बनारसी दीदी: बोली भौजाई, महंगाई शौतन सावन म हरिअर चूड़ियों पहिनल न देत ब

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Published : Jul 30, 2022, 4:05 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 8:25 PM IST

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वाराणसी: आधुनिक शहर और आज के ग्रामीण परिवेश में हमारी रीति रिवाज कहीं खो गए हैं. लेकिन काशी के गांव हरिहरपुर में महिलाएं आज भी अपनी परंपराओं को संजोय कर रखे हुए हैं. हालांकि इन परंपराओं पर इस बार महंगाई की मार जरूर देखने को मिल रही है, लेकिन उसके बावजूद भी महिलाएं अपने अंदाज में सावन को मना रही है. हरिहरपुर गांव की महिलाएं आज भी सदियों पुरानी सावन की परंपरा (centuries old Sawan tradition) को जीवित रखे हुए हैं. बिल्कुल पारंपरिक अंदाज में झूले पर महादेव संग पार्वती को झूलाते हुए कजरी गीत गाकर सावन मना(Celebrating Sawan by singing Kajri song) रही हैं. बनारसी दीदी ने भी हरिहरपुर गांव में महिलाओं से बातचीत कर जाना की वास्तव में सावन मनाया कैसे जाता है. सावन में कौन से गीत गाए जाते हैं और कैसे अपने रिश्तो को गीतों में दर्शाया जाता है. महिलाओं ने बताया कि सावन हमारा त्योहार नहीं बल्कि हमारे संबंधों का त्योहार हैं. मोदी-योगी के ऊपर कजरी सुनाते हुए महिलाओं ने काशी की महिमा के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि मोदी योगी के महिमा के कारण बनारस ही नहीं, बल्कि गांव का तस्वीर बदल गईल बा. बरसात में यहां सड़क पर तो निकले क खूब मन करेला, लेकिन इस सावन में हरी चूड़ी पहिनल न होत ब, काहे की चूड़िया पर महंगाई का मार पड़ गईल बा. मोदी योगी महंगाई कम करें बाकी विकास एकदम भौकाल हौ. देखें वीडियो...

Last Updated : Feb 3, 2023, 8:25 PM IST

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