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काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण में उजाड़े गए दुकानदारों की अब तक नहीं खुली दुकानें, ये है इसकी वजह

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Published : May 18, 2023, 10:00 PM IST

विश्वनाथ धाम के निर्माण को डेढ़ साल हो गए हैं. लेकिन, निर्माण के दौरान उजाड़े गए दुकानदारों की अब तक परिसर में दुकान नहीं खुल पाई है. दुकानदारों का कहना है कि बैंक के कारण देरी हो रही है.

दुकानदारों की अब तक नहीं खुली दुकानें
दुकानदारों की अब तक नहीं खुली दुकानें

विश्वनाथ धाम के निर्माण में उजाड़े गए दुकानदारों की अब तक नहीं खुली दुकानें

वाराणसी: विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद यहां आने वाले भक्तों को हर दिन नई सुविधाएं देने के लिए प्रशासन लगातार कुछ न कुछ नया करता रहता है. लेकिन, विश्वनाथ धाम के निर्माण के लिए जिन दुकानों को उजाड़ गया था, उनको अभी तक स्थापित नहीं किया गया है. प्रशासन का यह प्लान अब ठंडे बस्ते में चला गया है. विश्वनाथ धाम परिसर में स्थापित दुकानों को बने हुए आज लगभग डेढ़ साल का समय बीत चुका है. लेकिन, मंदिर परिसर में बनी एक भी दुकान का शटर तक नहीं खुला है. सिर्फ एक फूड कोर्ट, एक बड़ा साड़ी शोरूम के साथ एक गिफ्ट कॉर्नर को नए सिरे से खोला गया है. बाकी के 76 दुकानदारों की दुकानों के शटर अभी तक बंद हैं. इन सभी दुकानों को धाम के निर्माण के दौरान हटा दिया गया था.

इस बारे में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर में निर्मित 41 छोटी दुकानों का क्षेत्रफल लगभग 12.00 वर्ग मीटर है. इन दुकानों को कुल 76 लोगों को 27 सितंबर 2022 को आवंटित किया गया था. इनमें से 75 व्यक्ति ऐसे हैं जिनके द्वारा मंदिर पुर्ननिर्माण से पहले किरायेदार के रूप में छोटी दुकानों का मंदिर परिक्षेत्र में संचालित किया जाता था. परिषद के द्वारा इन्हें दुकान हटाने के लिए मुआवजा भी दिया गया था.

मंदिर के पुर्ननिर्माण के बाद परिषद ने यह तय किया कि किराए पर दुकान चलाने वाले दुकानदार दुर्बल आय वर्ग के हैं. इसलिए इन्हीं लोगों को लगभग एक लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर की छूट देते हुए एक परिवार से एक व्यक्ति की नीति के तहत दुकान आवंटित की जाए. जिससे इनके जीविकोपार्जन में मदद हो सके. इसीलिए परियोजना परिक्षेत्र से प्रभावित इच्छुक किरायेदार दुकानदारों से कई क्रम में बात की गई. जिसमें बैंक से लोन दिलवाने में उनकी मदद करने पर सहमति के बाद 27 सितम्बर, 2022 को लॉटरी की प्रक्रिया के माध्यम से दुकाने आवंटित की गई. लॉटरी के बाद लीज डीड के डॉक्युमेंटेशन की प्रक्रिया में भी आवंटियों के साथ कई बार वार्ता की गई. सहमति के आधार पर लीज डीड में भी परिवर्तन करते हुए आयुक्त महोदय से अनुमोदन(Approval) लिया गया.

इसी अनुसार कार्रवाई करते हुए विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों व आवंटियों के मध्य परिषद् द्वारा मंदिर परिक्षेत्र में कई बार बैठक भी कराई गई है. जिसके बाद अब तक कुल 12 आवंटियों द्वारा लीज एग्रीमेन्ट पूरा कराकर 08 दुकानें एक्टिव की जा चुकी है. शेष आवंटियों द्वारा लीज एग्रीमेन्ट की कार्रवाई कराई जा रही है. वर्तमान में सभी दुकानें आवंटित हो चुकी हैं. परिषद की ओर से कोई भी कार्रवाई शेष नहीं है. आवंटी लोन कराकर लीज एग्रीमेन्ट करा रहे हैं. शीघ्र ही दुकानें खुल जाएंगी.

वहीं, जिन दुकानदारों को दुकानें आवंटित की गई हैं, उनका कहना है कि दुकानों को लेने के लिए बैंकों के साथ जो भी बातचीत है, उसमें काफी वक्त लग रहा है. शुरुआत में तो बैंकों ने लोन देने की बात कही थी, लेकिन बाद में बैंक कागजात लेने के बाद पीछे हटने लगे. हालांकि, मंदिर प्रशासन इस मसले पर अपनी तरफ से प्रयास कर रहा है, लेकिन जो भी देरी हो रही वह बैंक की तरफ से हो रही है. जिसके कारण यह परेशानी उठानी पड़ रही है और अब तक दुकान नहीं खुल पाई है.


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