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55 साल से बंद अंडर पाथवे को खोलने की कवायद, मिलेगी जाम से मुक्ति

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Published : Dec 9, 2020, 1:44 PM IST

वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन से रोडवेज तक जाने वाली अंडर पाथवे को खोला जाएगा. इसके लिए राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल ने उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक से वार्ता की. अब स्टेशन पर यात्रियों का दबाव कम होगा, क्योंकि पैदल यात्रियों के साथ ही छोटे वाहन भी अंडर पाथवे से गुजर सकेंगे.

रेलवे जीएम से मिले राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल.
रेलवे जीएम से मिले राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल.

वाराणसी: पिछले 55 साल से कैंट रेलवे स्टेशन से रोडवेज तक जाने वाले अंडर पाथवे को बंद किया गया है. विकास की रफ्तार बढ़ने से शहर में जगह की कमी हो गई है, जिससे रोडवेज से लेकर कैंट रेलवे स्टेशन तक जाम की स्थिति बनी रहती है. ऐसे में बुधवार को वाराणसी पहुंचे उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल से स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क मंत्री रवींद्र जायसवाल ने वार्ता की.

कैण्ट जंक्शन के पहले छोटे स्टेशनों पर हो ट्रेनों का ठहराव
राज्यमन्त्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग रवीन्द्र जायसवाल ने उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल, मण्डल रेल प्रबंधक लखनऊ संजय त्रिपाठी व उत्तर रेलवे के सभी विंग के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बताया कि वाराणसी शहर के अंदर ही उत्तर रेलवे के कई छोटे स्टेशन शिवपुर, लोहता, जंसा हैं, जिनके विकास की भी विस्तृत रूपरेखा तैयार होनी चाहिए. इसके अलावा इन स्टेशनों से गुजरने वाली नॉनस्टॉप ट्रेनों का ठहराव यहां आवश्यक रूप से हो, ताकि कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का दबाव कम हो सके.

रेलवे जीएम से मिले राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल.
रेलवे जीएम से मिले राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल.

राज्यमन्त्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि 55 साल पहले कैंट रोडवेज के सामने बने रेलवे के अंडर पाथवे को बंद किया गया था. पाथवे के खुलने के बाद कैंट स्टेशन के सामने यात्रियों का दबाव कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि महाप्रबंधक उत्तर रेलवे आशुतोष गंगल से इस मामले पर बात की गई है. रेलवे की टेक्निकल टीम को यह कार्य सौंपा गया है, जल्द ही टेक्निकल टीम सर्वे कर रिपोर्ट आशुतोष गंगल को सौंप देगी.

कर्मचारियों के आवास से लेकर स्टेशनों पर कई नए बदलाव करने के सुझाव
मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि 70 वर्ष पहले बना उत्तर रेलवे कर्मचारी आवास अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था मे है. इससे अनहोनी की आशंका बनी रहती है. कर्मचारियों के लिए उसी स्थान पर मल्टीस्टोरी फ्लैटों का निर्माण कराए जाने का प्रस्ताव है.

काशी अकेली नगरी है, जहां संगीत के चारों क्षेत्रों के पुरोधा मौजूद हैं. महाप्रबन्धक के सामने प्रस्ताव रखा गया है कि दीवारों पर साहित्यकारों व कवियों के दोहों को जगह दी जाए, ताकि बनारस में आए लोगों को काशी की विरासत के बारे में पता चल सके. साथ ही यहां बनारसी खान-पान पूड़ी-कचौड़ी, जलेबी के स्टॉल लगाए जाएं, जिससे लोग यहां के मशहूर व्यंजनों से रूबरू हो सकें.

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