वाराणसी: राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट की घोषणा किए जाने के बाद वाराणसी के संतों में आक्रोश देखा जा रहा है. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ट्रस्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे. उन्होंने कोर्ट की अवमानना कर ट्रस्ट बनाए जाने का आरोप लगाया है. साथ ही ट्रस्ट में शामिल संतों पर भी उन्होंने आपत्ति जताई है. उन्होंने वासुदेवानंद को फर्जी शंकराचार्य बताया है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि ट्रस्ट की पूरी प्रक्रिया गलत है. सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है. नरेंद्र मोदी ने संसद में खड़े होकर झूठ बोला है. सब कुछ फर्जी है. सब कुछ गड़बड़ है. फर्जी शंकराचार्य को उसमें सदस्य बनाया गया है. ट्रस्ट में कोई चीज भी सही नहीं है कि इसमें विचार किया जाए, इसलिए यह ट्रस्ट अस्वीकार है. इस ट्रस्ट को अस्वीकार कराने के लिए न्यायालय में जाया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि हमारा आगे का कार्य है कि अच्छे वकीलों को खोजना और उनसे बात विमर्श करके उनके साथ बैठकर के केस बनवाना. फिर सुप्रीम कोर्ट में उसको दाखिल करना. ताकि देश की जनता और राम भक्तों के साथ न्याय हो सके. जो यह बदमाशी हो रही है राम जन्मभूमि में राम जन्म मंदिर बनाने की जगह राम जन्म का स्मारक बनाया जा रहा है और संघियों को उसमें सदस्य बनाया जा रहा है. यह षड्यंत्र पूरी तरह समाप्त किया जाएगा.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने वासुदेवानंद को फर्जी शंकराचार्य बताते हुए कहा कि ट्रस्ट में उनको इसलिए शामिल किया गया है कि राम भक्त और देश की जनता को यह बताया जा सके कि हमारे ट्रस्ट में शंकराचार्य भी शामिल हैं. वासुदेवानंद जी वही व्यक्ति हैं जिनको हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट सभी रोक चुकी हैं कि अपने आपको ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य मत कहो. शंकराचार्य का जो चिन्ह है उनको धारण मत करो. तुम सन्यासी भी नहीं हो, क्योंकि उनका सन्यास भी प्रमाणित नहीं है.