वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर सोमवार देर रात कंट्रोलर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे. ये स्कॉलर पीएचडी एडमिशन में धांधली के आरोपों की जांच के लिए 7 महीने पहले बनी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं. धरने पर बैठे रिसर्च स्कॉलर्स ने पूरी रात विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. यहां तक उन्होंने धरनास्थल पर ही डिनर किया. खबर लिखे जाने तक मंगलवार दोपहर तक स्कॉलर्स का धरना जारी था.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में सोमवार रात एक बार फिर पीएचडी एडमिशन में धांधली का मुद्दा गरमा गया. कई रिसर्च स्कॉलर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर बीएचयू कंट्रोलर ऑफिस के पास धरने पर बैठ गए. ये छात्र पूरी रात ऑफिस के बाहर बैठे रहे और वहीं रात का भोजन भी किया. धरने की सूचना मिलते ही प्रॉक्टोरियल बोर्ड के गार्डों ने मौके पर पहुंचकर छात्रों से वार्ता की मगर छात्र अड़े रहे. विरोध प्रदर्शन करने वाले में सभी छात्र हिंदी विभाग के रिसर्च स्कॉलर हैं. धरने पर बैठे छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इनकी प्रवेश परीक्षा रद्द करने का साजिश कर रहा है.
छात्र वैभब मीना ने बताया कि बीएचयू के हिंदी विभाग में वर्ष 2022 शोध प्रवेश परीक्षा लिया गया था. इसके बाद एक छात्र गुट ने पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया था. छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित कर दी. 7 महीने पहले कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को दे दी. इस रिपोर्ट को अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है. विरोध करने वाले छात्र अब 2022 जुलाई की सभी एडमिशन को निरस्त करने की मांग करने लगे हैं. इससे एडमिशन लेने वाले स्कॉलर परेशान हैं और फैक्ट फाइडिंग कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं.
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