वाराणसी: काशी मोक्ष की नगरी यहां मोक्ष की चाह में दुनिया के कोने कोने से लोग पहुंचते हैं अपनों की मृत्यु के बाद उनका दाह संस्कार करने और उनके पिंडदान करने के लिए भी बड़ी संख्या में लोगों का आना होता है लेकिन सनातन धर्म के प्रति बढ़ रही लोगों की अटूट श्रद्धा और विश्वास अब साथ समंदर पार से विदेशियों को भी इस आस्था से जोड़ने का काम कर रहा है. इसी उम्मीद और आस्था के साथ वाराणसी पहुंची इटली मदरीना ने अपनी मां की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार भले ही विदेश में किया हो लेकिन आत्मा की शांति के लिए काशी पहुंची और गंगा घाट पर पूरे विधि विधान से अपनी मां का पिंडदान और तर्पण संपन्न किया.
दरअसल, वाराणसी में बड़ी संख्या में विदेश से भी लोग अपनों के मोक्ष की खातिर अंतिम अनुष्ठान करने के लिए पहुंचते हैं. विदेशी कलाकार हो या विदेशी एक्टर अक्षर काशी में विशेष अनुष्ठान के लिए वह आते रहे हैं. इस क्रम में दशाश्वमेध घाट पर अपनी 72 वर्षीय मां स्वर्गीय एलेक्स संदरा का पिंडदान करने इटली निवासी 38 वर्षीय मदरीना पहुंची.
पेशे से पेंटर और पियानो बजाने वाली मदरीना का कहना है की मां ने मरने से पहले इच्छा जताई थी कि उनका पिंडदान काशी में किया जाए, क्योंकि उन्होंने सुना था की पिंडदान करने से आत्मा को मुक्ति मिलती है. मां की अंतिम इच्छा पूरी करने से मुझे काफी सुकून की अनुभूति हो रही है.
मां की मौत के बाद अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए काशी पहुंची इटली की मदरीना, गंगा किनारे किया पिंडदान
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jan 5, 2024, 10:33 AM IST
|Updated : Jan 5, 2024, 11:12 AM IST
मां की मौत के बाद अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए इटली की मदरीना काशी पहुंचीं. गंगा किनारे पहुंचकर उन्होंने मां का पिंडदान किया.
वाराणसी: काशी मोक्ष की नगरी यहां मोक्ष की चाह में दुनिया के कोने कोने से लोग पहुंचते हैं अपनों की मृत्यु के बाद उनका दाह संस्कार करने और उनके पिंडदान करने के लिए भी बड़ी संख्या में लोगों का आना होता है लेकिन सनातन धर्म के प्रति बढ़ रही लोगों की अटूट श्रद्धा और विश्वास अब साथ समंदर पार से विदेशियों को भी इस आस्था से जोड़ने का काम कर रहा है. इसी उम्मीद और आस्था के साथ वाराणसी पहुंची इटली मदरीना ने अपनी मां की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार भले ही विदेश में किया हो लेकिन आत्मा की शांति के लिए काशी पहुंची और गंगा घाट पर पूरे विधि विधान से अपनी मां का पिंडदान और तर्पण संपन्न किया.
दरअसल, वाराणसी में बड़ी संख्या में विदेश से भी लोग अपनों के मोक्ष की खातिर अंतिम अनुष्ठान करने के लिए पहुंचते हैं. विदेशी कलाकार हो या विदेशी एक्टर अक्षर काशी में विशेष अनुष्ठान के लिए वह आते रहे हैं. इस क्रम में दशाश्वमेध घाट पर अपनी 72 वर्षीय मां स्वर्गीय एलेक्स संदरा का पिंडदान करने इटली निवासी 38 वर्षीय मदरीना पहुंची.
पेशे से पेंटर और पियानो बजाने वाली मदरीना का कहना है की मां ने मरने से पहले इच्छा जताई थी कि उनका पिंडदान काशी में किया जाए, क्योंकि उन्होंने सुना था की पिंडदान करने से आत्मा को मुक्ति मिलती है. मां की अंतिम इच्छा पूरी करने से मुझे काफी सुकून की अनुभूति हो रही है.