ETV Bharat / bharat

Bageshwar Govt School: कपकोट के इस सरकारी स्कूल ने रचा इतिहास, 22 छात्रों का सैनिक स्कूल में हुआ चयन

author img

By

Published : Feb 28, 2023, 9:01 PM IST

Updated : Mar 1, 2023, 4:24 PM IST

उत्तराखंड में बदहाल शिक्षा व्यवस्था के चलते ज्यादातर सरकारी स्कूल छात्र विहीन हो चुके हैं. जहां पर छात्र संख्या ठीक भी है तो वहां पर शिक्षक ही नहीं है. कहीं स्कूल में एडमिशन के लिए बच्चे नहीं मिल रहे हैं तो वहीं बागेश्वर के एक सरकारी स्कूल में एडमिशन के लिए मारामारी मची है. बागेश्वर के एक सरकारी स्कूल ने सरकार और प्राइवेट स्कूलों को आईना दिखाने का काम किया है. जी हां, राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय कपकोट के 22 छात्रों ने एक साथ ऑल इंडिया सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा को पास किया है. जानिए किस तरह से होती है यहां पढ़ाई और कैसे छात्र निकल रहे अव्वल...

Government Adarsh Primary School Kapkot
राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय कपकोट

कपकोट के सरकारी स्कूल ने दिखाया आईना.

बागेश्वरः राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय कपकोट के 22 छात्रों ने ऑल इंडिया सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा क्वालीफाई किया है. बीती 8 जनवरी को ऑल इंडिया सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा हुई थी. एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों का स्कोर वेबसाइट पर अपलोड किया है. जिसमें प्राथमिक विद्यालय कपकोट के छात्रों ने कमाल दिखाया है. जिसकी चर्चा जगह-जगह होने लगी है. प्रधानाध्यापक केडी शर्मा की मानें तो परीक्षा पास करने वाले बच्चों के लगभग 250 अंक हैं. अभी रैंक का पता नहीं चल सका है.

एक तरफ सरकारी स्कूल हो रहे बंद, दूसरी तरफ इस स्कूल में एडमिशन के लिए मारामारीः बता दें कि कपकोट के राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है. विद्यालय की नींव 1872 में रखी गई थी. यह सरकारी विद्यालय जिले के बड़े और नामी प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है. जहां एक ओर उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में छात्र पढ़ने नहीं आ रहे हैं और न ही परिजन बच्चों को वहां पढ़ाना पसंद करते हैं. जिस कारण कई स्कूल बंद भी हो गए हैं. स्कूलों के बंद होने के कारण गांवों से पलायन भी हो रहा है. वहीं, दूसरी ओर आदर्श प्राथमिक विद्यालय कपकोट में प्रवेश के लिए मारामारी रहती है.

एडमिशन के लिए होता है टेस्ट, खेल-खेल में सीखते हैं छात्रः एडमिशन के समय अभिभावक और बच्चों से बेसिक, राइटिंग, रीडिंग आदि टेस्ट लिए जाते हैं. जो कि उत्तराखंड का पहला ऐसा स्कूल है, जहां प्राइवेट स्कूलों से बच्चों को निकाल कर प्राथमिक स्कूल में डाला जा रहा हो. सुबह की प्रार्थना सभा ही विद्यालय की अनोखी है, जहां प्रार्थना के बाद बच्चों को स्कूल के हर अध्यापक अपने-अपने विषय का कुछ न कुछ टॉपिक देते हैं. जिसे रोचक और मनोरंजक तरीके से बच्चों को सिखाया जाता है.
ये भी पढ़ेंः सरकारी स्कूल के बच्चे बोलते हैं जापानी, फ्रेंच और जर्मन

सिर्फ नौकरी के लिए नहीं पढ़ाते शिक्षक, लेते हैं एक्स्ट्रा क्लासः स्कूल के सभी अध्यापक करीब 14 घंटे बच्चों के लिए उपलब्ध रखते हैं. इस स्कूल के शिक्षक भी सिर्फ नौकरी करने के लिए नहीं पढ़ाते हैं, बल्कि. शिक्षक पहले 6 घंटे की ऑफिशियल ड्यूटी करते हैं. इसके बाद शिक्षक 12 से 14 घंटे विद्यालय में रहकर एक्स्ट्रा क्लास लेते हैं. साथ ही छात्रों की डाउट क्लियर करते हैं. साथ ही ट्यूशन लेते हैं और दूसरी गतिविधियों में भी बच्चों को शामिल करते हैं.

सैनिक स्कूल से लेकर नवोदय विद्यालय में छात्रों का हो रहा चयनः साल 2016 से इस स्कूल को आदर्श विद्यालय बनाया गया. जिसके बाद यहां केडी शर्मा को प्रधानाध्यापक बनाया गया. जिसके बाद से हर साल स्कूल नया मुकाम छूने लगा. हर साल यहां के बच्चे सैनिक स्कूल घोड़ाखाल समेत अन्य स्कूलों में निकलते रहते हैं. हर साल करीब चार बच्चे सैनिक स्कूल घोड़ाखाल जा रहे हैं. साथ ही जवाहर नवोदय और राजीव नवोदय विद्यालय के लिए आठ से दस बच्चों का चयन भी हो रहा है.

हिम ज्योति देहरादून भी जा रहे छात्रः इस समय जवाहर नवोदय में 30 और राजीव गांधी में 20 बच्चे पढ़ रहे हैं. हिम ज्योति देहरादून के लिए इस विद्यालय से 17 बच्चों का सिलेक्शन हुआ है. जबकि, वहां साल में केवल 23 बच्चे लिए जाते हैं. जिसमें छह या सात बच्चे सालाना इस सरकारी विद्यालय से जा रहे हैं. जिला और राज्य स्तरीय गणित, जनरल नॉलेज, गणित आदि प्रतियोगिताओं में बच्चे अव्वल आ रहे हैं.

स्कूल में एडमिशन के लिए मारामारीः वहीं, अभिभावक और एसएमसी अध्यक्ष गजेंद्र कपकोटी ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालय मील का पत्थर साबित हो रहा है. शिक्षा व्यवस्था को इस विद्यालय ने आईना दिखाया है. इसमें प्रधानाध्यापक केडी शर्मा की मेहनत रंग लाई है. वर्तमान में कक्षा एक के लिए पंजीकरण हो रहे हैं. बीते दो दिन में ही 100 बच्चों के पंजीकरण हो गए हैं, लेकिन 250 से ज्यादा बच्चों का ही पंजीकरण किया जाता है. जिसमें से 50 बच्चों को ही प्रवेश मिलता है.
ये भी पढ़ेंः हाल ए स्कूल: टिहरी में एक छात्रा को पढ़ा रहे तीन शिक्षक, ₹36 लाख हो रहे खर्च

क्या बोले प्रधानाध्यापक केडी शर्मा: वहीं, प्रधानाध्यापक केडी शर्मा का कहना है कि इसमें कुछ नया नहीं किया. हम सभी एक टीम भावना के आधार पर कार्य करते हैं. बच्चों की सफलता ही हमारी सफलता है. हम जितना समय हो सके, उतना समय बच्चों को देते हैं. बच्चे भी हमारी अपेक्षाओं मे खरा उतरते हैं.

छात्रों ने कही ये बातः राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय कपकोट के छात्रों ने बताया कि वो यहां खेल-खेल में पढ़ाई करते हैं. जिसके कारण उनका दिन यहां कब बीतता है? पता ही नहीं चलता है. कभी-कभी हम सुबह से शाम तक भी पढ़ते रहते हैं. हमें यहां पढ़ने में काफी मजा आता है.

Last Updated :Mar 1, 2023, 4:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.