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World Cancer Day: महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर अस्पताल ने जारी किए आंकड़े, 2022 में 22 हजार नए कैंसर मरीज हुए पंजीकृत

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Published : Feb 4, 2023, 6:06 AM IST

वाराणसी के महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल ने “विश्व कैंसर दिवस” (World Cancer Day) पर कैंसर मरीजों के आंकड़ों को जारी किया है. इस दौरान साल 2022 के कैंसर मरीजों की संख्या 22 हजार के ऊपर बताया गया है.

वाराणसी के
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वाराणसीः कैंसर मरीजों को बेहतर इलाज उपल्ब्ध कराने के लिए वाराणसी के महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल में समय-समय पर सुविधाएं बढ़ाई जाती रहती हैं. जिसका परिणाम है कि अस्पताल में इलाज पाने वाले मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है. शुक्रवार को “विश्व कैंसर दिवस” की पूर्व संध्या पर इन कैंसर अस्पताल के द्वारा वर्ष 2022 में अस्पताल में पंजीकृत नए मरीजों का आंकड़ा जारी किया गया. आंकड़ों के अनुसार उपरोक्त वर्ष में कुल 22,194 नए कैंसर मरीजों का पंजीकरण हुआ था.

बता दें कि, कैंसर की बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रति वर्ष 4 फरवरी को “विश्व कैंसर दिवस” के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के कारण, लक्षण एवं उपलब्ध इलाज के बारे में जानकारी देना है. इस बार “विश्व कैंसर दिवस” का थीम “क्लोज द केयर गैप” है. आसान शब्दों में इसका अर्थ इलाज की उपलब्धता को बढ़ाना है. कैंसर दिवस के मौके पर बनारस के कैंसर अस्पताल ने मरीजों के आंकड़े को जारी किया है.

मुख गले के कैंसर के ज्यादा आए मरीज
जारी आंकड़े के बारे में अस्पताल के मुख और गले कैंसर विभाग के प्रभारी डॉ. असीम मिश्रा ने बताया कि 2022 में एम.पी.एम.एम.सी.सी. एवं एच.बी.सी.एच. में इलाज के लिए आने वाले ज्यादातर मरीजों में गले और मुख के कैंसर की शिकायत होती है. जिसके लिए तंबाकू उत्पादों का सेवन सबसे बड़ा कारण है. तंबाकू सेवन से न केवल कैंसर, बल्कि और भी दूसरे तरह की गंभीर बीमारियां होती हैं.

थायरॉइड कैंसर के इलाज़ की भी है आधुनिक व्यवस्था
बताते चलें कि इसी विभाग के अंतर्गत ही थायराइड कैंसर का भी इलाज किया जाता है. यदि आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक लगभग 300 थायराइड कैंसर मरीजों का इलाज हुआ है. इस बारे में डॉक्टर असीम बताते हैं कि, थायरॉइड कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में आधुनिक सुविधा उपलब्ध है. जिसमें सर्जरी और इसके बाद रेडियो आयोडिन थेरेपी दोनों शामिल है.

डॉ. असीम मिश्रा ने बताया कि वैसे तो सभी तरह के कैंसर को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है. हालांकि थायराइड कैंसर में इसकी भूमिका और भी अधिक हो जाती है. इलाज के लिए अस्पताल आने वाले अधिकतर मरीज एडवांस स्टेज (देरी से) पर होते हैं. जिससे बीमारी के प्रबंधन में चुनौतियां आती हैं. चूंकि पुरुषों की तुलना में यह कैंसर महिलाओं में अधिक होता है. इसलिए महिलाओं को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. अगर थायराइड ग्रंथि के पास किसी भी तरह का सूजन या गांठ हो तो एक बार डॉक्टर से मिलकर सलाह ले लेना चाहिए. इससे न केवल समय रहते बीमारी का पता चल सकता है. बल्कि प्रभावी इलाज में भी मदद मिलती है.

22 हजार से ज्यादा आए नए मरीज
अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने कहा कि, कैंसर मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए एम.पी.एम.एम.सी.सी. एवं एच.बी.सी.एच. प्रतिबद्ध है. इसके लिए हम टाटा मेमोरियल सेंटर के मोटो सेवा, शिक्षा एवं अनुसंधान पर केंद्रित होकर आगे बढ़ रहे हैं. इस वर्ष लगभग 22 हजार से ज्यादा नए मरीज का पंजीकरण हुआ है. जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है.

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