गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का संबोधन, कोरोना प्रोटोकॉल के पालन का आह्वान

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Published : Jan 25, 2022, 7:12 PM IST

Updated : Jan 25, 2022, 7:36 PM IST

president address to the nation

73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या (republic day eve) पर आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को संबोधित किया. उन्होंने देश और विदेश में रहने वाले सभी भारत के लोगों को हार्दिक बधाई दी. राष्ट्रपति ने कहा कि गणतंत्र दिवस हम सबको एक सूत्र में बांधने वाली भारतीयता के गौरव का यह उत्सव है. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी का प्रभाव अभी भी व्यापक स्तर पर बना हुआ है, अतः हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में तनिक भी ढील नहीं देनी चाहिए. हमने अब तक जो सावधानियां बरती हैं, उन्हें जारी रखना है.

नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (republic day eve president address) ने देशवासियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी का दिन उन महानायकों को याद करने का अवसर भी है जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया तथा उसके लिए देशवासियों में संघर्ष करने का उत्साह जगाया.

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राष्ट्रपति ने कहा, दो दिन पहले, 23 जनवरी को हम सभी देशवासियों ने 'जय-हिन्द' का उद्घोष करने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती पर उनका पुण्य स्मरण किया है. स्वाधीनता के लिए उनकी ललक और भारत को गौरवशाली बनाने की उनकी महत्वाकांक्षा हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने कहा, हम अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि हमारे संविधान का निर्माण करने वाली सभा में उस दौर की सर्वश्रेष्ठ विभूतियों का प्रतिनिधित्व था. वे लोग हमारे महान स्वाधीनता संग्राम के प्रमुख ध्वज-वाहक थे.

  • कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा बताई गई सावधानियों का पालन करना आज हर देशवासी का राष्ट्र-धर्म बन गया है। यह राष्ट्र-धर्म हमें तब तक निभाना ही है, जब तक यह संकट दूर नहीं हो जाता। pic.twitter.com/kNXExm3qU3

    — President of India (@rashtrapatibhvn) January 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राष्ट्रपति ने कहा, आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करने के मूल कर्तव्य को निभाते हुए हमारे करोड़ों देशवासियों ने स्वच्छता अभियान से लेकर कोविड टीकाकरण अभियान को जन-आंदोलन का रूप दिया है. ऐसे अभियानों की सफलता का बहुत बड़ा श्रेय हमारे कर्तव्य-परायण नागरिकों को जाता है. उन्होंने कहा कि सन 1930 में महात्मा गांधी ने देशवासियों को 'पूर्ण स्वराज दिवस' मनाने का तरीका समझाया था. यथाशक्ति रचनात्मक कार्य करने का गांधीजी का यह उपदेश सदैव प्रासंगिक रहेगा.

राष्ट्रपति ने कहा, गांधीजी चाहते थे कि हम अपने भीतर झांक कर देखें, आत्म-निरीक्षण करें और बेहतर इंसान बनने का प्रयास करें, और उसके बाद बाहर भी देखें, लोगों के साथ सहयोग करें और एक बेहतर भारत तथा बेहतर विश्व के निर्माण में अपना योगदान करें. उन्होंने कहा, मुझे यह कहते हुए गर्व का अनुभव होता है कि हमने कोरोना-वायरस के खिलाफ असाधारण दृढ़-संकल्प और कार्य-क्षमता का प्रदर्शन किया है.

राष्ट्रपति ने कहा, अनगिनत परिवार, भयानक विपदा के दौर से गुजरे हैं. हमारी सामूहिक पीड़ा को व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. लेकिन एकमात्र सांत्वना इस बात की है कि बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकी है. उन्होंने कहा, कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा बताई गई सावधानियों का पालन करना आज हर देशवासी का राष्ट्र-धर्म बन गया है. यह राष्ट्र-धर्म हमें तब तक निभाना ही है, जब तक यह संकट दूर नहीं हो जाता. उन्होंने कहा, कठिन परिस्थितियों में लंबे समय तक काम करके, यहां तक कि मरीजों की देखभाल के लिए अपनी जान जोखिम में डाल कर भी डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स ने मानवता की सेवा की है.

Last Updated :Jan 25, 2022, 7:36 PM IST
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