुछ खत्म: इस बीच प्रदर्शनकारी मृतक व्यक्ति के परिवार के सदस्य को नौकरी दिलाने की मांग कर रहे थे. लोगों का कहना था कि जबतक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को संचालित करने वाली कंपनी के अधिकारी आश्वासन नहीं देते तबतक वो शव को नहीं उठाएंगे. इसी बात को लेकर गहमागहमी हो रही थी. इसी बीच सुबह 11:25 बजे प्लांट की अचानक बिजली ऑन हो गई, जिसके बाद शॉर्ट सर्किट से एक धमाका हुआ. क्षणभर में सबकुछ तबाह हो गया.

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तड़प-तड़पकर हुई 16 लोगों की मौत

कई लोगों ने ऐसे बचाई जान: घटना के प्रत्यक्षदर्शी दीपक बताते हैं कि कुछ लोग लोहे की सीढ़ियों पर चल रहे थे. कुछ लोगों ने जैसे ही रेलिंग पकड़ी वो करंट के संपर्क में आ गए. जो लोग रेलिंग से थोड़ा दूर थे वो भी झुलस कर नीचे गिरने लगे. इस दौरान कोई किसी के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. घटना का कारण चंद मिनटों में ही यह साफ हो गया था. पूरे प्लांट में करंट दौड़ रहा था. कुछ लोग अलकनंदा नदी में छलांग लगाने के कारण बच गये. कुछ बेहद गंभीर हालत थे. जिन्हें बिजली सप्लाई बंद होने के बाद तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया.

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गोपेश्वर पहुंचे सीएम धामी.

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शवों को देखकर कांपी रूह: सुबह 11:25 पर जो भीड़ प्रदर्शन कर रही थी उनमें से 16 लोगों की मौत 11:29 पर हो गई थी. महज 4 मिनट में 16 जिंदगियां करंट की चपेट में आकर काल के गाल में समा गईं. जब ये सबकुछ हो रहा था तो अलकनंदा नदी के दूसरे छोर से किसी ने इस घटना का वीडियो बनाया. वीडियो में जो चीख-पुकार सुनाई दे रही वो यह बताने के लिए काफी है कि यह घटना कितनी भयावह रही होगी. करंट के कारण यहां किस तरह 16 लोगों की तड़प-तड़प कर मौत हो गई उसकी गवाही मृतकों के शरीर पर मिले खौफनाक निशान दे रहे हैं. किसी के सिर पर लोहा चिपका मिला तो किसी की उंगलियां पूरी तरह से रेलिंग के आसपास चिपकी हुई मिलीं. किसी के बाल पूरी तरह से जल गए थे. किसी के जूते और चप्पलों का चमड़ा उनके पैरों में चिपका मिला.

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शासन ने उठाया ये कदम: स्थानीय लोगों का कहना है कि नमामि गंगे के इस प्लांट में पहले भी कई बार करंट दौड़ चुका है. कई बार कर्मचारियों को भी करंट लगा है. इसके बावजूद इस गंभीर मामले में कुछ नहीं किया गया. अब जब इतनी बड़ी घटना हो गई है तब भी कोई अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है. अब राज्य सरकार ने इस घटना के मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये हैं, जिसके पूरे होने के बाद ही असलियत सामने आएगी. इस दर्दनाक घटना के बाद मुख्य सचिव ने तमाम जिलों के जिलाधिकारियों को तमाम विभागों की परियोजनाओं के इलेक्ट्रिसिटी स्टेशन और तमाम ऐसी जगहों के सुरक्षा मानक चेक करेने के निर्देश दिये हैं.

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कांग्रेस ने संभाला मोर्चा, हरीश रावत ने जाना हालचाल.

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केंद्र और राज्य सरकार ने की मुआवजे की घोषणा: चमोली में हुई इस दर्दनाक घटना के बाद तुरंत कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत मौके पर पहुंचे. घटना में गंभीर घायलों को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स पहुंचाया गया. शाम होते होते सीएम धामी ने हादसे में मारे गये लोगों के आश्रितों के लिए 5 लाख और घायलों के लिए एक लाख के मुआवजे का एलान किया. इसके बाद राष्ट्रपति, पीएम मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जान से चमोली हादसे पर दुख जताया. इस पर पीएमओ ने मृतकों के आश्रितों के लिए दो लाख, घायलों को 50 हजार के मुआवजे की घोषणा की. खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीएम धामी से फोन पर बात कर हालातों की जानकारी ली. उन्होंने सीएम धामी को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया.

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उत्तराखंड में करंट लील चुका है कई जिंदगियां

घटना के अगले दिन विपक्ष के सभी नेता चमोली, गोपेश्वर पहुंचे. करन माहरा, हरीश रावत, यशपाल आर्य ने यहां पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना. वहीं, इसके बाद सीएम धामी भी चमोली पहुंचे. उन्होंने भी घायलों का हालचाल जानकर उनकी हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया.

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उत्तराखंड में करंट लील चुका है कई जिंदगियां
पढ़ें- Chamoli accident: गोपेश्वर पहुंचे सीएम धामी, करंट से पीड़ितों के परिजनों से मिले, कांग्रेसियों ने गो बैक के नारे लगाए

उत्तराखंड में करंट लील चुका है कई जिंदगियां: उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन (UPCL) से मिले आंकड़ों के मुताबिक, उत्तराखंड बनने के बाद प्रदेश में अब तक 2252 करंट से आग लगने की घटना सामने आई हैं. वहीं, शॉर्ट सर्किट की 206 घटनाएं हुई हैं. प्रदेश में करंट लगने से अब तक 1659 घटनाएं हो चुकी हैं. 442 लोग इन घटनाओं में अपंग हो चुके हैं. साल 2016 में उत्तरकाशी में बिजली का तार टूटने से 3 लोगों की मौत हुई थी. साल 2017 में कुमाऊं के रामनगर में बस के ऊपर बिजली का तार गिर गया था. इस घटना में 3 लोग मारे गए थे.

2018 में खटीमा में ही बिजली का तार टूटने की वजह से 3 लोगों की मौत हुई थी. 2021 में सड़क पर बिजली का तार टूटने की वजह से एक व्यक्ति की मौत हुई. 2023 में मौजूदा हादसा एसटीपी प्लांट में हुआ है, जिसमें 16 लोगों की जान गई है. प्रदेश में सबसे ज्यादा करंट लगने से उन लोगों की जान जाती है जो ठेके पर बिजली के खंभों पर चढ़कर काम करते हैं. अब तक ऐसे 250 लोगों की जान जा चुकी है. करंट से मरने वालों को मात्र 4 लाख मुआवजा दिया जाता है, जो बेहद कम है.

Last Updated :Jul 21, 2023, 6:38 AM IST
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