ETV Bharat / state

Robotic Cleaning System:काशी के पौराणिक कुंड और सरोवरों की सफाई करेंगे राेबाेट, जानिए कैसे?

author img

By

Published : Feb 6, 2023, 7:49 PM IST

वाराणसी में अब पौराणिक महत्व के कुंड और सराेवराें की सफाई का काम आसानी से हाे सकेगा. खास बात यह है कि सफाई का काम अब राेबाेट (Varanasi Robotic cleaning system) संभालेंगे. नगर निगम ने इसके लिए प्रस्ताव भी बनाकर भेज दिया है.

वाराणसी में राेबाेट करेंगे सराेवराें की सफाई.
वाराणसी में राेबाेट करेंगे सराेवराें की सफाई.

वाराणसी में राेबाेट करेंगे सराेवराें की सफाई.

वाराणसी : धर्म और आस्था की नगरी वाराणसी में बाबा विश्वनाथ विराजमान हैं. यहां पर कई धार्मिक और पौराणिक महत्व के कुंड और सराेवर हैं. इनकी सफाई में नगर निगम काे कई तरह की परेशानियाें का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन जल्द ही इसका समाधान हाेने जा रहा है. दरअसल, अब सफाई की जिम्मेदारी राेबाेट निभाएंगे. कर्मचारी केवल उन्हें कमांड देने का काम करेंगे. शुरुआती दौर में ऐसे 2 रोबोट खरीदे जाएंगे. इस पर करीब 20 लाख रुपये तक का खर्च आने का अनुमान है. एक बार चार्ज हाेने के बाद ये राेबाेट लगातार 3 घंटे तक काम करेंगे. एक बार में ये दाेनाें राेबाेट 50 किलाे तक कचरा निकाल सकेंगे.

नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने बताया कि जिले में काफी संख्या में पर्यटक आते-जाते हैं. वे मंदिराें के अलावा प्राचीन सराेवर और कुंड के भी दर्शन करते हैं और उनका आचमन भी करते हैं. ऐसे में इन सराेवराें काे साफ रखना बेहद जरूरी है. मणिकर्णिका कुंड, दुर्गाकुंड, लक्ष्मी कुंड, पिशाच मोचन कुंड, अगस्त्य कुंड, लक्ष्मी कुंड, सूर्य सरोवर, रामकुंड, लोलार्क कुंड आदि का धार्मिक और पौराणिक दृष्टि से काफी महत्व है. काफी संख्या में भक्त इनमें स्नान भी करते हैं. अच्छी तरह इनकी देखभाल न हाेने से इनमें काफी गंदगी फैली रहती है.

वाराणसी में पौराणिक महत्व के कई  कुंड और सराेवर हैं.
वाराणसी में पौराणिक महत्व के कई कुंड और सराेवर हैं.

गंगा में हाे चुका है राेबाेट का ट्रायल : नगर आयुक्त ने बताया कि वाराणसी में लगभग 30 से ज्यादा कुंड और पौराणिक सरोवर मौजूद हैं. इनका जीर्णोद्धार पिछले दिनों स्मार्ट सिटी योजना के तहत किया गया था. अब नगर निगम इन पवित्र कुंड और सरोवरों की साफ-सफाई रोबोट की मदद से करवाएगा. इसके लिए खास तौर पर तैयार किए गए राेबाेट का इस्तेमाल होगा. नगर आयुक्त ने बताया कि पिछले दिनों गंगा के पानी की साफ सफाई के लिए एक कंपनी को ट्रायल के लिए बुलाया गया था. कंपनी काे सराेवर और कुंडाें की गंदगी से भी अवगत कराया गया था. इस पर कंपनी ने खास किस्म का राेबाेट तैयार किया है. गंगा में राेबाेट का ट्रायल भी हाे चुका है. ट्रायल सफल रहा है. अब इनके खरीद-फरोख्त की तैयारी चल रही है. इनमें लगभग 20 लाख रुपये का खर्च आने की उम्मीद है.

वाराणसी में कुंड और सराेवराें की सफाई आसानी से हाे सकेगी.
वाराणसी में कुंड और सराेवराें की सफाई आसानी से हाे सकेगी.

एक बार में 3 घंटे तक चलेगा : नगर आयुक्त ने बताया कि राेबाेट आने के बाद सप्ताह और दिन के हिसाब से अलग-अलग कुंड और सरोवर की सफाई का प्लान बनाया जाएगा. नगर स्वास्थ्य अधिकारी और नगर निगम की टीम इस पर काम कर रही है. रोबोट पूरी तरह से सेंसर पर काम करते हैं. इनमें कैमरे भी लगे हुए हैं. इसके अलावा ये वाई-फाई से कनेक्ट रहेंगे. इसके जरिए कर्मचारी नगर निगम के स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम में बैठकर इसे नियंत्रित कर सकेंगे. अन्य जगहाें से भी इसे चलाना आसान हाेगा. पानी में उतरने के बाद एक बार चार्ज होने पर एक राेबाेट लगभग 3 घंटे तक चलेगा. डीजल से चलाने पर ये 5 घंटे तक चलेगा. पानी में उतरने के बाद इसमें लगे एक खास सेंसर के जरिए पानी में मौजूद किसी भी कचरे काे रोबोट कलेक्ट करके खास टैंक में इकट्ठा करेगा. एक राेबाेट 20 से 25 किलो तक कचरा इकट्ठा कर सकेगा. दाेनाें राेबाेट करीब 50 किलाे तक कचरा निकाल सकेंगे. टैंक भर जाने के बाद किनारे लाकर इनकी सफाई की जाएगी. इसके बाद फिर से राेबाेट काे सफाई के लिए उतारा जाएगा.

यह भी पढ़ें : अमृतसर की तरह ही काशी में भी है एक गोल्डन टेंपल, जानिए इसकी खासियत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.