वाराणसी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने बयानों को लेकर इन दिनों काफी चर्चा में हैं. इन्हीं बयानों को लेकर वाराणसी में पिछले दिनों एक अधिवक्ता और उनके सहयोगियों की तरफ से राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था. इस प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को बहस हुई. न्यायालय ने वादी पक्ष की बातें सुनने के बाद 21 मार्च को अगली सुनवाई की तारीख तय की है.
भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र के संयोजक शशांक शेखर त्रिपाठी अधिवक्ता हैं. उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के लिए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए कोर्ट उज्जवल उपाध्याय की अदालत में परिवाद पत्र दाखिल किया था. शुक्रवार को परिवाद पत्र की पोषणीयता पर सुनवाई हुई. वादी शशांक शेखर त्रिपाठी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार तिवारी, आनंद पाठक,अजय सिंह, चंद्रभान गिरी , दीपक वर्मा व वादी शशांक शेखर त्रिपाठी ने अपना पक्ष रखा.
पोषणीयता पर बहस करते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं और उनके द्वारा हेट स्पीच दी गई है. वादी शशांक शेखर त्रिपाठी के अधिवताओं ने यह भी कहा कि यह वाद रिप्रेजेंटेटिव सूट टाइप का है. क्योंकि, प्रार्थी वादी भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र का संयोजक हैं और वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी विभिन्न अनुषंगिक संगठनों में भी पदाधिकारी हैं.
राहुल गांधी के बयान से करोड़ों लोग प्रभावित हो रहे हैं. देश में राहुल गांधी के बयान से धार्मिक विद्वेष फैलने का खतरा बढ़ गया है. राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे धार्मिक सांस्कृतिक संगठन की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड नामक आतंकवादी संगठन से करके भी अपराध किया है. 10 करोड़ से ज्यादा स्वयंसेवक राहुल गांधी के बयान से दुखी व अपमानित महसूस कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बयान दिया कि भारत में सिखों को दोयम दर्जे का नागरिक समझा जाता है और अल्पसंख्यकों दलितों आदिवासियों पर हमले हो रहे हैं. राहुल गांधी भारत के संविधान की शपथ लेकर संविधान व देश के खिलाफ षडयंत्र रचने का कार्य कर रहे हैं और देश में अराजकता पैदा कर नागरिक संघर्ष का षड्यंत्र रच रहे हैं.