ETV Bharat / state

दूसरों के घरों को सुगंधित कर अपनी किस्मत चमका रहीं महिलाएं

author img

By

Published : Oct 29, 2021, 3:02 PM IST

वाराणसी के औद्योगिक क्षेत्र चांदपुर एरिया की महिलाएं अगरबत्ती बनाकर अपनी जीविका चला रहीं हैं व स्वालंबी बन रहीं हैं. अगरबत्ती बनाकर यह महिलाएं आत्मनिर्भर भारत की नई तस्वीर लिख रही हैं.

स्पेशल रिपोर्ट
स्पेशल रिपोर्ट

वाराणसी: प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रही यह वह महिलाएं हैं जो अगरबत्ती बनाने का काम करती हैं. जिले के औद्योगिक क्षेत्र चांदपुर एरिया में एक महिला उद्यमी द्वारा अगरबत्ती का कारखाना लगाया गया है. यहां क्षेत्र के आसपास की महिलाएं अपने घर का काम खत्म कर यहां आती हैं जो अपने बचे हुए खाली समय पर अगरबत्ती बनाने का काम करी हैं.

स्पेशल रिपोर्ट

चांदपुर इंडस्ट्रियल एरिया में महिला उद्यमी सीमा गुप्ता इस अगरबत्ती कारखाना का संचालन करती हैं. इनकी अगरबत्ती पूरे पूर्वांचल में सप्लाई होती है. करखाना बड़ा होने के कारण काम करने के लिए ज्यादा लोगों की जरूरत पड़ती है. ऐसे में यहां दो शिफ्ट में लगभग 10 महिलाएं काम करतीं हैं.

डॉल्फिन इंडस्ट्रीज की महिला उद्यमी सीमा गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री के योजनाओं से जुड़कर अगरबत्ती बनाने का व्यवसाय शुरू किया था. पिछले पांच-छह सालों से यह काम चल रहा है. यहां ज्यादातर वह महिलाएं हैं जो खाली समय हमारे यहां का आकर काम करती हैं. उनका हमारे यहां से जो पैसा मिलता है. उनका निजी कार्य हो जाता है और कंपनी को भी मुनाफा होता है.

श्यामा कुमारी गिरी ने बताया कि वह अगरबत्ती कंपनी में काम करती हैं. घर का काम करने के बाद जो समय 3-4 घंटे बच जाते हैं. उस समय में वह यह काम करती हैं. इतने समय में वह रोज 150 से 200 रुपये का काम कर लेती हैं. जो पैसा मिलता है, उसे घर के खर्चे या बच्चों के खर्चे में लगाती हैं. पति कि मृत्यु हो जाने के बाद घर को देखना पड़ता है. यह चार पैसे गृहस्थी के काम आ जाते हैं.

वहीं, राधा यादव ने बताया कि घर के बगल में अगरबत्ती का कारखाना है. वह लोग यहां आकर काम करती हैं. इसका फायदा उन लोगों को ज्यादा मिलता है. यहां पर 2-4 घंटे काम करते हैं. चार आदमी के बीच में रहते हैं तो काम में मन भी लगा रहता है.

यहां काम करके समय भी पास हो जाता है. 100-200 रुपये का काम भी मिल जाता है. घर का काम खत्म करके हम लोग यहां आ जाते है. शाम के 5:00 बजे तक काम करते हैं. यहां से जो पैसा मिलता है, बच्चों के पढ़ाई में व घर के खर्चे में काम आ जाता है.

इसे भी पढ़ें-कोरोना की दस्तक से उड़ी भारतीय कालीन निर्यातकों की नींद

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.