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जानिए, बाबा विश्वनाथ कब मां गौरा का गौना लेकर होंगे रवाना, काशी में कबसे शुरू होगा होली का हुड़दंग

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Published : Mar 2, 2023, 7:55 PM IST

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बाबा विश्वनाथ के साथ मां गौरा का पूजन हुआ.

काशी में बाबा विश्वनाथ कब मां गौरा का गौना लेकर रवाना होंगे. काशी में होली का हुड़दंग कबसे शुरू होगा. चलिए जानते हैं इस बारे में.

वाराणसी: रंगभरी एकादशी का पर्व कल धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में रंगभरी को लेकर गजब का उत्साह है, क्योंकि बाबा भोलेनाथ माता पार्वती की विदाई यानी गौना कराने के लिए आज काशी पहुंच चुके हैं. काशी में माता पार्वती की विदाई के लिए पहुंचे भोलेनाथ का स्वागत भी पारंपरिक तरीके से किया गया और कल भोलेनाथ अपने परिवार के साथ रजत पालकी में सवार होकर भक्तों के साथ होली खेलने के लिए शहर भ्रमण पर निकलेंगे. इसके पहले आज उनके स्वागत के साथ अन्य तैयारियां भी जोर-शोर से जारी हैं. वहीं, बाबा भोलेनाथ को अर्पित करने के लिए मथुरा जेल के कैदियों ने खास तैयार गुलाल को काशी भेजा है.

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बाबा विश्वनाथ के साथ मां गौरा का पूजन हुआ.

गौना की बारात को लेकर रंगभरी की पूर्व संध्या पर गुरूवार को महंत आवास पहुंचने पर बाबा की बारात का अनूठा स्वागत हुआ. हर बार तो बारातियों का स्वागत ठंडाई पिलाकर किया जाता था मगर इस बार दूल्हा बने बाबा विश्वनाथ पर ठंडई और गुलाब जल की फुहार उड़ा कर किया गया. इसके बाद फल, मेवा और बाबा के लिए खासतौर पर मिश्राम्बु द्वारा तैयार की गई ‘रंगभरी ठंडई’ से पारंपरिक स्वागत किया गया.



गौरा का गौना कराने बाबा विश्वनाथ के आगमन पर अनुष्ठान का विधान पं.सुनील त्रिपाठी के अचार्यत्व में बाबा का ससुराल में स्वागत धर्मसंघ शिक्षा मण्डलम् के महामंत्री जगजीतन पाण्डेय ने धर्मसंघ के 121 वैदिक बटुकों ने मंत्रोचार के साथ बाबा का अभिषेक करने के बाद वैदिक सूक्तों का घनपाठ किया गया. काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी के सानिध्य में विविध अनुष्ठान हुए. बाबा विश्वनाथ व माता पार्वती के गोदी में प्रथम पूज्य गणेश की प्रतिमाओं को एक साथ सिंहासन पर विराजमान कराया गया. पूजन-आरती कर भोग लगाया गया. पहले डमरुओं की गर्जना हुई फिर महिलाओं और नगर के कलाकारों ने मंगल कामनाओं से परिपूर्ण पारंपरिक गीत लोकनृत्य से ससुराल पहुचे काशी पुराधिपति का स्वागत हुआ. मंहत आवास गौने के बधाई गीतों से गुंजायमान हो उठा.

रंगभरी एकादशी पर तीन मार्च को बाबा के पूजन का क्रम ब्रह्म मुहूर्त में मंहत आवास पर आरंभ होगा. बाबा के साथ माता गौरा की चल प्रतिमा का पंचगव्य तथा पंचामृत स्नान के बाद दुग्धाभिषेक किया जाएगा. दुग्धाभिषेक पं. वाचस्पति तिवारी और संजीव रत्न मिश्र करेंगे. सुबह पांच से साढ़े आठ बजे तक 11 वैदिक ब्रह्मणों द्वारा षोडशोपचार पूजन पश्चायत फलाहार का भोग लगा महाआरती की जाएगी. दस बजे चल प्रतिमाओं का राजसी श्रृंगार एवं पूर्वाह्न 11.30 बजे भोग आरती के बाद के बाबा का दर्शन आम श्रद्धालुओं के खोला जाएगा. जन सामान्य के लिए दर्शन सायं पांच बजे तक होंगे. डमरू दल के सदस्यों के लिए दोपहर एक से तीन बजे तक समय निर्धारित किया गया है.

बाबा की पालकी की शोभायात्रा टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास से विश्वनाथ मंदिर तक निकाली जाएगी. इससे पूर्व प्रात: साढ़े दस बजे से शिवांजलि संगीत समारोह का परंपरागत आयोजन होगा. शिवांजलि संगीत समारोह की शुरुआत महेंद्र प्रसन्ना द्वारा शहनाई की मंगलध्वनि से होगी. कीर्तिमानधारी शंखवादक हैदराबाद के श्रीवल्लभ, जयपुर के भजन गायक मोहन स्वामी, रुद्रनाद बैंड के लीड सिंगर अमित त्रिवेदी, आराधना सिंह, सरोज वर्मा, पुनीत ‘पागल बाबा’, संजय दुबे आदि कलाकार भजनों की प्रस्तुतियां देंगे. वहीं आज मथुरा जेल के कैदियों द्वारा तैयार गुलाल भी काशी पहुंचा है. सब्जियों और फलो के मिश्रण से तैयार किया गया हर्बल गुलाल कल बाबा को अर्पित किया जाएगा.

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