वैदिक मंत्रों से प्रारंभ हुआ आईआईटी बीएचयू का दसवां दीक्षांत समारोह

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Published : Apr 10, 2022, 4:19 PM IST

etv bharat

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटी बीएचयू में आज दसवां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. दीक्षांत समारोह का शुभारंभ वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ हुआ.

वाराणसी: सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटी बीएचयू में आज दसवां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. दीक्षांत समारोह का शुभारंभ बिल्कुल अलग तरीके से वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ हुआ. वेद पाठी छात्र-छात्राओं ने वैदिक मंत्र का उच्चारण किया. मंगलाचरण के साथ IIT-BHU 10वां दीक्षांत समारोह प्रारंभ हुआ. हाथ में मेडल मिलते ही छात्रों का चेहरा खुशी से खिल उठा.

आईआईटी बीएचयू का दसवां दीक्षांत समारोह

आईआईटी बीएचयू के दसवीं दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर इसरो के चेयरमैन व अंतरिक्ष विभाग के सचिव सोमनाथ एस और आईआईटी बोर्ड ऑफ गवर्नर के चेयरमैन पद्मश्री डॉ. कोटा हरिनारायन रहे.

छात्रों पर जमकर बरसा सोना : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू ने आज कुल 58 विद्यार्थियों को 84 मेडल देकर पुरस्कार प्रदान किया. आईआईटी बीएचयू के विभिन्न पाठ्यक्रमों में कुल 16 सदस्य मेधावी छात्रों को उपाधि प्रदान की गई जिसमें 766 बीटेक, 252 आईआईटीडी, 368 एमटेक/ फार्मा, 36 एमएससी छात्रों को उपाधियां दी गईं. समारोह में 188 से अधिक शोधार्थियों को भी डिग्री प्रदान कर गई.

अमितेश पांडा ने बताया आज वह गोल्ड मेडल के लिए वह अपने मम्मी-पापा और अपने घर वालों को इसका श्रेय देना चाहती हैं. इसके साथ ही अपने टीचर्स को जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया. अभी जीवन में बहुत कुछ करना है ताकि इस मेडल के हम काबिल हो पाए. बस इतना ही कहना चाहूंगा कि आज से 40-50 साल बाद जब वह इस इंस्टिट्यूट में एक एलुमनाई बनकर आएं तो सबको उनपर गर्व हो. महामना की यह तपोस्थली उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है.

कुशल ने बताया कि वह भी अपनी उपलब्धि का श्रेय माता पिता को देना चाहेंगे. बताया कि सभी मिडिल उन्हें विभिन्न चीजों के लिए मिले हैं. इसमें एक प्रेसिडेंट मेडल भी है.
अनुश्री शेखावत ने बताया कि सबसे ज्यादा अपने डिपार्टमेंट में अंक लाने के लिए और गर्ल्स में सबसे ज्यादा अंक लाने के लिए यह अवार्ड मिला है. इसका श्रेय भी उन्होंने अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया. सभी दोस्त और परिवार के सदस्यों का बहुत बड़ा योगदान रहा यहां तक पहुंचने में. यहां पर एक अलग तरह की एनर्जी है जिसे हम बयां नहीं कर सकते.

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पुलकित गुप्ता ने बताया कि उन्हें डायरेक्टर गोल्ड मेडल अवार्ड मिला है जो एक बैच में केवल एक छात्र को मिलता है. वह भी उसके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए. इस सभी का योगदान उनके प्रोफेसर पैरंट्स और उनकी सिस्टर का है. महामना को बहुत ही धार्मिक रूप से देखता हैं.

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