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पीएम मोदी ने बास्केटबॉल खिलाड़ी प्रशांति सिंह से किया वादा, काशी में खुलेगा खेलो इंडिया सेंटर

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Published : Nov 9, 2020, 3:04 PM IST

पीएम मोदी ने काशीवासियों को 614 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी है. पीएम ने वर्चुअल माध्यम से इन परियोजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत की. इस क्रम में बास्केटबॉल खिलाड़ी प्रशांति सिंह ने भी पीएम मोदी से बातचीत की. प्रशांति के मुताबिक पीएम मोदी ने वाराणसी में खेलो इंडिया का सेंटर खोलने का वादा किया है. सुनिए प्रशांति सिंह के साथ खास बातचीत...

प्रशांति सिंह से खास बातचीत.
प्रशांति सिंह से खास बातचीत.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 614 करोड़ों रुपये से ज्यादा की सौगात देकर दिवाली का तोहफा दिया है. इस दौरान उन्होंने जहां पब्लिक से जुड़े कई प्रोजेक्ट दिए. वहीं खिलाड़ियों को भी कई तोहफे दिए हैं. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में चेंजिंग रूम 58 बेड का हॉस्टल और स्टेडियम के कई रिनोवेशन के काम का शिलान्यास व लोकार्पण भी किया. इस दौरान पीएम ने अर्जुन अवॉर्ड से नवाजी गई बास्केटबॉल के इंटरनेशनल प्लेयर पद्मश्री प्रशांति सिंह से बातचीत भी की. प्रधानमंत्री ने उनसे क्या बातचीत की, इसे उन्होंने ईटीवी भारत के साथ साझा किया है. सुनें प्रशांति सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

प्रशांति सिंह से खास बातचीत.
संवाद में रखी अपनी बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सबसे पहले बातचीत की शुरुआत पद्मश्री प्रशांति सिंह ने की. संवाद कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री के आगे प्रशांति सिंह ने खिलाड़ियों को मिल रही सुविधाओं की बात रखी. वहीं नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर और बेहतर किए जाने की बात कहते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री के आगे एक मांग भी रखी है.

काशी में खुले नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
प्रशांति सिंह ने प्रधानमंत्री से कहा कि नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर भी बनारस को चमकाने के लिए प्रयास किए जाने की जरूरत है. उन्होंने पंजाब, हरियाणा व केरल की तर्ज पर वाराणसी में खेलो इंडिया के तहत बनाए जा रहे नेशनल सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करने की मांग की. प्रशांति सिंह के मुताबिक प्रधानमंत्री ने इन मांगों को पूरा करने की सहमति भी जताई है.
कम समय में सुधरेगा खेल का स्तर
प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद प्रशांति ने बताया कि जो लाभ 6 से 10 साल में मिलना है. वह खेलो इंडिया के तहत इस सेंटर के खुलने के बाद 2-4 साल में ही मिलने लगेगा. उन्होंने बताया कि पूर्वांचल में 250 किलोमीटर की परिधि में ऐसा सेंटर कहीं नहीं है. सेंटर के बनने से इसका सीधा फायदा इस परिधि में होने वाले खिलाड़ियों को मिलेगा. सेंटर बनने के बाद से बनारस में खुलने के बाद यहां लगातार नेशनल कैंप लगेंगे. जिन खिलाड़ियों को बच्चे टीवी पर देखते हैं, उनसे सीधे मिल सकेंगे.
नई प्रतिभाओं को मिलेगा मौका
प्रशांति का कहना है कि इस सेंटर के खुलने के बाद हमारे यहां के बच्चों को और प्रशिक्षण के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. माता-पिता को भी खेल की अहमियत और इसमें अपने बच्चों का भविष्य दिखेगा. बिना सुविधाओं के जब काशी से कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकल चुके हैं, तो जब सुविधाएं मिलने लगेंगी तो हालात और परिदृश्य एकदम बिल्कुल अलग हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस को लेकर जो नीतियां बने उनके सलाहकार समिति में खेल क्षेत्र में योगदान देने वालों को भी शामिल किया जाए, क्योंकि उन्हें न केवल समस्याओं का पता होता है, बल्कि निवारण का भी रास्ता मालूम होता है. प्रशांति ने कहा कि यदि मुझे मौका मिला, तो मैं भी जरूर सहयोग करूंगी. इस संदर्भ में बार-बार मंत्रालय को याद भी दिलाती रहूंगी.

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