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Bageshwar Dham: साईं बाबा पर बोले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 'गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं हो सकता'

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Published : Apr 1, 2023, 8:19 PM IST

बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने जबलपुर में साईं बाबा को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया है. शास्त्री ने साईं बाबा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं हो सकता. गीदड़ तो गीदड़ ही रहेगा.

objectional statement on Sai Baba
साईं बाबा पर बोले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

साईं बाबा पर बोले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

जबलपुर। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने साईं बाबा पर बयान देते हुए कहा कि वह संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं, महापुरुष हो सकते हैं लेकिन भगवान तो कदापि नहीं हो सकते. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमारे देश में अनेक महापुरुष और बड़े संत हुए हैं लेकिन इन्हें भगवान या देवता का दर्जा नहीं दिया जा सकता. शास्त्री ने कहा कि साईं बाबा को कभी भी देवता का स्थान नहीं दिया जा सकता है. इस बारे में शंकराचार्य की बात मानना हर सनातनी का धर्म है. शंकराचार्य हिंदू धर्म के प्रधानमंत्री हैं. साईं बाबा के बारे में शंकराचार्य अपने बात रख चुके हैं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जबलपुर में प्रबुद्धजनों से संवाद करने के दौरान ये बात कही.

धीरेंद्र शास्त्री का संवाद: एक व्यक्ति ने साईं बाबा की पूजा को लेकर धीरेंद्र शास्त्री से सवाल किया कि सनातन धर्म में वैदिक तरीके से साईं बाबा से पूजा की जाती है. साथ ही साउथ में साईं बाबा की पूजा का प्रचलन ज्यादा है इस पर आपका क्या मार्गदर्शन है. जिस पर धीरेंद्र शास्त्री ने जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान समय में ये सवाल अच्छा है. वैसे किसी की आस्था पर टिप्पणी करना ठीक नहीं लेकिन हर सनातनी को शंकराचार्य की बात माननी चाहिए. शंकराचार्य ने साईं बाबा को देवता का दर्जा नहीं दिया. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जहां तक वैदिक रीतिरिवाज से पूजा का सवाल है तो घर वापसी का तो ये हमारा अभियान है.

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रामनवमी के जुलूस पर पथराव करने वालों की 'ठटरी' बांधें: जबलपुर के पनागर में कथा के अंतिम दिन बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने एक और विवादास्पद बयान दिया. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत में रहना होगा तो सीताराम कहना होगा और जो नहीं कहेगा उसकी ठठरी बांधी जाएगी. ठठरी शब्द का प्रयोग बुंदेलखंडी में एक गाली के रूप में किया जाता है, बुंदेली में अर्थी को ठठरी कहते हैं. रामनवमी के दिन यात्रा में गुजरात, महाराष्ट्र और कोलकाता में पत्थर फेंके गए थे जिस पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री का ये बयान सामने आया.

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