देहरादून (उत्तराखंड): उत्तर प्रदेश में चल रहे ज्ञानवापी प्रकरण के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बड़ा बयान दिया है. जिसके बाद उत्तराखंड में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध शुरू हो गया है.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बदरीनाथ धाम पूरी दुनिया के लोगों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है. कहा कि जिस गठबंधन के स्वामी प्रसाद मौर्य हिस्सा हैं, ऐसे में ऐसे बयान आना स्वाभाविक है. सीएम धामी ने आगे कहा कि उनके नाम के आगे स्वामी है, ऐसे में ऐसा बयान देने से पहले उन्हें सोचना चाहिए.
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर विरोध शुरू: दरअसल, समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि पुरातत्व विभाग से जांच कराई जा रही है तो सभी हिंदू मंदिरों की भी जांच कराई जानी चाहिए. उत्तराखंड बदरीनाथ धाम मंदिर को 8वीं शताब्दी में मठ था. जिसके बाद उत्तराखंड में उनका विरोध शुरू हो गया है. चारधाम में शामिल बदरीनाथ धाम का सनातन धर्म में विशेष महत्व है.
यही वजह है कि हर साल बदरी विशाल के कपाट खुलने के बाद धाम के कपाट बंद होने तक लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से बदरीनाथ धाम पर दिए बयान पर धाम के तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी ने विरोध करना शुरू कर दिया है. साथ ही उत्तराखंड सरकार ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बता रही है.
स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान: दरअसल, उत्तर प्रदेश के ज्ञानवापी का पुरातत्व विभाग से सर्वेक्षण कराए जाने के मामले पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि अगर ज्ञानवापी का पुरातत्व विभाग से जांच कराई जा रही है तो देश सभी हिंदू धार्मिक स्थलों की भी जांच पुरातत्व विभाग से कराई जानी चाहिए. क्योंकि तमाम हिंदू धार्मिक स्थल, मठों को तोड़कर बनाए गए हैं. यही नहीं, पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखंड स्थित बदरीनाथ मंदिर पहले मठ हुआ करता था, जिसे 8वीं शताब्दी में तोड़कर मंदिर बनाया गया.
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सीएम धामी ने किया पलटवार: वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पलटवार किया है.मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बदरीनाथ धाम पूरी दुनिया के लोगों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है. लिहाजा स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. साथ ही सीएम ने कहा कि जिस गठबंधन के स्वामी प्रसाद मौर्य हिस्सा हैं, ऐसे में स्वाभाविक है कि उनका बयान इस प्रकार से आना ही है. जो हर चीज को बांटने पर विश्वास करते हैं, और तुष्टिकरण पर विश्वास करते हैं, ऐसे में उनके बयान को लेकर कोई आश्चर्य नहीं है. लेकिन उनके नाम के आगे स्वामी है ऐसे में ऐसा बयान देने से पहले उन्हें सोचना चाहिए.