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महिलाओं के लिए मददगार साबित हो रही यह योजना, आप भी मुसीबत में ले सकती हैं मदद

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 17, 2023, 11:01 PM IST

वाराणसी में महिला सहायता प्रकोष्ठ और हेल्पलाइन डेस्क (Women Help Cell and Helpline Desk) से महिलाओं को काफी मदद मिल रही है. इसके कारण ही महिलाएं बेझिझक अपनी बात रख रही हैं. प्रकोष्ठ और हेल्पलाइन डेस्क के पास पहुंच रहे मामलों के निस्तारण (disposal of cases) में भी तेजी दिखाई गई है.

वाराणसी.
वाराणसी.

वाराणसी: महिला सुरक्षा उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल है और इसे लेकर नवरात्र के मौके पर पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चलाया जा रहा है. मिशन शक्ति के जरिए सरकार मातृ शक्ति को सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन दिला रही है. सरकार के इस प्रयास में महिला सहायता प्रकोष्ठ और हेल्पलाइन डेस्क भी अहम भूमिका निभा रही है. शोहदों और असामाजिक तत्वों के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई करने के साथ ही काउंसिलिंग और सुलह-समझौता भी करा रही है. वहीं सख्त कानून और महिला सुरक्षा के कारण बालिका-महिलाएं सुरक्षा पूर्वक कहीं भी आ-जा रही हैं.

वाराणसी.
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काउंसिलिंग से सुलझाए जा रहे मामले : योगी सरकार की तीन चरणों की मिशन शक्ति योजना ने महिलाओं को भयमुक्त होकर घरों से निकलने की आजादी दी है. योजना मनचलों को सबक सिखा रही है. वहीं विवादों को काउंसिलिंग के जरिये मामले सुलझाए जा रहे हैं. हर जिले में महिला सहायता प्रकोष्ठ और महिला हेल्पलाइन मौजूद हैमहिला हेल्पलाइन नंबर 1090 पर कहीं से भी शिकायत की जा सकती है. शिकायतकर्ता का नाम-पता गुप्त रखा जाता है. पारिवारिक मामलों से जुड़े प्रकरण भी प्रकोष्ठ में पहुंचते हैं, जिनका निस्तारण काउंसलिंग और अन्य माध्यमों से किया जाता है.

9 महीनों में महिला हेल्प डेस्क के पास कुल 2569 प्रकरण आए: एडिशनल सीपी महिला सुरक्षा ममता रानी ने बताया कि 9 महीनों में महिला हेल्प डेस्क में कुल 2569 प्रकरण आए, जिसमें 1356 प्रकरणों का आपसी समझौता के माध्यम से निराकरण किया गया. 460 पर एफआईआर, 208 पर एनसीआर, 192 पर निरोधात्मक और 306 लोगों के खिलाफ अन्य कार्रवाई की गई है. एडिशनल डीसीपी महिला सुरक्षा ने बताया कि महिला सहायता प्रकोष्ठ के माध्यम से काउंसलिंग करके भी मामले सुलझाए जा रहे हैं. प्रकोष्ठ में जनवरी 2023 से सितंबर 2023 तक महिलाओं से संबंधित 1418 मामले आए. इसमें 1346 प्रकरणों की काउंसिलिंग की गई. 398 मामलों में आपसी सामंजस्य से सुलह समझौता कराए गए. पंजीकृत अभियोगों की संख्या 98 रही. 393 मामले मेडिएशन सेंटर भेजे गए.

मिशन शक्ति ने दूर किया डर : उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति ने अभिभावकों के अंदर से भी डर खत्म किया है. महिलाओं में आत्मविश्वास भर दिया है, जिससे वे बेझिझक अपनी बात कहने और शिकायत करने से डर नहीं रही हैं. विभिन्न हेल्पलाइन नंबर व हेल्प डेस्क भी मददगार साबित हो रही है.

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