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मोदी के गोद लिए गांव की 14 साल की प्रधानमंत्री बदलना चाहती है गांव की सूरत

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Published : Dec 13, 2019, 10:18 AM IST

Updated : Dec 16, 2019, 9:19 AM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रधानमंत्री के गोद लिए गांव नागेपुर में बाल चुनाव संपन्न हुआ. इस चुनाव में 24 प्रत्याशी में से 6 बच्चों को 6 पदों के लिए चुना गया.

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आकांक्षा बनी 14 साल की उम्र में प्रधानमंत्री.

वाराणसी: भारत बाकी देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़े इसे लेकर पीएम मोदी हर रोज कुछ न कुछ नया प्लान करते रहते हैं. इन सबके बीच पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनके द्वारा गोद लिए गांव नागेपुर में महज 14 साल की एक बाल प्रधानमंत्री पीएम मोदी के सपने को पूरा करने की तैयारी कर रही है.

बाल चुनाव हुआ संपन्न
केंद्र सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने और उसका लाभ हर किसी को देने के उद्देश्य से पहली बार बाल संसद का गठन किया गया है. बाल संसद का गांव नागेपुर में पहली बार चुनाव संपन्न हुआ, जिसमें 475 पात्र 11 वर्ष से 17 वर्ष की उम्र के बच्चों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इसके तहत बच्चों ने एक प्रधानमंत्री के साथ पांच अन्य मंत्रिमंडल के सदस्यों को चुना.
यह लोग बाल संसद में कार्य कर बच्चों और महिलाओं की समस्याओं को ग्रामीण लेवल पर अपनी आवाज से बुलंद करेंगे. बाल संसद की पहल का उद्देश्य बच्चों को चुनावी प्रक्रिया से अवगत कराते हुए तमाम उन मुद्दों पर बच्चों का ध्यान आकर्षित करना है.

आकांक्षा बनी 14 साल की उम्र में प्रधानमंत्री.

6 पदों पर चुने गए उम्मीदवार
वाराणसी प्रशासन ने केंद्र सरकार के निर्देश पर ऐसे 4 गांव में बाल संसद का गठन करने की तैयारी की है, जिसकी शुरुआत नागेपुर से की गई है. बाल संसद को एक प्रधानमंत्री, एक उप प्रधानमंत्री और चार मंत्री मिले हैं. हाल ही में राजकीय प्राथमिक विद्यालय नागेपुर में इसका चुनाव और काउंटिंग संपन्न हुई, जिसमें 11 वर्ष से 17 वर्ष की आयु के 475 पात्र बाल मतदाताओं में से 302 बाल मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने प्रत्याशियों को चुना. प्रधानमंत्री, उपप्रधानमंत्री, खेल मंत्री, बाल स्वास्थ्य और पोषण मंत्री, संस्कृति मंत्री और बाल संरक्षण मंत्री सहित कुल 6 पदों पर 24 उम्मीदवारों में से 6 प्रत्याशियों को जीत मिली. प्रधानमंत्री का पद 14 साल की आकांक्षा राजभर को मिला.

आकांक्षा ने विकास के लिए कर रखी है तैयारी
आकांक्षा का कहना है कि गांव का विकास हो, गांव में कन्या विद्यालय और कॉलेज खुले यह कार्य का मुख्य एजेंडा होगा. गांव में शराब पीने वालों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी आकांक्षा ने कर ली है. आकांक्षा के मंत्री मंडल में वर्तमान में 13 साल का शुभम यादव बतौर डिप्टी पीएम, 13 साल का चंदानी पर्यावरण मंत्री, 15 साल की रूप कुमारी बाल संरक्षण और चाइल्डलाइन मंत्री, 12 साल का जंग बहादुर खेल कौशल विकास और संस्कृति मंत्री और 14 साल का गौरव स्वास्थ्य और पोषण मंत्री के तौर पर कार्य कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- लखनऊः राज्य कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, जिलाधिकारी को सौंपा प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन

प्रधानमंत्री सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्य कक्षा 8 से दसवीं तक के छात्र-छात्राएं हैं. मंत्रिमंडल के सदस्य बच्चों कि शिक्षा के साथ महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और महिला सशक्तिकरण के साथ गांव के विकास में महत्वपूर्ण योगदान निभाए. स्थानीय लोग भी इस नए प्रयास से बेहद खुश हैं. गांव के लोगों का कहना है कि बच्चों की तरफ से किया जा रहा है यह प्रयास निश्चित तौर पर बदलाव का बड़ा संकेत है.

Intro:स्पेशल स्टोरी:

इस स्टोरी में विजुअल और बाइट बिना एडिट किए भेजी है, इसकी पैकेजिंग यदि हेड ऑफिस में हो तो बेहतर होगा।

वाराणसी: वैसे दो भारत की धाक इस वक्त पूरी दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जमाने में जुटे हुए हैं. हर मोर्चे पर भारत बाकी देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़े इसे लेकर पीएम मोदी हर रोज कुछ ना कुछ नया प्लान कर रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनके द्वारा गोद लिए गांव नागेपुर में महज 14 साल की एक बाल प्रधानमंत्री पीएम मोदी के सपने को पूरा करने की तैयारी कर रही है. सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा कि बाल प्रधानमंत्री लेकिन यह सच है दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से बाल अधिकार महिला सशक्तिकरण और बच्चों को शिक्षा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के साथ गांव में होने वाली योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने और उसका लाभ हर किसी को देने के उद्देश्य से पहली बार बाल संसद का गठन किया गया है. बाल संसद के लिए पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के उनके गोद लिए गांव नागेपुर में पहली बार चुनाव संपन्न हुआ जिसमें 475 पात्र 11 वर्ष से 17 वर्ष की उम्र के बच्चों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर एक प्रधानमंत्री के साथ पांच अन्य मंत्रिमंडल के सदस्यों को चुना है, जो अब बाल संसद में कार्य कर बच्चों और महिलाओं की समस्याओं को ग्रामीण लेवल पर अपनी आवाज से बुलंद करेंगे.


Body:वीओ-01 दरअसल 11 वर्ष से 17 वर्ष की आयु के बच्चों ने लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी देते हुए पीएम मोदी के गोद लिए गए गांव नागेपुर में पहली बार बाल संसद के चुनाव में अपनी सहभागिता दी बाल संसद की पहल का उद्देश्य बच्चों को चुनावी प्रक्रिया से अवगत कराते हुए तमाम उन मुद्दों पर बच्चों का ध्यान आकर्षित कर आना है. जिनसे वह अछूते थे. वाराणसी प्रशासन ने केंद्र सरकार के निर्देश पर ऐसे 4 गांव में बाल संसद का गठन करने की तैयारी की है. जिसकी शुरुआत पीएम मोदी के गोद लिए गांव नागेपुर से की गई है. बाल संसद को एक प्रधानमंत्री एक उप प्रधानमंत्री और चार मंत्री मिले हैं हाल ही में राजकीय प्राथमिक विद्यालय नागेपुर में इसका चुनाव और काउंटिंग संपन्न हुई जिसमें 11 वर्ष से 17 वर्ष की आयु के 475 पात्र बाल मतदाताओं में से 302 बाल मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने प्रत्याशियों को चुना जिसके बाद प्रधानमंत्री उपप्रधानमंत्री खेल मंत्री बाल स्वास्थ्य और पोषण मंत्री संस्कृति मंत्री और बाल संरक्षण मंत्री सहित कुल 6 पदों पर 24 उम्मीदवारों में से 6 प्रत्याशियों को जीत मिली जिनमें प्रधानमंत्री का पद 14 साल की आकांक्षा राजभर को मिला.


Conclusion:वीओ-02 14 साल की आकांक्षा जीत के बाद पूरी तरह से आश्वस्त है कि वह बच्चों की समस्याओं को उठाएगी गांव में होने वाली सरकारी योजनाओं में तेजी आए और गांव का विकास हो गांव में कन्या विद्यालय और कॉलेज खुले यह उसके कार्य का मुख्य एजेंडा होगा इतना ही नहीं गांव में शराब पीने वालों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी आकांक्षा ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ मिलकर करने की कर ली है. आकांक्षा के मंत्री मंडल में वर्तमान में 13 साल का शुभम यादव बतौर डिप्टी पीएम, 13 साल का चंदानी पर्यावरण मंत्री, 15 साल की रूप कुमारी बाल संरक्षण और चाइल्डलाइन मंत्री, 12 साल का जंग बहादुर खेल कौशल विकास और संस्कृति मंत्री और 14 साल का गौरव स्वास्थ्य और पोषण मंत्री के तौर पर कार्य कर रहे हैं. प्रधानमंत्री सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्य कक्षा 8 से दसवीं तक के छात्र-छात्राएं हैं. मंत्रिमंडल के सदस्य बच्चों कि शिक्षा के साथ महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और महिला सशक्तिकरण के साथ गांव के विकास में महत्वपूर्ण योगदान निभाए. इसके लिए भी रूपरेखा तैयार की जा रही है. स्थानीय लोग भी इस नए प्रयास से बेहद खुश हैं गांव के लोगों का कहना है कि बच्चों की तरफ से किया जा रहा है यह प्रयास निश्चित तौर पर बदलाव का बड़ा संकेत है. क्योंकि अब तक ग्राम पंचायत लेवल पर चीजें आगे बढ़ाई जाती थी और जब बच्चे इन चीजों में शामिल होंगे वह इस प्रक्रिया को समझें तो निश्चित तौर पर लोकतंत्र मजबूत होगा और बच्चे इस प्रक्रिया को जानकर देश को मजबूत करने की दिशा में बड़ी पहल करेंगे. वहीं प्रधानमंत्री के पद पर चुनी गई पीएम मोदी के गोद लिए गांव की प्रधानमंत्री आकांक्षा भी अभी से बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है स्कूल से साइकिल से लौटकर रास्ते में बच्चों से रुक कर बात करना, उनकी समस्याएं जानना और उनकी समस्याओं को दूर करने के साथ कई एनजीओ उसके साथ मिलकर इस दिशा में कार्य करने की रूपरेखा भी आकांक्षा ने तैयार कर ली है. बस अब जहां की तलाश है जहां बाल संसद का निर्माण होगा और लोकतंत्र के आधार पर बच्चे इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे.


बाईट- आरती राय, बाल वोटर
बाईट- रेशम, बाल वोटर
बाईट- नंदलाल मास्टर, चुनाव कराने वाले व्यक्ति
बाईट- आकांक्षा राजभर, बाल प्रधानमंत्री
बाईट- श्यामसुंदर, स्थानीय निवासी
Last Updated : Dec 16, 2019, 9:19 AM IST
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