ETV Bharat / state

नवरात्रि का पांचवा दिन : कोविड प्रोटोकॉल के साथ भक्तों ने किए स्कंदमाता के दर्शन

author img

By

Published : Apr 17, 2021, 12:18 PM IST

आज चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन है. नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है. वाराणसी के बागेश्वरी देवी मंदिर में आज के दिन भक्त बड़ी ही श्रद्धा के साथ दर्शन करते हैं और अपनी मुरादें पूरी होने की कामना करते हैं. इस बार भी भक्त कोरोना महामारी के बीच भी माता के दरबार में अपनी अर्जी लगाने पहुंचे.

स्कंदमाता
स्कंदमाता

वाराणसी : नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता के दर्शन-पूजन का विधान है. भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय अर्थात स्कंद की माता होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पड़ा. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के पांचवें दिन यदि स्कंदमाता की सच्चे मन से पूजा की जाए तो संतान सुख की प्राप्ति होती है. पूजा से प्रसन्न होकर मां भक्तों के लिए खुशियों के भंडारे खोल देती हैं. माता को प्रसन्न करने के लिए महिलाएं मंदिरों में पचरा गीत गाती हैं. बता दें कि काशी में स्कंदमाता बागेश्वरी रूप में विराजमान हैं. जैतपुरा थाना अंतर्गत बागेश्वरी देवी मंदिर में नवरात्रि के पांचवें दिन भक्त बड़ी ही श्रद्धा के साथ दर्शन करते हैं और अपनी मुरादें पूरी होने की कामना करते हैं. इस बार भी भक्त कोरोना महामारी के बीच माता के दरबार में अपनी अर्जी लगाने पहुंचे.

स्कंदमाता के दर्शन
संतान सुख की होती है प्राप्ति

स्कंदमाता संतान सुख देने वाली माता हैं. जिन दंपतियों को विवाह के काफी समय के बाद भी संतान सुख नहीं मिलता है, वह नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की आराधना करते हैं. ऐसा करने से उन्हें संतान सुख के साथ-साथ धन वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. स्कंदमाता को लाल पुष्प की माला और लाल चुनरी चढ़ाने से मां अति प्रसन्न होती हैं और भक्तों के सभी बिगड़े काम बनाती हैं.

दर्शन पर पड़ रहा महामारी का असर

वैसे तो नवरात्रि में माता के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है. मगर इस बार भी कोरोना वायरस की खतरनाक लहर ने भक्तों को घर पर ही माता का पूजन-अर्चन करने पर मजबूर कर दिया है. हालांकि, अभी भी कुछ लोग माता के दर्शन के लिए मंदिरों में पहुंच रहे हैं, मगर उन्हें भी कोरोना के सख्त नियमों का पालन करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में मंदिर प्रशासन द्वारा भी सिर्फ उन्हें ही प्रवेश दिया जा रहा है, जो कोरोना वायरस के नियमों का पालन कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- पीएम मोदी की संतों से अपील- कोरोना संकट की वजह से अब प्रतीकात्मक ही रखा जाए कुंभ

पहले सैनिटाइजेशन, उसके बाद दर्शन

मंदिर में आने के लिए सबसे पहले भक्तों को सैनिटाइज होना पड़ रहा है. सभी के लिए मास्क पहनना भी अनिवार्य है. बिना मास्क के किसी का भी प्रवेश मंदिर परिसर में वर्जित है. यहां कुछ भक्त ऐसे भी पहुंच रहे हैं, जिनके बच्चों की शादी कोरोना के कारण पिछेल वर्ष टल गई थी और इस बार भी पहले जैसे हालात होने के कारण उन्हें डर सता रहा है. इसलिए वे अपनी मुरादें पूरी करने के लिए माता के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.