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मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट जारी, यात्रियों की होगी निगरानी

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Published : May 29, 2022, 2:54 PM IST

इन दिनों विदेशों में मंकीपॉक्स की बीमारी तेजी से फैल रही है. इसके रोकथाम को लेकर वाराणसी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट (Varanasi Health Department Alert) मोड पर है.

वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया
वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया

वाराणसी: विदेशों में तेजी से फैल रही मंकीपॉक्स बीमारी को रोकने के लिए भारत सरकार ने अलर्ट जारी किया है. मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी होने के बाद वाराणसी स्वास्थ्य विभाग अलर्ड मोड पर है. वाराणसी स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए अलर्ट जारी किया है. वाराणसी जनपद में मंकीपॉक्स प्रभावित देशों (monkeypox affected country) से आने वाले यात्रियों की निगरानी (monitoring of passengers) की जाएगी. स्वास्थय विभाग की ओर से सभी को यह निर्देशित किया गया है कि 21 दिनों के भीतर यदि कोई भी व्यक्ति मंकीपॉक्स के प्रभावित देशों से आया है, तो उसकी जांच की कराई जाए.


गौरतलब है कि इन दिनों विदेशों में मंकीपॉक्स की बामरी तेजी से फैल रही है. वाराणसी के सीएमओ डॉक्टर संदीप चौधरी ने बताया कि इस बीमारी का कोई भी मरीज अभी तक भारत में देखने को नहीं मिला है. लेकिन विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी कर दी गई है, जिसके तहत सभी को निर्देशित किया गया है कि 21 दिनों के भीतर जो भी यात्री इस बीमारी से प्रभावित देशों से आया है अथवा ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आया है. जो व्यक्ति मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा से लौटा है. ऐसे लोगों की जांच कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि ऐसे सभी संदिग्ध मरीजों को चिन्हित करके उन्हें आइसोलेट किया जाएगा और उन्हें अलग वार्ड में रखा जाएगा. जब तक कि वह स्वस्थ नहीं हो जाते हैं.

सीएमओ डॉक्टर संदीप चौधरी ने बताया कि संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि संदिग्ध सभी रोगियों की सूचना आईडीएसपी के जनपदीय नोडल अधिकारी एवं idspvaranasi@gmail. com पर मेल कर दी जाए. ऐसे रोगी का इलाज करते समय सभी संक्रमण नियंत्रण उपायों का पालन किया जाना जरूरी है उन्होंने बताया कि धनात्मक रोगी के चयनित होने की स्थिति में बीते 21 दिनों में रोगी के संपर्क में आए व्यक्तियों की पहचान के लिए तत्काल कांटेक्ट ट्रेसिंग की गतिविधि को भी आरंभ किया जाएगा और इनके जांच के लिए सैंपल को पुणे भेजा जाएगा.

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डॉक्टर संदीप चौधरी का कहना है कि यह बीमारी एक तरीके का वायरल जूनोटिक बीमारी है, जो मुख्य रूप से मध्य पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्र में होती है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी में मरीजों में अधिकांश का बुखार, चकत्ते सूजी हुई लिम्फनोडस जैसे लक्षण पाए जाते हैं. जिसके कारण अनेक प्रकार की चिकित्सकीय जटिलताएं भी हो जाते हैं. मंकीपॉक्स एक स्व सीमित बीमारी है. जिसके लक्षण सामान्य 2 से 4 सप्ताह तक प्रदर्शित होते हैं. यह वायरस जानवरों से मनुष्य में अथवा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है.

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