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धर्मनगरी काशी में पंचकोशी परिक्रमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देगी योगी सरकार, ये है योजना

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Published : Dec 7, 2021, 1:19 PM IST

पंचकोशी परिक्रमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देगी योगी सरकार
पंचकोशी परिक्रमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देगी योगी सरकार

बनारस की पंचकोशी परिक्रमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देगी योगी आदित्यनाथ सरकार. तीन चरणों में पूरी होगी योगी सरकार की पंचकोशी परिक्रमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की योजना, 55.93 करोड़ खर्च करेगी सरकार. पंचकोशी यात्रा के दौरान 108 मुख्य मंदिरों, 44 धर्मशाला ( तीर्थयात्री आश्रयों या रात्रि विश्राम) और कुंड, कुओं और चौपाल संरचनाओं का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कराएगी सरकार.

वाराणसीः उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सनातन धर्म में ज्योतिर्लिंगाकार परिक्रमा पथ पंचकोशी यात्रा की विशेष मान्यता है. यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार बनारस की इस पंचकोशी परिक्रमा को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देगी. योगी सरकार के लगभग 70 किलोमीटर की इस धार्मिक मार्ग के विकास को लेकर फैसले से रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर आएंगे.

70 किलोमीटर के पांच पड़ावों की बदलेगी सूरत
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि क़रीब 70 किलोमीटर की पंचकोशी यात्रा को श्रद्धालु नंगे पांव करते हैं. पंचकोशी के पांच पड़ाव हैं- कंदवा, भीमचंडी, रामेश्वर, पांचों पांडव व कपिलधारा. पांच दिन की यात्रा में एक-एक रात्रि विश्राम का विधान है. इसके अलावा इस धार्मिक मार्ग पर मंदिर, कुंड, तालाब और यात्री निवास स्थल हैं.

पंचकोसी परिक्रमा की ख़ास बात यह है कि इस यात्रा में सभी धार्मिक स्थल दाहिने तरफ स्थित हैं. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पंचकोशी यात्रा को आसान करने के लिए इस धार्मिक मार्ग के सम्पूर्ण विकास की योजना बनाई है. इससे लोग साल भर इस धार्मिक यात्रा को कर सकेंगे. साथ ही लोगों को इसके महत्व का पता चल सकेगा.

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पर्यटन को नया आयाम
सरकार पंचकोशी मार्ग पर कई तरह के आयोजनों के करने की योजना बनाई है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और नए व्यवसाय के अवसर मिलेंगे. इससे वेलनेस सेंटर, रिसॉर्ट, होटल के अलावा पर्यटन सम्बंधित व्यवसाय को गति मिलेगी.

वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि इस यात्रा के दौरान 108 मुख्य मंदिरों, 44 धर्मशाला ( तीर्थयात्री आश्रयों या रात्रि विश्राम) और कुंड पड़ते हैं. कुओं और चौपाल संरचनाओं का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कराया जाएगा. पड़ावों में ऐतिहासिक महत्व के सभी कुंडों को सजाया संवारा जाएगा. खुले स्थान या कथा स्थल में उद्यानों को लैंडस्केपिंग के माध्यम से खूबसूरत बनाया जाएगा. पड़ावों या मंदिरों के आसपास अस्थायी आश्रयों या बैठने की सुविधाओं का विकास होगा, जिससे श्रद्धालुओं को आरामदायक जगह मिलेगी.

तीन चरणों में पूरा होगा काम
इसके अलावा पंचकोशी तीर्थ श्रद्धालुओं को मार्ग पर साइनेज मिलेगा जो उनको रास्ता दिखाएगा. पंचकोशी मार्ग के सभी धार्मिक स्थलों पर और पड़ाव पर उससे सम्बंधित पूरी जानकारी लिखी होगी. इसके अलावा बाहर से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को वाराणसी में आते ही पंचकोशी मार्ग की जानकारी रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप समेत कई जगहों पर मिलेगी. राज्य पुरातत्व विभाग के माध्यम से उच्च स्थापत्य और पुरातात्विक मूल्य वाले सभी मंदिरों के संरक्षण की पहल होगी. पंचकोशी यात्रा के लिए विरासत प्रबंधन योजना तैयार होगी और पैदल यात्रा अनुकूल मार्ग का विकास किया जाएगा.

वीडीए की उपाध्यक्ष ने बताया कि इस योजना के लिए शासन को डीपीआर भेजा जा चुका है अनुमति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा. ये योजना तीन चरणों में पूरी होगी. योगी सरकार इसके लिए 55.93 करोड़ खर्च कर रही है. पहला चरण 9.92 करोड़ में, दूसरे चरण में 23.86 करोड़ और तीसरे चरण में 22.15 करोड़ से धार्मिक स्थलों व रिवर फ्रंट का जीर्णोद्धार और विकास का काम होगा.

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