वाराणसीः धर्म नगरी काशी में अब 'वन स्कूल वन नेशन' के तहत जी-20 देशों की झलक नजर आएगी. जी-20 में काशी आने वाले मेहमानों के स्वागत को लेकर के शिक्षा विभाग ने एक अनोखा प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत अब स्कूली बच्चे जी-20 देशों के संस्कृति सभ्यता व वहां की विरासत का परिचय देंगे, उसको लेकर के बकायदा वन स्कूल वन नेशन कांसेप्ट को शुरू किया गया है.
बता दें कि इस कांसेप्ट के जरिए शिक्षा विभाग ने अलग-अलग स्कूलों को जी-20 के देशों को बांटा गया, जहां एक स्कूल एक देश की संस्कृति, इतिहास, विरासत, भागौलिकता व अन्य सभी प्रकार के पहलुओं पर गहन अध्ययन करेगा और बकायदा बच्चों के जरिए उसकी प्रस्तुति दी जाएगी. इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी प्रस्तुत किया जाएगा.
स्कूलों को सौंपा गया एक देश का नाम
डीआईओएस गिरीश कुमार सिंह ने इस बारे में बताया कि 'वन नेशन वन स्कूल का कॉन्सेप्ट पूरी तरीके से G20 पर आधारित है. हमने स्कूलों को 19 देश और यूरोपियन संघ के बारे में जानने के लिए एक-एक देश का नाम दिया है. वो उसके बारे में डीटेल में ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे. जब भी हमारे डेलीगेट्स आएंगे, उनके सामने हम उस देश का कल्चर, वहां का डांस रिप्रजेंट कर पाएंगे. अगर ऐसा होता है तो यह न केवल भारत में बल्कि G20 देशों के लेवल पर वाराणसी के लिए होस्ट करने करने का एक अच्छा तरीका होगा'.
पहले फेज में लिए गए हैं 20 स्कूल
डीआईओएस गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि 'इस तरह से हमने पहले फेज में 20 स्कूलों को लिया है. फिर दूसरे फेज में 20 स्कूल लिए जाएंगे. एक देश को हमने 4 स्कूलों में बांटा है. 2 सीबीएसई-आईसीएसई और 2 यूपी बोर्ड में, उनमें भी एक कंपटीशन होगा कि इन स्कूलों में हमारे देश के बारे में बेहतर कौन कर सकता है. हमने उस देश की स्वच्छता को कैसे देखा, वहां के रहने के तरीके को कैसे समझा, वहां की जियोग्राफिक स्थिति कैसी है, वहां के संविधान को कितना समझ पाए हैं. इन सभी के लिए यह एक अच्छा अवसर है'.
बच्चों के लिए है एक बेहतरीन अवसर
डीआईओएस ने बताया कि 'जो विद्यालय जिस देश के बारे में ये जानकारी प्राप्त कर लेगा, तो हमें लगता है कि आने वाले दिनों में किसी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों के लिए आसानी होगी'. उन्होंने बताया कि 'उन बच्चों को किसी देश के बारे में जानने व समझने का मौका मिलेगा. इसके साथ ही स्कूल के बच्चों को उस देश से संबंधित करंसी व परिस्थिति के बारे में उसे याद रहेगा. इससे G20 में वाराणसी के लिए किसी देश को रिप्रजेंट करने में आसानी रहेगी'.
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