वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) में फीस वृद्धि का मामला बढ़ता जा रहा है. विश्वविद्यालय में छात्र अनिश्चितकालीन धरने पर बैठकर अलग-अलग तरीके से विरोध दर्ज करा रहे हैं. मंगलवार को छात्रों ने विरोध करने का एक अनोखा तरीका इख्तियार किया है. जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि को लेकर छात्र संगठनों ने भैंस के आगे बीन बजाकर कही ये बातें.. दरअसल, विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि को लेकर के छात्रों के संग नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (AVBP), वर्तमान छात्र संगठन एकजुट है. इसको लेकर छात्र 15 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. इसी क्रम में मंगलवार को छात्रों के एक समूह ने विश्वविद्यालय में भैंस के आगे बीन बजाकर अपना विरोध दर्ज कराया. इससे पहले छात्रों द्वारा भैंस के ऊपर विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति के नाम का पोस्टर लगाया. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र फीस वृद्धि को लेकर विश्वविद्यालय में भैंस के आगे बीन बजाकर अपना विरोध दर्ज कराया. इस दौरान छात्रों ने कहा कि यह हालत इस समय विश्वविद्यालय प्रशासन की हो गई है. हम लगातार फीस वृद्धि को लेकर के आंदोलन कर रहे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी बातों को उसी तरह के अनसुना कर रहा है. जैसे भैंस के सामने बीन बजाने से कोई फर्क नहीं पड़ता, वैसे ही विश्वविद्यालय प्रशासन को भी हमारी मांगों और प्रदर्शन से कोई फर्क नहीं पड़ता है. इसलिए हम लोग इस तरीके से विश्वविद्यालय प्रशासन व कुलपति का विरोध कर रहे हैं.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र फीस वृद्धि को लेकर विश्वविद्यालय में भैंस के आगे बीन बजाकर अपना विरोध दर्ज कराया. अनवरत जारी रहेगा आंदोलनछात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन फीस वृद्धि को लेकर के सफेद झूठ बोल रहा है. अगर फीस की बढ़ोतरी नहीं हुई है तो 2021 से विद्यार्थियों से बढ़ी हुई फीस क्यों वसूल की गई है. विश्वविद्यालय प्रशासन का यह पुराना रवैया है कि वह अपने मामले में हमेशा लीपापोती करता है. हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा. जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी मांगों को नहीं मांग लेता है.विश्वविद्यालय प्रशासन ने विरोध को बताया है अवैधबता दें कि बढ़ी हुई फीस के मामले में बीते दिनों विश्वविद्यालय प्रशासन के जरिए एक लेटर जारी कर छात्रों द्वारा किए गए आंदोलन को अवैध ठहराते हुए कहा गया था कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई फीस नहीं बढ़ाई है. लेकिन इसके दूसरी ओर छात्र लगातार लामबंद हैं. छात्र आरोप लगा रहे हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी किया गया लेटर पूरी तरीके से फर्जी है. छात्रों की फीस बढ़ाई गई है. यह भी पढ़ें- BHU के अध्ययन में खुलासा, नेपाली लोगों का 70 फीसदी जीन इंडियन